वायरल हुई बच्चा चोरी की अफवाह ने ली एक और जान, व्हाट्सऐप ग्रुप का एडमिन हिरासत में
अफवाह फैलने से लेकर भीड़ के हाथों मारे जाने तक, इस पूरे घटनाक्रम में लगभग 45 मिनट लगे। पड़ताल के बाद पुलिस ने स्थानीय किसान मनोज पाटिल को फर्जी संदेश वायरल करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
Alok Singh Bhadouria 16 July 2018 10:57 AM GMT
सोशल मीडिया पर फैल रही जानलेवा अफवाहें रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। 13 जुलाई की शाम कर्नाटक के बीदर जिले में नाराज भीड़ ने बच्चा चोरों के शक में एक कार में सवार चार लोगों की पिटाई की। घटना में 28 साल के मुहम्मद आजम की मौत हो गई, मौके पर पहुंची पुलिस ने बाकी के तीन घायलों को किसी तरह बचा लिया। पुलिस ने फौरन कार्रवाई करते हुए अफवाह फैलाने वाले शख्स समेत 30 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इस बीच मामले को सांप्रदायिक रंग देने की भी कोशिश हो रही है। इसी को देखते हुए सोमवार को कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे अपने हाथ में कानून न लें साथ ही प्रदेश के पुलिस डीजी को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है।
घटना की शुरूआत कर्नाटक के बीदर जिले के औराद तालुका के हांडीकेरा गांव से हुई। 13 जुलाई को शाम 4:30 बजे कार में सवार चार लोग एक स्कूल के बाहर चाय पीने के लिए रुके। कार में हैदराबाद के मुहम्मद आजम (32), नूर मोहम्मद (30) मोहम्मद सलमान (20) और कतर के रहने वाले सलहाम इदल कुबैसी (38) सवार थे। सलहाम स्कूल के बच्चों को देखकर उन्हें कतर से लाई चॉकलेट देने लगे। इस बीच किसी ने शोर मचा दिया, ये अजनबी बच्चों को बहलाकर अगवा कर रहे हैं। भीड़ जुटने लगी, इससे डरकर चारों कार में सवार होकर भागे। पर तब तक उनकी कार का विडियो इस संदेश के साथ तमाम व्हट्सऐप ग्रुपों में वायरल कर दिया गया कि, "ये बच्चों को अगवा करने वाले हैँ इन्हें जाने मत दो।" महज 20 किलोमीटर दूर मुरकी गांव के पास कार का रास्ता पेड़ के तने, पत्थर और दूसरी चीजें रखकर रोका गया। इनसे टकराकर कार पलट गई। इसके बाद भीड़ ने कार में सवार लोगों को पीटना शुरू कर दिया।
Instructed DG to take serious action. People can't take law in their hands. I've been told police has arrested 30 people. We'll take action against those who were part of it: Karnataka Dy CM on Bidar lynching where 1 was lynched & 2 were injured by mob on suspicion of child theft pic.twitter.com/cIpF9C2LWd
— ANI (@ANI) July 16, 2018
महज 45 मिनट में वायरल मैसेज ने ले ली जान
पुलिस को सूचना मिली तो वह मौके पर पहुंची और किसी तरह इन लोगों को भीड़ से छुड़ाया। तब तक मुहम्मद आजम की मौत हो चुकी थी। नाराज भीड़ ने पुलिस पर भी हमला किया जिसमें एक कांस्टेबल का पैर टूट गया। अफवाह फैलने से लेकर भीड़ के हाथों मारे जाने तक, इस पूरे घटनाक्रम में लगभग 45 मिनट लगे। पड़ताल के बाद पुलिस ने स्थानीय किसान मनोज पाटिल को फर्जी संदेश वायरल करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। मनोज लगभग आधा दर्जन व्हट्सऐप ग्रुप का एडमिन भी है।
भारत की याद आ रही थी इसलिए वापस आए थे आजम
खबरों के मुताबिक, मुहम्मद आजम सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे और छह महीने पहले ही कतर से वापस भारत आए थे। उनके परिवार का कहना है कि, आजम को वहां हैदराबाद की याद आती थी इसलिए वह से नौकरी छोड़कर भारत आ गए थे और यहां गूगल के किसी प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे। उनके बाकी साथियों की हालत सुधर रही है और उनमें से अधिकतर को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है।
