सिंघु बॉर्डर: फैक्ट्रियों से पानी ला रहे किसान, ट्रैक्टर से बना रहे बिजली, विरोध के बाद गाजीपुर बॉर्डर पर हटाई गईं कीलें

4 फरवरी को किसान आंदोलन के 72 दिन हो गए। 26 जनवरी की हिंसा के बाद पुलिस ने सिंघु और टिकरी बॉर्डर पानी, बिजली, शौचालय बंद कर दिए हैं। इंटर्नेट की सेवाएं भी बंद हैं। किसानों की मुश्किलों का मुद्दा संसद में भी उठा...

Amit PandeyAmit Pandey   4 Feb 2021 10:50 AM GMT

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सिंघु बॉर्डर: फैक्ट्रियों से पानी ला रहे किसान, ट्रैक्टर से बना रहे बिजली, विरोध के बाद गाजीपुर बॉर्डर पर हटाई गईं कीलेंसिंघु और टिकरी बॉर्डर पर पानी, इंटर्नेट और बिजली काटे जाने से किसानों की दिक्कतें और बढ़ गई हैं। फोटो- अमित पांडे

नई दिल्ली। दिल्ली की गाज़ीपुर सीमा दिल्ली पुलिस ने जो कीलें लगाई थीं उन्हें आज सुबह हटा लिया गया है। इन कीलों को हटाने का काम बुधवार रात से शुरु हो गया था, गुरुवार की सुबह तक ये सारी कीलें हटा ली गई हैं।

उधर ग़ाज़ीपुर में धरने पर बैठे किसानों से मिलने जा रहे 8 विपक्षी दलों के एक प्रतिनिधि मंडल को पुलिस ने रास्ते में ही रोक दिया। इस प्रतिनिधिमंडल में शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल, एनसीपी की सांसद सुप्रिया सूले, डीएमके की सांसद कनिमोझी और टीएमसी के सांसद सौगत राय भी शामिल थे।

इसी बीच 140 वकीलों ने मुख्य न्यायाधीश को लिखे एक पत्र में दिल्ली की सीमाओँ पर इंटरनेट बंद करने का मुद्दा उठाया है। इस पत्र में कहा गया है कि मुख्य न्यायाधीश इस मामले पर संज्ञान लेकर केंद्र सरकार को इंटरनेट शुरु करने का आदेश दें।

बिजली जाने से, मिक्सी और अन्य बिजली उपकरण इस्तेमाल नहीं कर पाए जिससे खाना बनाने में दिक्कत हुई।- सुरजीत,सेवादार, सिंघु बॉर्डर

बिजली-पानी समेत कई तरह की असुविधाओं के बावजूद पंजाब हरियाणा से सिंघु बॉर्डर पर महिलाओं के पहुंचने का सिलसिला जारी है। फोटो -अमित पांडेय

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दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन के मद्देनज़र दिल्ली पुलिस ने अब पहले से ज़्यादा सुरक्षा बल तैनात कर दिए हैं। सिंघु बार्डर जहाँ पहले आम लोगों को धरना स्थल पर आने जाने की इजाज़त थी, पुलिस ने अब उसे बंद कर दिया है। मीडिया की गाड़ियों का भी अंदर प्रवेश रोक दिया गया है। इससे के साथ साथ सीमेंटेड बैरिकेड, कंटीले तार और कंटेनर लगाकर पुलिस ने धरना स्थल को बाकी दिल्ली से काट दिया हैI पत्रकारों के लिए धरना स्थल तक जाने के सीधे रास्ते को भी अब रोक दिया गया है। मंगलवार को सिंघु बार्डर जाने के लिए इस संवाददाता को खेतों के रास्ते से धरना स्थल पर पहुँचना पड़ा।

आंदोलन कर रहे किसानों को पानी और बिजली की समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है। सिंघु बॉर्डर पर पंजाब के बठिंडा से आए रणदीप (22 वर्ष) पानी और बिजली की समस्या पर कहते हैं, "सरकार ने 27 तारीख को हमारा बिजली और पानी बंद कर दिया था। हम यहाँ की फ़ैक्ट्रियों की मोटरों से पानी ले रहे हैं और बिजली का प्रबंध अपने ट्रैक्टरों से करते हैंI"

इन सभी के बीच, 2 फ़रवरी को, हरियाणा के सोनीपत, करनाल तथा अन्य जिलों से हज़ारों की संख्या में ट्रैक्टर सिंघु बार्डर पहुचे। इनमें महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक नज़र आयी। सिंघु बार्डर पर पानी के लंगर पर मौजूद सुरजीत ने बताया, "कल रात बिजली जाने से, मिक्सी और अन्य बिजली उपकरण इस्तेमाल नहीं कर पाए जिससे खाना बनाने में दिक्कत हुई।"

बिजली पानी और इंटर्नेट का मुद्दा बृहस्पतिवार को संसद में भी गूंजा। राज्यसभा में हरियाणा से कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, बिहार से आरजेडी सांसद प्रो. मनोज कुमार झा और पश्चिम बंगाल से टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने इस मुद्दे को उठाया।

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दो फरवरी को भारतीय राष्ट्रीय लोकदल के नेता अभय सिंह चौटाला भी सिंघु बॉर्डर पहुंचे। चूंकि किसी राजनैतिक व्यक्ति को मंच पर जाने की इजाज़त नहीं है इसलिए उन्होंने मंच के नीचे से ही किसानों को संबोधित किया

3 फ़रवरी को किसान मज़दूर संघर्ष समिति ने पानी -बिजली बंद करने और गैर जरूरी बैरिकेड लगाने के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की, जिसे देखते हुए पुलिस ने किसान नेताओं से बात की और जल्द उनकी समस्या को हल करने का आश्वासन भी दिया।

उधर, हरियाणा के जींद के कंडेला गांव में तीन फ़रवरी को किसानों की एक महापंचायत हुई, जिसमें भारी संख्या में किसान शामिल हुए। इस पंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत, गुरुनाम सिंह चढूनी और बलबीर सिंह राजेवाल भी मौजूद थे। महापंचायत में प्रस्ताव पास कर मांग की गई कि तीनों कृषि क़ानूनों की वापसी हो, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फ़सल की ख़रीद की गारंटी दी जाए, 26 जनवरी को जिन बेकसूर लोगों को पुलिस ने पकड़ा है उन्हें रिहा किया जाए और जिन ट्रेक्टरों को पुलिस ने ज़ब्त किया है वो लौटाए जाएं।

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