एलपीजी गैस का बढ़िया विकल्प बन सकता है सीएसआईआर-सीएमईआरआई द्वारा विकसित डीसी कुकिंग सिस्टम

इस सोलर डीसी चूल्हे के उपयोग से एलपीजी के खर्च को कम करने के साथ पर्यावरण को भी दूषित होने से बचाया जा सकेगा।

India Science WireIndia Science Wire   27 Sep 2021 11:31 AM GMT

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एलपीजी गैस का बढ़िया विकल्प बन सकता है सीएसआईआर-सीएमईआरआई द्वारा विकसित डीसी कुकिंग सिस्टम

भारत में लगभग 28.9 करोड़ एलपीजी उपभोक्ता हैं। अगर वे सभी इस तकनीक का उपयोग करते हैं तो भारत में एक बड़ी सौर उर्जा क्रांति आ सकती है। (Photo: @CSIR_CMERI/Twitter, Pixabay)

जिस तरह से एलपीजी गैस के दाम बढ़ रहे हैं, ऐसे में सौर ऊर्जा, ऊर्जा का सबसे बेहतर स्रोत हो सकता है। सेंट्रल मैकेनिकल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएमईआरआई) ने बेहतर सोलर डीसी कुकिंग सिस्टम विकसित किया है।

सोलर डीसी कुकिंग सिस्टम खाना पकाने की एक सौर ऊर्जा आधारित प्रणाली है, जिसमें एक सौर पीवी पैनल, चार्ज नियंत्रक, बैटरी बैंक और खाना पकाने का ओवन शामिल हैं। खास बात यह है कि इस चूल्हे को सोलर उर्जा की बैटरी से लगभग 5 घंटे तक चलाया जा सकता है। इसमें जरूरत के अनुसार एलपीजी गैस चूल्हे की ही तरह आंच को बढ़ाया या घटाया भी जा सकता है।

इस सोलर डीसी चूल्हे के उपयोग से एलपीजी के खर्च को कम करने के साथ पर्यावरण को भी दूषित होने से बचाया जा सकेगा। यह तकनीक स्वच्छ खाना पकाने का वातावरण, इन्वर्टर मुक्त संचालन, तेज और समरूप ताप, और 1 टन प्रति घर/प्रतिवर्ष कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को बचाने की क्षमता प्रदान करती है। सीएमईआरआई की ओर से सीएसआर योजना के तहत इसे सबसे पहले आसनसोल के ब्रेल अकादमी में लगाया गया है।

सीएमईआरआई के निदेशक प्रोफेसर डॉ हरीश हिरानी ने इसके बारे में कहा, "इस चूल्हे को ईजाद करने का उद्देश्य माइक्रो उद्योग को भी बढ़ावा देना है। इसे खर्च, गुणवत्ता और पर्यावरण को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इस डीसी सोलर चूल्हा को विशेष तकनीक द्वारा बनाया गया है। एसी से डीसी परिवर्तन में 25% ऊर्जा की हानि हो जाती है, जो इस प्रणाली में नहीं होगी।"

उन्होंने आगे कहा कि इसके अलावा लागत कम करने के लिए चूल्हे को नये रूप से डिजाइन किया है जो कम से कम वोल्टेज में भी चल सके। इसमें प्रयोग की गई क्वायल 48 वोल्ट पर कार्य कर सकती है। साथ ही बाजार में उपलब्ध बैटरी से भी यह चलाया जा सकता है। इसके अलावा सोलर पावर भी इसमें प्रयुक्त डीसी बैटरी को चार्ज करता है।

वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की प्रयोगशाला सेंट्रल मैकेनिकल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएमईआरआई) द्वारा विकसित सोलर डीसी कुकिंग सिस्टम की तकनीक को पश्चिम बंगाल की दो व्यावसायिक संस्थाओं - आसनसोल सोलर ऐंड एलईडी हाउस और मीको सोलर ऐंड इंफ्रास्ट्रक्चर एसोसिएट्स को हस्तांतरित किया गया है।

भारत में लगभग 28.9 करोड़ एलपीजी उपभोक्ता हैं। अगर वे सभी इस तकनीक का उपयोग करते हैं तो भारत में एक बड़ी सौर उर्जा क्रांति आ सकती है। संस्थान के अनुसार, यह सिस्टम कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को काफी हद तक कम करता है क्योंकि एलपीजी के उपयोग से भी कार्बन डाइऑक्साइड गैस का उत्सर्जन होता है।

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