गरीब, युवा और किसानों के सहारे कांग्रेस का चुनावी नैय्या पार करने की कोशिश

कांग्रेस का घोषणा पत्र जारी, हर वर्ग को खुश करने का प्रयास, सभी राज्यों में कर्जमाफी का वादा, राफेल जैसे सौदों की कराएगी जांच

Manish MishraManish Mishra   2 April 2019 1:58 PM GMT

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गरीब, युवा और किसानों के सहारे कांग्रेस का चुनावी नैय्या पार करने की कोशिश

लखनऊ (उत्तर प्रदेश)। कांग्रेस का घोषणा पत्र आते ही एक बात तो साफ हो गई है कि पार्टी गरीब, युवा और किसानों को साध कर चुनावी मझधार को पार करना चाहती है।

कांग्रेस ने आपने चुनावी घोषणा पत्र को 'जनता की आवाज' नाम देने के साथ ही यह भी बताने की कोशिश की है कि उसे हर वर्ग का ख्याल है। खास कर उन मुद्दों को काफी प्रमुखता दी गई है जो मोदी सरकार की आंख की किरकिरी बने रहे। फिर चाहे रोजगार की बात हो, गरीबों के खाते में पैसे देने की बात हो या फिर चाहे किसानों की समस्याओं की दूर करना हो।

चुनावी घोषणा पत्र को पढ़ कर कहा जा सकता है इसके पीछे काफी मेहनत करके मोदी सरकार के प्रति जिन बातों को लेकर गुस्सा था उसे भुनाने की पूरी कोशिश की गई है।

जिन तीन चीजों पर सबसे अधिक जोर दिया उसमें पहले नंबर पर गरीबी मिटाने के लिए 20 प्रतिशत गरीब परिवारों को हर साल 72,000 रुपये देना, 34 लाख युवाओं को रोजगार देना और किसानों के लिए अलग किसान बजट और किसान आयोग की स्थापना करना है।

कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में साफ कहा है कि न तो वो जम्मू-कश्मीर से संबंधित धारा 370 हटाएगी न ही इससे छेड़छाड़ करेगी। साथ ही राफेल डील सहित पिछले पांच साल में भाजपा सरकार में हुए सौदों की जांच होगी और देश छोड़कर भागे भ्रष्टाचारियों को वापस लाने के साथ ही उन परिस्थितियों की भी जांच होगी जिससे ये भ्रष्टाचारी देश छोड़कर भागे।



पिछले पांच साल में हुए किसान आंदोलनों के दौरान किसानों का गुस्सा देखकर वादा किया है कि सरकार बनने पर सभी राज्यों में कर्जमाफी होगी।

कांग्रेस के घोषण पत्र के प्रमुख वादे:

गरीबी दूर करने के लिए न्यूनतम आय योजना (न्याय)

सरकार में आने पर कांग्रेस न्यूनतम आय योजना (न्याय) की शुरुआत करेगी, जिसके तहत भारत के सबसे गरीब 20 प्रतिशत परिवारों को हर साल 72,000 रुपये दिए जाएंगे। जहां तक हो सकेगा यह पैसा परिवार की महिला के बैंक खाते में दिया जायेगा।

युवाओं के लिए रोजगार

युवाओं को रिझाने के लिए कांग्रेस ने सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में नौकरियों को अपनी नंबर 1 प्राथमिकता बनाने का वादा किया है। कांग्रेस के घोषणा पत्र में कहा गया है कि युवाओं को सार्वजनिक क्षेत्र में 34 लाख नौकरियां देना सुनिश्चित होगा।

i. मार्च 2020 से पहले केंद्र सरकार के सभी चार लाख खाली पदों को भरा जायेगा।

ii. राज्य सरकारों को खाली पड़े 20 लाख पदों को भरने के लिये राजी किया जायेगा।

iii. प्रत्येक ग्राम पंचायत और स्थानीय शहरी निकाय में अनुमानित 10 लाख नए 'सेवा मित्र' पदों का सृजन किया जायेगा।

iv. निजी क्षेत्र की नौकरियों में भी तेजी लाने के लिये रास्ता बनाएंगे

v. रोज़गार सृजन और ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को नौकरी देने वाले कारोबार को प्रोत्साहन दिया जाएगा।

vi. सौ से ज्यादा कर्मचारियों वाले व्यवसायों में प्रशिक्षु (अप्रेंटिसशिप) कार्यक्रम लागू करने पर जोर दिया जाएगा।

किसानों पर खास ध्यान

1. मजदूर किसानों के लिए कांग्रेस 'कर्जमाफी' से 'कर्ज मुक्ति' का रास्ता तैयार किया जाएगा। किसानों को फायदेमंद दाम, कम लागत और संस्थागत ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।

2. हर साल अलग से 'किसान बजट' पेश करने के साथ ही कृषि विकास और योजना पर एक स्थायी राष्ट्रीय आयोग की स्थापना भी होगी।

3. मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की ही तरह सभी राज्यों में कर्जमाफी की जाएगी।

