कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाए जाने के विरोध में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर भाजपा नेता

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कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाए जाने के विरोध में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर भाजपा नेता

नयी दिल्ली। कांग्रेस नेता कमलनाथ को मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए मनोनीत किए जाने के विरोध में दिल्ली भाजपा के एक नेता सोमवार को अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए और आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता सिख विरोधी दंगों में शामिल थे। कमलनाथ सोमवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।

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पश्चिमी दिल्ली के तिलक नगर में भाजपा नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने भूख हड़ताल शुरू कर दी। इस इलाके में 1984 के सिख विरोधी दंगों से प्रभावित कई परिवार रहते हैं। मुख्यमंत्री पद के लिए कमलनाथ का चयन करने के कांग्रेस के कदम का विरोध करते हुए बग्गा ने कहा "(कमलनाथ को) मुख्यमंत्री पद के लिए मनोनीत करने के राहुल गांधी के फैसले के खिलाफ मैं अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठा हूं। वह (कमलनाथ) वही व्यक्ति हैं जो दिल्ली में सिखों के खिलाफ दंगों में शामिल थे।"

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उन्होंने कहा कि उनकी भूख हड़ताल तब तक जारी रहेगी जब तक कि कमलनाथ की जगह किसी और को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाता। भाजपा के कई नेता बग्गा के प्रदर्शन का समर्थन कर रहे हैं। भाजपा नेता और दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस ने कमलनाथ को मुख्यमंत्री पद के लिए मनोनीत कर सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंचायी है।

अकाली दल, भाजपा ने कमलनाथ को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाये जाने पर सवाल उठाया

लोकसभा में अकाली दल के एक सदस्य ने 1984 के सिख विरोधी दंगे के संबंध में कमलनाथ का उल्लेख करते हुए उन्हें मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाये जाने के कांग्रेस के फैसले को सिख विरोधी करार दिया है। शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए अकाली दल के प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि कांग्रेस सिख समाज को यह जवाब दे कि कमलनाथ को कैसे मुख्यमंत्री बना दिया गया।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इतिहास से सबक नहीं लिया है। मैं समझता हूं कि कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाने पर उसे सिख समाज का गुस्सा झेलना पड़ेगा। चंदूमाजरा ने आगे कहा कि सिखों के कत्लेआम के मामले में हाईकोर्ट द्वारा कांग्रेस के नेता को सजा सुनाये जाने का स्वागत किया जाना चाहिए। 1984 में सिखों का नरसंहार हुआ और ऐसे मामले को गंभीरता ले लिया जाना चाहिए।

भाजपा के प्रह्लाद पटेल ने सिख विरोधी दंगा मामले में उच्च न्यायालय के फैसले का जिक्र किया। उन्होंने कमलनाथ को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाये जाने पर भी सवाल उठाया। शून्यकाल के दौरान लोकसभा में भाजपा सदस्य 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा सजा सुनाये जाने के मुद्दे को भी उठा रहे थे।

भाजपा सदस्य अपने स्थान पर खड़े होकर 'सिखों के हत्यारे को सजा दो, 1984 के गुनहगारों को सजा दो' के नारे लगा रहे थे। उल्लेखनीय है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में हत्या की साजिश रचने का दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति विनोद गोयल की पीठ ने कुमार को आपराधिक षड्यंत्र रचने, शत्रुता को बढ़ावा देने, सांप्रदायिक सद्भाव के खिलाफ कृत्य करने का दोषी ठहराया।

आप ने फैसले का स्वागत किया


हाईकोर्ट के फैसले का आम आदमी पार्टी ने स्वागत किया है। एक पत्रकार वार्ता में पूर्व पत्रकार और आप नेता जरनैल सिंह ने कहा "1984 के सिक्ख दंगो पर माननीय उच्च न्यायालय के फैसले का हम स्वागत करते हैं। इस फैसले से लोगों में संदेश गया है कि जो लोग दंगों की राजनीति करते हैं, निर्दोष लोगों को मारकर उनकी अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकते हैं, वह बच नहीं सकते चाहे कितने भी साल हो जाए"। उन्होंने आगे कहा कि इस फैसले में माननीय उच्च न्यायालय ने यहां तक कह दिया कि जैसे सिक्खों के खून से कांग्रेस के हाथ रंगे हुए हैं, उसी तरह से गुजरात के अंदर मुसलमानों के खून से भाजपा के हाथ रखे हुए हैं।


   

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