पिछले साल के मुकाबले, 4.5 गुना बढ़ी हिंसा की घटनाएं
इंडिया स्पैंड के आंकड़े बताते हैं कि 1 जनवरी 2017 से 5 जुलाई 2018 के बीच हिंसक भीड़ के 69 हमलों में 99 लोग घायल हुए हैं और 35 लोगों की मौत हो गई है। जुलाई के पहले छह दिनों में ही बच्चा अगवा होने की अफवाह से जुड़े 9 मामले सामने आए जिनमें 5 लोगों की मौत हो गई। मई से अब तक 22 लोगों बच्चा चोर होने के शक में भीड़ की पिटाई से मर चुके हैं। इस साल अब तक भीड़ के हिंसक हमलों में 24 लोग मारे गए हैं, जबकि 2017 में 8 मामलों में 11 लोग मारे गए थे। मतलब ऐसी घटनाएं 4.5 गुना बढ़ी हैं।
साभार: इंडियास्पैंड डेटाबेस
फेक न्यूज से लड़ने के लिए खुद को हाईटेक कर रहे हैं पुलिसवाले
उत्तर प्रदेश में पुलिस महानिदेशक के पीआरओ राहुल श्रीवास्तव सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों को बड़ी गंभीरता से लेते हैं। उन्होंने बताया, "फेक न्यूज से आम जनता को बचाने और गलत खबरों की जांच के लिए हमने एक ट्विटर हैंडल @UPPViralCheck बनाया है। इस पर हम सोशल मीडिया में फैल रही फर्जी खबरों का खुलासा करते हैं, इसके अलावा हम आजकल #DontFakeGetReal हैशटैग के साथ ऐसे ट्वीट कर रहे हैं जिनसे फेक न्यूज से बचने का संदेश जाता है। जल्द ही हम सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहों और साइबर क्राइम को लेकर कुछ बड़ी योजनाएं शुरू करने वाले हैं।"
फेक न्यूज के खिलाफ लड़ाई में युवा आईपीएस अफसर रीमा राजेश्वरी का नाम काफी चर्चा में है। रीमा तेलंगाना राज्य के जोगुलम्बा गडवाल जिले में पुलिस अधीक्षक के रूप में तैनात हैं। इस जिले में लगभग 400 गांव हैं। रीमा ने यहां जनता के साथ-साथ पुलिसकर्मियों को भी सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहों के बारें में जागरुक बनाया है। इसके लिए वह स्थानीय पारंपरिक संचार साधनों जैसे डुगडुगी, लोकगीत को जरिया बनाती हैं। उनके प्रयासों से अभी तक उनके क्षेत्र में ऐसी घटना नहीं हुई है। रीमा बीदर की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहती हैं, "जनता और शासन के बीच में संवादहीनता को खत्म करना होगा तभी सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहें रुक पाएंगी। इसके लिए जनता के साथ-साथ सरकारी मशीनरी को भी शिक्षित करना होगा।"
Say no to #FakeNews
— Rema Rajeshwari IPS (@rama_rajeswari) July 16, 2018
Intensive educative campaign by #JogulambaGadwalPolice enters 4th phase with a deeper commitment to prevent mob-lynching over fake social media rumours in the wake of recent incidents.
Sub-Inspector Kashi in Alampur X roads. pic.twitter.com/Lh6mud8LjW
गांव चौपाल: फेसबुक और गांव कनेक्शन की अनोखी पहल
इंटरनेट के सुरक्षित इस्तेमाल और सोशल मीडिया पर फैलने वाली फेक न्यूज के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए गांव कनेक्शन ने एक अनोखी मुहिम चलाई है। गांव कनेक्शन ने फेसबुक के साथ मिलकर युवाओं, खासकर ग्रामीण युवाओं को ध्यान में रखकर मोबाइल चौपाल नामका एक अभियान शुरू किया है। इसमें "गांव रथ" नामके एक सचल वाहन के जरिए अलग-अलग स्थानों पर जादू, संगीत और दूसरे रोचक माध्यमों के जरिए लोगों को जागरुक किया जा रहा है।
दोधारी तलवार है इंटरनेट, इससे मिलने वाली जानकारी जहां आपकी ताकत बनती है वहीं इस पर फैलने वाला झूठ और धोखा आपका सरदर्द बढ़ाते हैं #MobileChaupal #GaonConnection #Facebook https://t.co/d7xAnMd0kY
— GaonConnection (@GaonConnection) July 10, 2018
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