जानिए, कृषि उन्नति मेले में प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों को आय बढ़ाने के लिए क्या बताए सूत्र
Kushal Mishra 17 March 2018 3:35 PM GMT
नई दिल्ली में चल रहे कृषि उन्नति मेले में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शामिल होकर न सिर्फ मेले में लगाए गए स्टॉलों का भ्रमण कर कृषि क्षेत्र की नई-नई तकनीकों पर कृषि वैज्ञानिकों की सराहना की, बल्कि कृषि क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य करने वाले किसानों को भी सम्मानित किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने वर्ष 2022 तक किसान की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को दोहराते हुए किसानों को आय बढ़ाने के कई सूत्र भी बताए।
मेले में अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा, “न्यू इंडिया के सपने को पूरा करने को देश के किसानों के लिए इस तरह के मेलों की जरुरत है। न्यू इंडिया के एक प्रहरी हमारे अन्नदाता है, और दूसरे प्रहरी हमारे वैज्ञानिक बंधु हैं, जो नई-नई तकनीक विकसित कर किसानों का जीवन आसान करने में लगे रहते हैं।“ आगे कहा, “मेले में कृषि से जुड़ी जिन तकनीकों को मैंने देखा, जो जानकारियां दी जा रही हैं, वे सचमुच किसानों के लिए बहुत काम की हैं।“
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने ‘कृषि कर्मन’ और ‘पंडित दीन दयाल उपाध्याय कृषि विज्ञान प्रोत्साहन’ पुरस्कार से सम्मानित भी किया। प्रधानमंत्री ने कहा, “यह पुरस्कार करोड़ों किसानों को प्रोत्साहित करने वाला पुरस्कार है।“ इसके अलावा अनेक राज्यों को रिकॉर्ड उत्पादन के लिए भी सम्मानित किया गया।
प्रधानमंत्री @narendramodi #KrishiUnnatiMela2018 में लगी प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए@AgriGoI @RadhamohanBJP pic.twitter.com/I0iYJtFLpf
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हमारे देश के किसानों में हौसला
उन्होंने मेघालय का जिक्र करते हुए कहा, “मेघालय जैसे छोटे राज्य में 2015-16 के दौरान पांच साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया, मेरी राज्य सरकार से अपील है कि इस रिकॉर्ड उत्पादन के लिए मेघालय के किसानों के सम्मान में कार्यक्रम का आयोजन होना चाहिए।“ उन्होंने कहा, “हमारे देश के किसानों में हौसला है और मुश्किल लगने वाले लक्ष्यों को भी विकट परिस्थितियों में हासिल कर सकता है।“
एक ही दिशा है किसानों की आय दोगुनी बनाना
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, “आज हमारे देश में कई चुनौतियां हैं, किसानों का कर्ज बढ़ता है तो इन चुनौतियों से निपटने के लिए हमारी सरकार निरंतर कोशिश कर रही है और सरकार की एक ही दिशा है, किसानों की आय दोगुनी बनाना।“
यूरिया की खपत को धीरे-धीरे कम करें किसान
उन्होंने किसानों के लिए योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा, “आज देश में 11 हजार करोड़ से ज्यादा मृदा स्वास्थ्य कार्ड बांटे जा चुके हैं। किसान अपने खेती की मिट्टी की ताकत को समझ रहे हैं। ऐसे में यूरिया की खपत कम हुई है और उपज बढ़ी है।“ उन्होंने किसानों से अपील की कि खेती में यूरिया के उपयोग को धीरे-धीरे किसान कम करें। खेत में यूरिया को खपत कम करने से न सिर्फ किसान की जिंदगी बदलेगी, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था भी सुधरेगी। उन्होंने किसान मेले का भरपूर फायदा उठाने के साथ गांव-गांव में किसान भाईयों तक जानकारी पहुंचाने की भी अपील की।
फसल बीमा किसानों के लिए सरकार का बहुत बड़ा कदम
