आसमानी कहर : बांदा में बिजली गिरने से तीन बच्चों की मौत, पिछले साल 2,876 लोगों ने गंवाई अपनी जान

गौर करने वाली बात यह भी है कि बिजली सेंसर के जरिए मोबाइल ऐप पर जानकारी देने के बावजूद हर साल औसतन 2500 लोगों की मौत वज्रपात से हो रही है।

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आसमानी कहर : बांदा में बिजली गिरने से तीन बच्चों की मौत, पिछले साल 2,876 लोगों ने गंवाई अपनी जानइस घटना के बाद मृतक बच्चों के घर पर लगी ग्रामीणों की भीड़। फोटो : गाँव कनेक्शन

बांदा जिले के अतर्रा में शनिवार को खेत में भैंस चरा रहे तीन बच्चों के ऊपर आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई जबकि दो अन्य साथी गाज की आवाज से गिरकर घायल हो गए।

सूचना पर पहुंचे परिजनों ने आनन-फानन में सभी बच्चों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने तीन बच्चों को मृत घोषित कर दिया, जबकि दो बच्चों का उपचार चल रहा है। इन्हें मामूली चोटें आई हैं।

थाना अतर्रा क्षेत्र निवासी किसान बाबू के पुत्र विनोद (8 वर्ष), रामनारायण का पुत्र शिवपूजन (19 वर्ष) और राम भरोसी का पुत्र कमलेश (12 वर्ष) घर से कुछ दूर बटाई के खेतों पर दोपहर के समय भैंसों को चराने गए हुए थे।

बच्चे की मौत के बाद घर के बाहर बिलख-बिलख कर रोटी माँ। फोटो : गाँव कनेक्शन

रिमझिम बारिश होने की वजह से तीनों साथी खेतों के किनारे लगे बबूल के पेड़ के नीचे खड़े हो गए, बाकी दो साथी अखिलेश (14 वर्ष) पुत्र भोला और आशीष (11 वर्ष) पुत्र भैरमदीन कुछ दूर पर लगे दूसरे पेड़ के नीचे खड़े हो जहां आकाशीय बिजली गिरने सभी उसकी चपेट में आ गए।

इस घटना के बाद जिलाधिकारी अमित बंसल ने मृतकों के परिजनों के लिए चार-चार लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है।

प्रकृति के श्रोतों के कारण आकस्मिक मौतों के मामलों में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी के आंकड़ों पर गौर करें तो साल 2019 में देश में 8,145 लोगों की आकस्मिक मौत हुईं। इनमें आकाशीय बिजली गिरने से 35.3 % मौतें हुईं यानी 2,876 लोगों की मौत आकाशीय बिजली गिरने की वजह से हुई।

गौर करने वाली बात यह भी है कि बिजली सेंसर के जरिए मोबाइल ऐप पर जानकारी देने के बावजूद हर साल तकरीबन 2500 लोगों की मौत वज्रपात से हो रही है।


पिछले दिनों भी आकाशीय बिजली गिरने से जुलाई और जून के तीन हफ़्तों में देश के सिर्फ तीन राज्यों में आकाशीय बिजली की वजह से 154 लोगों की मौत हुई थी। इनमें झारखंड में 16 लोगों की मौत हो गई। जबकि चार जुलाई को बिहार में भी इससे 21 लोगों की मौत की ख़बर आई थी।

इस आकाशीय आपदा की मार सबसे ज़्यादा जून के आख़िरी हफ्ते में देखने को मिली, जब बिहार में 25 जून को केवल एक ही दिन में आकाशीय बिजली गिरने से 93 लोगों की जान गई। इसी दिन पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में भी 25 लोगों की मौत इसी आपदा के कारण हुई।

साल 2019 के आंकड़ों पर गौर करें तो प्रकृति के श्रोतों से मौतों के मामले में छत्तीसगढ़, तमिलनाडु और गोवा राज्यों में आकाशीय बिजली से मौतें होना प्रमुख कारण था।

छत्तीसगढ़ में प्रकृति के श्रोतों से साल 2019 में कुल 254 मौतें हुईं, इनमें 212 मौतें आकाशीय बिजली की वजह से थीं। इसी तरह तमिलनाडु में (70 में से 57 मौतें) और गोवा (3 में से 2) सामने आईं।

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