वन विभाग की जमीन पर मंत्री की पत्नी बनवा रहीं रिसॉर्ट, मंत्रालय ने कहा, हम कुछ नहीं कर सकते
Mithilesh Dhar 25 July 2017 4:58 PM GMT
लखनऊ। छत्तीसगढ़ की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार में मंत्री और वरिष्ठ पार्टी नेता बृजमोहन अग्रवाल की पत्नी सविता अग्रवाल और पुत्र 4.12 एकड़ सरकारी वन भूमि खरीद कर रिसॉर्ट बनवा रहे हैं। ये जमीन सितंबर 2009 में खरीदी गई थी। रमन सिंह सरकार के कई अधिकारियों ने इस खरीद-बेच पर सवाल उठाए, यहां तक कि हाल ही में 30 जून को भी इस पर आपत्ति जताई गई लेकिन सविता अग्रवाल के पति के मंत्रालय ने लिखित रूप में कहा कि इस मामले में “कोई कार्रवाई करना संभव नहीं।”
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार बृजमोहन अग्रवाल 1990 से ही रायपुर के विधायक हैं। वो इस समय राज्य के कृषि, जल संसाधन और धार्मिक ट्रस्ट मंत्री हैं। जब उनकी पत्नी ने जमीन खरीदी थी तो वो शिक्षा, लोक निर्माण, संसदीय कार्य, पर्यटन और संस्कृति मंत्री थे। सविता अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ के महासमंद जिले के सीरपुर में जो जमीन खरीदी है उस पर श्याम वाटिका नामक रिसॉर्ट बनाया जा रहा है। उनके पति के मंत्रालय ने इस इलाके को विशेष पर्यटक क्षेत्र के रूप में चिह्नित किया है।
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इस प्रोजेक्ट के लिए अग्रवाल की पत्नी के अलावा बेटे ने भी जमीन खरीदी है। आदित्य सृजन प्राइवेट लिमिटेड और पुरबासा वाणिज्य प्राइवेट लिमिटेड ने इसी प्रोजेक्ट के लिए जमीन खरीदी है। कंपनी रिजस्ट्रार के दस्तावेज के मुताबिक आदित्य सृजन के डायरेक्टर सविता अग्रवाल और अभिषेक अग्रवाल हैं और पुरबासा वाणिज्य के एक डायरेक्टर अभिषेक अग्रवाल हैं।
जमीन के सौदे के वक्त भी रमन सिंह सरकार के कई अधिकारियों ने इस पर सवाल उठाए थे। सरकारी जमीन का सौदा जायज नहीं है। हाल ही में 30 जून को भी इस मामले पर आपत्ति जताई गई लेकिन सविता अग्रवाल के पति के मंत्रालय ने लिखित रूप में कहा कि इस मामले में “कोई कार्रवाई करना संभव नहीं।” अखबार के मुताबिक इस बारे में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और उनकी पत्नी से इस मामले में कई बार बात करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया और न ही मैसेज का कोई जवाब दिया। वहीं मंत्री के बेटे अभिषेक अग्रवाल ने कहा कि मैं इस मामले के बारे में नहीं जानता हूं, इसलिए मैं आपको कुछ नहीं बता सकता।
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Chhattisgarh Minister's wife acquires state forest land, resort construction underway
— ANI Digital (@ani_digital) July 25, 2017
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अधिकारियों की ढिलाई रहा मुख्य कारण
इंडियन एक्सप्रेस की पड़ताल में यह चौंका देने वाला सच सामने आया कि मंत्री की पत्नी को यह सरकारी जमीन विभाग के अधिकारियों के ढिलाई के कारण उनके नाम हो सकी। जबकि 16 मार्च, 2017 को, कलेक्टर ने मुख्य सचिव से जवाब मांगा तो सामने आया कि यह भूमि वन विभाग को दी गई थी, लेकिन राजस्व रिकॉर्ड में नाम बदलने के बाद से "ढिलाई" थी, यह मूल मालिक के नाम पर बना रहा विष्णु राम ने इसे सरिता अग्रवाल को बेच दिया। विभाग ने कार्रवाई से झाड़ा पल्ला जबकि विभाग का इस पूरे मामले पर कहना है कि यह जमीन मंत्री की पत्नी सरिता अग्रवाल को बेच दी गई है इसलिए इस मामले में कार्रवाई करना संभव नही हैं।
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