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “फसल बीमा सबसे कम प्रीमियम में किसानों को उपलब्ध कराया गया है, साथ ही पूरी राशि का बीमा कराया गया है, ऐसे में मिलने वाली क्लेम राशि दोगुना से भी अधिक हो गई है। यह हमारी सरकार को बहुत बड़ा कदम है।“ आगे कहा, “जो सिंचाई परियोजनाएं अधूरी पड़ी थीं, उन्हें 80 हजार करोड़ रुपए के जरिए पूरा किया जा रहा है। इसके अलावा देश में किसानों की उपज की पूरी सप्लाई चेन को मजबूत करने के लिए सरकार वृहद स्तर पर काम रही है।“
उन्होंने ग्रीन ऑपरेशन का जिक्र करते हुए कहा, “ग्रीन ऑपरेशन टमाटर, प्याज और आलू किसानों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। इसके तहत एक मॉडल एक्ट बनाया गया है, जो राज्य सरकार को लागू करने के लिए भी कहा गया है।“
Ahead of Hon’ble PM Shri @narendramodi ’s visit, taking stock of #KrishiUnnati Mela 2018 that’s underway here at IARI, Pusa, New Delhi. pic.twitter.com/JHMuscpES9
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एमएसपी को लेकर बहुत लोग भ्रम फैला रहे हैं
न्यूनतम समर्थन मूल्य का पूरा लाभ किसानों को मिले, इसके लिए हम राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। MSP के लिए जो लागत जोड़ी जाएगी उसमे किसान और उसके परिवार के द्वारा दिए गए श्रम का मूल्य भी जोड़ा जायेगा : पीएम मोदी #KrishiUnnatiMela2018 pic.twitter.com/HkeDB6Kxx4
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प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों को संबोधित करते हुए आगे कहा, “किसानों को उचित बीज मिले, किसानों को बाजार में कोई दिक्कत न हो और उपज का उचित लाभ मिले, इसके लिए सरकार दिन रात मेहनत कर रही है। सरकार ने तय किया है कि अधिसूचित फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) उनकी लागत का डेढ़ गुना घोषित किया जाएगा। मैं अपने किसान भाईयों को उसके विषय में बताता हूं क्योंकि बहुत लोग भ्रम फैला रहे हैं।“
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उन्होंने आगे कहा, “एमएसपी के लिए जो लागत जोड़ी जाएगी, उसमें दूसरे श्रमिक का मूल्य, मशीन का खर्च, बीज का मूल्य, सभी तरह की खाद का मूल्य, सिंचाई पर खर्च, लैंड रेवेन्यू, मेवशियों के उपयोग, लीज की जमीन पर दिया गया किराया समेत अन्य खर्च शामिल हैं। इतना ही नहीं, किसान के द्वारा खुद और अपने परिवार के दिए गए श्रम को उत्पादन लागत में जोड़ा जाएगा। देश के परिश्रमी किसानों की आय से जुड़ा यह एक बहुत बड़ा कदम है।“
आगे कहा, “एमएसपी का पूरा लाभ किसानों को मिले, इसके लिए हम राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, हम देश में एग्रीकल्चर मार्केटिंग समेत स्थानीय बाजार से लेकर वैश्विक बाजार मार्केट पर व्यापक स्तर पर काम कर रहे हैं।“
देश में 22,000 ग्रामीण हाट इसी दिश में उठाया गया कदम
प्रधानमंत्री ने कहा, “अपनी उपज को बेचने के लिए किसान दूर तक न जाएं, इसके लिए देश के 22,000 ग्रामीण हाटों को जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ अपग्रेड किया जाएगा। अपने खेत के पांच छह किमी के दायरे में किसान के पास ऐसी व्यवस्था होगी, जो उसे देश के किसी भी मार्केट से कनेक्ट करेगी और किसान ग्रामीण हाटों को सीधे अपनी उपज भेज सकेंगे। आने वाले दिनों में यह हाट किसानों के लिए एक ऊर्जा केंद्र के रूप में खड़े होंगे।“
उपज बेचने के लिए ई-मार्केटिंग पोर्टल की शुरुआत
उन्होंने कहा, “किसान अपने क्षेत्र में छोटे-छोटे संगठन बनाकर भी ग्रामीण हाटों से जुड़ सकते हैं। मेले में भी किसानों को बताया जा रहा है हैं कि किसान कैसे अपनी उपज के लिए मार्केट का उपयोग करते हैं। खेत से लेकर उपभोक्ता तक पहुंचने के लिए फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन को इंकम टैक्स में भी छूट दी जाएगी। इनकी मदद के साथ ऑर्गेनिक ओर हर्बल खेती को भी जोड़ा जाएगा, जो किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में अहम कदम होगा।“