स्वास्थ्य का अधिकार बनेगा कानून

सभी के लिए स्वास्थ्य का अधिकार कानून लागू करने के साथ ही सरकारी अस्पतालों तथा सूचीबद्ध निजी अस्पतालों के नेटवर्क के जरिये हर नागरिक को मुफ्त जांच, बहिरंग इलाज सुविधाएं, मुफ्त दवाईयां और अस्पताल में भर्ती की गारंटी मिलेगी। वर्ष 2023-24 तक स्वास्थ्य सेवा पर खर्च को दोगुना करके जीडीपी का तीन प्रतिशत तक बढ़ाया जाएगा।

समान और सरल टैक्स

एक टैक्स दर, निर्यात की शून्य रेटिंग और आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं को छूट के साथ जीएसटी को सही मायनों में सरल और आसान बनाया जाएगा। हम पंचायतों और नगरपालिकाओं को भी जीएसटी राजस्व का एक हिस्सा देने का वादा करते हैं।

सशस्त्र बलों की हर जरूरतें पूरी की जाएंगी

सशस्त्र बलों की सभी जरुरतों को पूरा करने के लिये इसमें बढ़ोत्तरी की जाएगी। पारदर्शी तरीके से सशस्त्र बलों के सभी आधुनिकीकरण कार्यक्रमों में तेजी लाने के साथ ही अर्धसैनिक बलों और उनके परिवारों के लिए सामाजिक सुरक्षा, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में व्यापक सुधारकिया जाएगा।

दोगुना होगा शिक्षा बजट

सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से कक्षा 12 तक की शिक्षा मुफ्त और अनिवार्य होगी। स्कूलों में पर्याप्त बुनियादी ढ़ांचा और योग्य शिक्षक होंगे। इसके लिए वर्ष 2023–24 तक शिक्षा के बजट आबंटन को दोगुना करके जीडीपी का छह प्रतिशत तक बढ़ाया जाएगा।

महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण:

लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने के लिए 17वीं लोकसभा के पहले सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पास कराया जाएगा। महिलाओं के लिए केंद्र सरकार के सभी पदों/रिक्तियों में 33 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा।

आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा

अनुसूचित जनजाति के लिये वन अधिकार अधिनियम- 2006 को सही मायनों में अक्षरशः लागू किया जाएगा। किसी भी वनवासी को अन्यायपूर्वक वनों से बाहर नहीं किया जाएगा। गैर-इमारती लकड़ी (Non-Timber) सहित वन उपज के लिए एक राष्ट्रीय आयोग की स्थापना के साथआदिवासियों की आजीविका और आमदनी में सुधार लाने के लिए गैर-इमारती लकड़ी सहित वन उपज हेतु न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करेंगे।

हर ग्रामीण को घर

हम हर ग्रामीण परिवार को, जिनके पास खुद का घर नहीं है या खुद की जमीन नहीं है जिस पर घर बनाया जा सके, उसको भूखंड देने के लिये वासभूमि का अधिकार कानून बनेगा।

हर वर्ग के खिलाफ रोका जाएगा अत्याचार

कांग्रेस दंडमुक्ति की भावना को खत्म करने, उन्मादी भीड़ की हिंसा और लिंचिंग रोकने तथा एससी, एसटी, महिलाओं व अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार एवं घृणा अपराधों को रोकेगी। दंगों, उन्मादी भीड़ की हिंसा और घृणा अपराधों के मामले में लापरवाही साबित होने पर पुलिस और जिला प्रशासन की जिम्मेदारी तय होगी।

नागरिकों के अधिकारों की रक्षा

निजता पर एक कानून पारित होगा; आधार के उपयोग को आधार अधिनियम के मूल उद्देश्यों तक सीमित किया जाएगा। प्रत्येक नागरिक विशेषकर छात्रों, पत्रकारों, शिक्षाविदों, कलाकारों, नागरिक समाज के कार्यकर्ताओं और गैर-सरकारी संगठनों के अधिकारों की रक्षा होगी। ऐसे सभी कानूनों की समीक्षा होगी उन्हें निरस्त किया जाएगा, जो पुराने पड़ चुके हैं, अन्यायपूर्ण हैं या अनुचित रूप से लोगों की स्वतंत्रता में बाधा पहुंचाते हैं।

आरबीआई और सीबीआई जैसे संस्थानों की रक्षा

आरबीआई, ईसीआई, सीआईसी, सीबीआई आदि महत्वपूर्ण संस्थानों को पुनर्जीवित किया जाएगा, जिनको पिछले पांच वर्षों में बुरी तरह से कमजोर किया गया है।

चुनावी बांड होंगे खत्म

स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित कराने के लिये हम एनडीए सरकार द्वारा शुरू किये गये अपारदर्शी चुनावी बांड को खत्म होंगे और एक राष्ट्रीय चुनाव कोष की स्थापना होगी। जिससे चुनाव के समय मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को धन आवंटित किया जाएगा।

पर्यावरण की रक्षा के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम

भारत को ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ लड़ाई और पर्यावरण संरक्षण में सबसे आगे रखने के लिये एक कार्य एजेंडा बनेगा। वायु प्रदूषण राष्ट्रीय स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की तरह है, राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम को बेहद मजबूत किया जाएगा। स्वतंत्र, सशक्त और पारदर्शीपर्यावरण संरक्षण प्राधिकरण की स्थापना की जाएगी।

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