एनसीआर सहित मेरठ के भट्टों पर फीफा वर्ल्ड कप का साया
Sundar Chandel 30 Sep 2017 2:41 PM GMT
मेरठ। दिल्ली में अक्टूबर में होने वाले फीफा वर्ल्ड कप का साया मेरठ तक आ पहुंचा है। प्रस्तावित फीफा वर्ल्ड कप को वायू प्रदूषण से बचाने के लिए एनजीटी और ईपीसीए ने 100 किलोमीटर के क्षेत्र में आने वाले ईंट भट्टों और पुराली जलाने पर कुछ समय के लिए रोक लगाने का फरमान सुनाया है। बढ़ते वायू प्रदूषण को देखते हुए एक अक्टूबर से एक नवंबर तक एनसीआर सहित मेरठ, गाजियाबाद, मुज्जफरनगर तक के भट्टों और कृषि अपशिष्टों को जलाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने के लिए कहा है।
ताकि खिलाड़ियों को मिले स्वच्छ वातावरण
फीफा वर्ल्ड कप में आने वाले खिलाड़ियों को प्रदूषण से दूर रखा जाए और उन्हें स्वच्छ हवा मिले, इस पर क्षेत्रीय प्रदूषण बोर्ड ने कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके तहत एनसीआर के ईंट भट्टे एक माह तक बंद रखने साथ ही गाँव देहात में जलाई जाने वाली पुराली पर पूरी तरह रोक लगा दी है। इसके अलावा नगर निगम और नगर निकाय क्षेत्र में कूड़ा जलाने पर भी रोक रहेगी। विभागीय अधिकारी बताते हैं कि यह सब इंतजाम वायू प्रदूषण कम करने के लिए किए जा रहे हैं। यदि रोक के बावजूद भी कोई अनदेखी करता पाया गया तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के निर्देश है।
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प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार एनसीआर व उससे सटे जनपदों में बढ़ते वायू प्रदूषण से हवा दूषित हो रही है। आदेशों का पालन सख्ती से हो, इसके लिए बोर्ड के अलावा कृषि विभाग, नगर निगम व नगर निकाय को भी जिम्मेदारी दी गई है। इसके लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भट्टा संचालकों को नोटिस जारी कर दिए हैं।
फीफा वर्ल्ड कप को देखते हुए एनसीआर क्षेत्र में वायू प्रदूषण की रोकथाम के लिए यह निर्देश जारी हुए हैं। एनसीआर क्षेत्र में एक माह तक ईंट भट्टों का संचालन बंद रखा जाएगा। वायू प्रदूषण की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं।आरके त्यागी, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी, मेरठ।
पिछले वर्ष बढ़ा था स्मॉग
इस सीजन में पिछले साल से स्मॉग ज्यादा बढ़ गया है। गाँव में पराली जलाने के कारण एनसीआर क्षेत्र में वायू प्रदूषण की मात्रा इतनी बढ़ गई थी, सांस लेने में दिक्कत आ रही थी। फीफा वर्ल्ड कप के दौरान पिछले साल वाली स्थिति न हो जाए, इसलिए इसकी रोकथाम के लिए पहले से ही एनजीटी और ईपीसीए सख्त हो गई हैं।
कमेटी करेगी मॉनिटरिंग
फीफा वर्ल्ड कप के आयोजन को देखते हुए संबंधित विभागों की एक कमेटी का गठन होगा। जिसमें कमेटी एनजी न औरईपीसीए के निर्देषों का पालन करेगी। निर्देश में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती जाएगी। संबंधित विभाग इस पर मानीटरिंग करेगा साथ ही इसकी रिपोर्ट तैयार कर एनजीटी को सौंपने का काम करेगा।
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ये महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए
- गाँवों में पुराली न जलाई जाए, अगर जलाई जाए तो कृशि विभाग पर सख्त कार्रवाई के निर्देश
- एक माह तक एनसीआर क्षेत्र में ईंट भट्टों के संचालन बंद किए जाएं
- गाँवों और शहरों, नगर पंचायतों, नगर निगम में जलने वाले कूड़े पर रोक लगाई जाए
- फीफा वर्ल्ड कप पर वायू प्रदूषण का असर न दिखाई दे इसके लिए समय से प्लानिंग करें
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