कहा, “किसानों को फसल की उचित कीमत के लिए देश में Agriculture Marketing Reform पर भी बहुत व्यापक स्तर पर काम किया जा रहा है। गांव की स्थानीय मंडियों का Wholesale Market और फिर ग्लोबल Market तक तालमेल बिठाना बहुत आवश्यक है।“
आगे कहा, “किसानों की आय दोगुनी हो सके, इसके लिए पिछले महीने ई-मार्केटिंग पोर्टल की भी शुरुआत हुई है। इससे जैविक उत्पादों को खेत से मार्केट तक और मार्केट से उपभोक्ता तक आसानी से पहुंच सकेगी। उत्पादों की जानकारी, उसके मार्केट और सप्लाई चेन की जानकारी अब किसानों को और उपभोक्ताओं को, आसानी से उपलब्ध होगी।”
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जैविक उत्पादों पर मेरा जोर इसलिए…
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, “ सरकार परंपरागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत जैविक खेती को पूरे देश में प्रोत्साहित करने में जुटी है। विशेष रूप से उत्तर पूर्व को ऑर्गेनिक खेती के हब के तौर पर विकसित किया जा रहा है। जैविक उत्पादों पर मेरा जोर है क्योंकि देश में 22 लाख हेक्टेयर से ज्यादा जमीन पर जैविक खेती होती है, मगर जैविक खेती के बाद दूसरा सच यह है कि मार्केटिंग में हम कहीं पीछे रह गए थे, मगर अब ई-मार्केटिंग से काफी मदद मिलेगी।“ उन्होंने कहा, “सरकार जैविक खेती को पूरे देश में प्रोत्साहित करने में जुटी है, विशेष रूप से उत्तर पूर्व को। कृषि क्षेत्र में इसी तरह की प्रगति किसानों की उन्नति के लिए सहायक होगी। जितना हम इन पर बल देंगे, उतना ही किसानों की आय बढ़ेगी।“
देश में केवीके से नई तकनीक की जानकारी
मेले में 25 नए कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) का शुभारंभ करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “विशेषकर कृषि विज्ञान केंद्र का सबसे महत्वपूर्ण काम है- किसान तक नई तकनीक, नई जानकारी को पहुंचाना। मैं इन कृषि विज्ञान केंद्रों को आधुनिक कृषि के नए Light house के तौर पर देखता हूं। इन केंद्रों से निकला प्रकाश, देश के कृषि जगत को प्रकाशवान बनाएगा। देश में अब केवीके की संख्या करीब 700 हो गई है। इससे नई तकनीक की जानकारी किसानों को मिलेगी।“
हमारे देश के किसानों में वो हौसला है जो मुश्किल लगने वाले लक्ष्यों को भी प्राप्त कर सकता है : पीएम श्री नरेन्द्र मोदी - लाइव देखें https://t.co/w7h8QULLwN पर #KrishiUnnatiMela2018 pic.twitter.com/B5XoeRoPpd
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मधुमक्खी पालन को बढ़ावा दें किसान
प्रधानमंत्री मोदी ने मधुमक्खी पालन को आय का श्रोत बनाने को लेकर किसानों को संबोधित करते हुए कहा, “आज यहां जिन कृषि विज्ञान केंद्रों को पुरस्कार दिया गया है, उनमें से कई मधुमक्खी पालन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। मधुमक्खी पालन सिर्फ कमाई ही नहीं, पूरी मानवता के साथ जुड़ा हुआ है।” आगे कहा, “मशहूर वैज्ञानिक आइंस्टाइन ने कहा था कि अगर मधुमक्खी गायब हो जाए तो मानव जाति केवल चार साल तक जिंदा रह पाएगी। ऐसे में खेती और बागवानी में मधुमक्खी की उपयोगिता छिपी हुई है। 100 में से 70 प्रतिशत फसलें ऐसी हैं, जो मधुमक्खियों का बड़ा योगदान हैं। ये एक जरिया हैं, जो शहद के रूप में भी अतिरिक्त कमाई का जरिया किसानों के लिए बनता है।“
आगे कहा, “अगर 50 बॉक्स में भी किसान मधुमक्खी पालन करता है तो किसान को 2 से 2.5 लाख तक अतिरिक्त कमाई हो सकती है। इसलिए किसान भाई मेले में कृषि स्टॉलों को देंखे और मधुमक्खी पालन के बारे में जानकारी हासिल करें, मधुमक्खी पालन कृषि क्षेत्र में हमारी अर्थव्यवस्था को ताकत दे सकता है।“
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सोलर फार्मिंग से अतिरिक्त आय करें किसान
