सिंचाई व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए ओडिश और छत्तीसगढ़ सरकार ने किये बड़े फैसले

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सिंचाई व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए ओडिश और छत्तीसगढ़ सरकार ने किये बड़े फैसले

लखनऊ। किसानों को खेती के लिए पानी की दिक्कत न हो इसके लिए दो राज्यों ने महत्वपूर्ण फैसले लिए है। पहला फैसला छत्तीसगढ़ सरकार ने लिया है जहां अब सिंचाई के बाद ही उद्योगों को पानी दिया जाएगा तो वहीं ओडिशा सरकार ने सिंचाई परियोजना के लिए 10000 करोड़ रुपए खर्च करने का फैसला लिया है।

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ओडिश के मुख्यममंत्री नवीन पटनायक ने शनिवार को 41 पार्वती गिरि मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना का उद्घाटन किया। इस योजना के तहत सिंचाई परियोजनाओं पर सरकार ने अगले पांच सालों में 10,000 करोड़ रुपए खर्च करने का फैसला किया है। इन 41 परियोजनाओं ने नौ जिलों की अतिरिक्त 50,000 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी, जिसमें गजपति, कालाहांडी, नबरंगपुर, बारगढ़, सोनपुर, बालांगीर, झारसुगुडा, संबलपुर और बौध शामिल हैं।

वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इन परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य साल 2019 तक अतिरिक्त 10 लाख हेक्टेयर भूमि तक सिंचाई के साधन पहुंचाना है, इस परियोजना से अभी तक सात लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचाई सुविधा मिली है।

उन्होंने आगे कहा कि सरकार अगले पांच सालों में इस परियोजना में 10,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी, ताकि ज्यादा से ज्यादा जमीन को इसके दायरे में लाया जा सके।

विपक्ष के नेता नरसिंह मिश्रा ने मुख्यमंत्री से गुजारिश की कि वह बोलांगीर की ज्यादा से ज्यादा खेती वाली जमीनों को इस परियोजना के दायरे में लाएं। इस परियोजना की योजना वित्त वर्ष 2011-12 में बनाई गई थी और इसका नाम सामाजिक कार्यकर्ता पार्वती गिरि के नाम पर रखा गया है।

छत्तीसगढ़ में सिंचाई के बाद ही उद्योगों को मिलेगा पानी

वहीं छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्य सचिव अजय सिंह ने शुक्रवार को कहा कि खेतों की सिंचाई के लिए जलापूर्ति के बाद ही औद्योगिक प्रयोजनों के लिए नदियों का पानी दिया जाएगा।

मुख्य सचिव अजय सिंह की अध्यक्षता में मंत्रालय (महानदी भवन) में राज्य जल संसाधन उपयोग समिति की 45वीं बैठक हुई। बैठक में राज्य की विभिन्न नदियों से पेयजलए निस्तार और औद्योगिक प्रयोजन के लिए विभिन्न शहरों और उद्योगों को जल आवंटन, जल प्रदाय किए जाने के प्रस्तावों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया।

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अजय सिंह ने बैठक में समिति के समक्ष पेयजल प्रदाय और औद्योगिक प्रयोजन के 11 प्रस्ताव रखे। समिति ने नौ प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की। दो प्रस्ताव विभिन्न कारणों से लंबित रखे गए। मुख्य सचिव ने इन दोनों प्रस्तावों के विषय में आवश्यक परीक्षण करने के निर्देश दिए।

(एजेंसियों से इनपुट)


      

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