जानिए कब और किस वजह से शुरू हुई थी हज सब्सिडी, कितना आता था सरकार पर खर्च

Mohit AsthanaMohit Asthana   17 Jan 2018 3:56 PM GMT

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जानिए कब और किस वजह से शुरू हुई थी हज सब्सिडी, कितना आता था सरकार पर खर्चसाभार: इंटरनेट।

केंद्र सरकार ने 16 जनवरी 2017 को हज सब्सिडी खत्म करने का फैसला लिया है। इस फैसले का कहीं स्वागत किया जा रहा है तो कहीं आलोचना की जा रही है। लेकिन बतादें कि हज सब्सिडी खत्म करने की शुरूआत 2012 में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से हुई थी।

उच्चतम न्यायालय ने 8 मई 2012 को सरकार को आदेश दिया कि हज सब्सिडी को बंद किया जाए। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि 10 साल के अंदर हज सब्सिडी को खत्म किया जाए। आदेश के बाद साल दर साल सरकार सब्सिडी का पैसा धीरे-धीरे कम करने लगी। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय के अनुसार 2012 में 836.55 करोड़ रुपये की हज सब्सिडी दी गई थी। इसके बाद से लगातार सब्सिडी का बोझ सरकार के सिर से कम होता गया। 2013 में केंद्र सरकार ने इसमें डेढ़ सौ करोड़ से ज्यादा की कटौती करते हुए 680.03 करोड़ रुपये की सब्सिडी जारी की।

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ऐसे हुई थी सब्सिडी की शुरूआत

आजादी के बाद से लेकर 1954 तक हज यात्री मुंबई के शिपिंग कंपनी के जहाजों से हज करने के लिये जाते थे। लेकिन 1954 में हवाई मार्ग द्वारा हज यात्रा शुरू हुई। बावजूद इसके भारी संख्या में यात्री समुद्री मार्ग से ही जाते थे। 1973 में हज यात्रियों को लेकर जा रहे एक जहाज के हादसे के बाद 1973 में सरकार ने फैसला लिया कि हज यात्री अब सिर्फ हवाई यात्रा से ही हज करने जाएंगे। लेकिन हवाई यात्रा मंहगी थी। इसलिये जायरीनों पर अतिरिक्त खर्च बढ़ गया। जायरीनों को अतिरिक्त शुल्क से बचाने के लिये इंदिरा गांधी सरकार ने हवाई यात्रा पर सब्सिडी की शुरूआत की।

हज कमेटी के जरिये जाने वाले जायरीनों को ही मिलती थी सब्सिडी

भारतीय जायरीनों को हज जाने के लिये खर्च का कुछ हिस्सा सरकार वहन करती थी। लेकिन इसका लाभ उन्हीं को मिलता था जो हज कमेटी द्वारा हज करने के लिये जाते थे। केंद्र सरकार ने 16 जनवरी 2017 से हज सब्सिडी समाप्त कर दी है।

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सब्सिडी का बड़ा हिस्सा जाता है एयर लाइन को

सब्सिडी का बड़ा हिस्सा सीधे एयर लाइन को जाता था। सऊदी सरकार भारत को मुसलमानों की आबादी के अनुपात में एक निर्धारित कोटा देती हैं जिसे केंद्र सरकार राज्य सरकारों को आवंटित करती थी। आमतौर पर ये काम सेंट्रल हज कमेटी, मुंबई के जरिए संबंधित राज्य की स्टेट हज कमेटी करती थी। भारत सरकार का सिविल एविएशन मंत्रालय हज कमेटी ऑफ इंडिया के जरिए ये सब्सिडी मुहैया कराता था। ये पैसा हज यात्रियों के बजाय सीधे एयर इंडिया को दिया जाता था। भारत में हज सब्सिडी लगभग 650 करोड़ रुपये थी।

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