#KrishiUnnatiMela2018: प्रधानमंत्री @narendramodi ने रखी 25 कृषि विज्ञान केंद्रों की आधारशिला pic.twitter.com/jXA5OHF9QK
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सोलर फार्मिंग को किसानों की अतिरिक्त आय का श्रोत बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “खेत के पास सोलर फार्मिंग अपनाकर मिलने वाली बिजली से न सिर्फ किसान पेट्रोल-डीजल की बचत कर खेती कर सकता है, बल्कि अतिरिक्त बिजली को सरकार को बेच भी सकते हैं। देश में बीते तीन सालों में पौने तीन लाख सोलर पंपों का उत्पादन किया है, जिसके लिए सरकार ने ढाई लाख करोड़ रुपए बजट की भी व्यवस्था की है।“
गोबर धन योजना का लाभ उठाएं किसान
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, “सरकार ने गोबर धन योजना का भी ऐलान किया है। गोबर धन बायो वेस्ट निकलता है, इस वेस्ट को कंपोस्ट से बायो गैस, बायो सीएनजी तब्दील कर किसान आय बढ़ाने में भूमिका बढ़ा सकते हैं।“
पराली जलाना बंद करें, अपने खेती की मिट्टी मत जलाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पराली के मुद्दे को उठाते हुए कहा, “गलत परंपरा जुड़ी है पराली जलाने की, हम किसान आग से ही अपनी जमीन को जला रहे हैं। जमीन को जलाकर मिट्टी की क्षमता को घटा रहे हैं, यदि किसान पराली को मशीन को जलाने की बजाए उसी खेत में मिला दे तो वही भूमि बढ़ा देगी। ऐसे में मेरी अपील है किसान भाईयों से कह किसान भाई पराली जलाना बंद कर दें, अपने खेत की मिट्टी को जलाना छोड़ दें।“
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ताकि छोटे किसानों को भी मिले सके कर्ज
आगे कहा, “अब तो सरकार किसान मशीन खरीदने के लिए आर्थिक सहायता दे रही है, हमारा प्रयास है कि किसानों के लिए किसी भी तरह की कमी न आए। इसलिए खेती के लिए कर्ज के बजट को भी 11 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया है।“ प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “जो किसान किराए पर खेती करते हैं, ऐसे किसानों को आसानी से कर्ज मिल सके, इसके लिए भी सरकार काम कर रही है। छोटे किसानों को कॉरपोरेटिव सोसाइटी से किसानों कर्ज लेने में दिक्कत होती है, इसके लिए भी सरकार काम कर रही है।“
राष्ट्रीय बांस मिशन के लिए 1300 करोड़ रुपए दिए
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “सरकार ने नेशनल बैंबू मिशन के लिए 1300 करोड़ रुपए बजट का प्रावधान किया है। अगर किसान बांस का उत्पादन करें तो हमें विदेश से बांस नहीं मांगना पड़ेगा। खाने की तेल की पूर्ति कर सकते हैं।“
नए रास्ते में चलने के लिए तकनीक मदद करेगी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हम किसान भाईयों को नए रास्ते में चलने के लिए तकनीक पूरी तरह मदद करेगी। मेले में जिन तकनीक को किसान भाईयों ने देखा है, वे इसे न सिर्फ स्वयं उपयोग करें, बल्कि हर स्तर पर दूसरे किसानों तक यह तकनीक पहुंचाएं, इसके लिए भी प्रयास होने चाहिए। खेती आधारित क्षेत्रों में ऐसे मेले लगाएं जाएं, मेले से कितना किसानों को फायदा हुआ, इसकी भी विश्लेषण हो।“
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LIVE: PM Shri @narendramodi at #KrishiUnnatiMela2018 in New Delhi. https://t.co/GJEscBwXDZ
— BJP (@BJP4India) March 17, 2018
छोटे-छोटे प्रयासों से भी मिल सकती है सफलता
प्रधानमंत्री मोदी ने किसान भाईयों को चीटीं का उदाहरण देते हुए कहा, “हम बहुत छोटे-छोटे प्रयास करके भी सफलता प्राप्त कर सकते हैं। चींटी भी फफूंदी की खेती करती है, पानी की भी व्यवस्था करती हैं, जंगलों में ये चीटियां आज भी बची हुई हैं। इसकी वजह है उनकी ईच्छाशक्ति।“ आगे कहा, “छोटे-छोटे किसान भी कृषि क्षेत्र में प्रयोग कर रहे हैं और उन्हें सफलता मिल रही है।“
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