जोधपुर की मनस्वी ने आरंगेत्रम में बनाया विश्व रिकॉर्ड

सेंट पैट्रिक विद्या भवन में कक्षा 5 की स्टूडेंट मनस्वी पढ़ाई में बेहद तेज है। 9 जून, 2008 को जन्मीं यह बच्ची 2015 में ‛चैनल-24' द्वारा आयोजित ‛नाच-9' प्रतियोगिता में फर्स्ट रनर अप रही। ‛तारे ज़मीं पर' सीजन-2 में विजेता रही, जिसके जज अभिनेता जिम्मी शेरगिल थे।

Moinuddin ChishtyMoinuddin Chishty   26 Nov 2018 7:24 AM GMT

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जोधपुर की मनस्वी ने आरंगेत्रम में बनाया विश्व रिकॉर्ड

जोधपुर। सूर्यनगर की 10 बरस की मनस्वी चौधरी इन दिनों सुर्खियों में है। वह मात्र ढाई बरस की उम्र से ही शिवम नाट्यालय में अपनी गुरु मंजूषा सक्सेना से भरतनाट्यम की विधिवत तालीम ले रही है और भरतनाट्यम की 9 विधाओं की प्रस्तुति देकर ‛आरंगेत्रम' करने वाली दुनिया की दूसरी सबसे कम उम्र की नृत्यांगना बन गई हैं।

बीते दिनों उनकी गुरु और उनकी मम्मी से बात हुई तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। वह जब महज डेढ़ साल की थी तो एक दिन अचानक रिश्तेदार की शादी में से गायब हो गई। काफी खोजबीन के बाद पता चला कि वे गली में ढोल बजाने वालों के बीच खड़ी कुछ महिलाओं के साथ मज़े से डांस कर रही है। जब ढोल बजना बन्द हो गए, तब भी मनस्वी वहां से हटने को तैयार नहीं हुई। उन दिनों का आलम यह था कि जब कहीं भी म्यूजिक बजता सुनती तो सब कुछ भूलकर थिरकने लगती।

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मनस्वी के माता-पिता दोनों डॉ. संपूर्णानंद मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर हैं, उन्होंने तय किया कि वे अपनी बेटी को क्लासिकल डांस की तालीम दिलवाएंगे। उन्होंने उसे ढाई साल की उम्र में शहर की विख्यात गुरु मंजूषा सक्सेना के पास भरतनाट्यम सीखने भेजा, पर उम्र कम होने के चलते उन्होंने मना कर दिया पर जब उसका जुनून देखा तो वे राज़ी हो गईं।

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इसी साल शहर के मेडिकल कालेज ऑडिटोरियम में मनस्वी ने ‛आरंगेत्रम' की प्रस्तुति दी और दुनिया की दूसरी यंगेस्ट डांसर बन गई। मंजूषा कहती हैं,"भारतीय नृत्यविधाओं में भरतनाट्यम भी एक शास्त्रीय नृत्य है, जिसका तमिलनाडु और इसके आस-पास के मंदिरों में उद्भव और विकास हुआ। आज की तारीख में भारतीय शास्त्रीय नृत्यों में खास स्थान रखता है।


20 सालों से राजस्थान की सांस्कृतिक राजधानी जोधपुर में इसे लोकप्रिय बनाने में जुटी हुई हूं। अब तक कोई 5000 से अधिक शिष्यों ने हमारी संस्था के माध्यम से प्राचीन कला केंद्र, चंडीगढ़ से डिप्लोमा हासिल किया है। अभी भी 400 से ज्यादा शिष्याएं इस नृत्य की तालीम लेकर आगे बढ़ रही हैं।"


क्या है आरंगेत्रम?

भरतनाट्यम का अपना एक विस्तृत इतिहास है। शुरुआती दौर में बच्चियों को इसकी तालीम के लिए गुरुकुल में भेजा जाता था। बहुत मेहनत से सीखने के बाद जब बच्चियां 14-15 साल की उम्र में इस नृत्य में पारंगत हो जाया करती थीं, तो उस दौर के राजा-महाराजाओं, शहर के नामचीन परिवारों और अपने गुरुजनों के समक्ष इसकी प्रस्तुति दिया करती थीं। इस प्रस्तुति का बहुत बड़ा महत्व है, इसी प्रस्तुति को ‛आरंगेत्रम' कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस नृत्य को देखने के लिए स्वयं भगवान प्रकट होते हैं। ‛आरंगेत्रम' को इस विद्या का सबसे बड़ा महोत्सव माना जाता है।

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पढ़ाई और नृत्य से देशभर में मनवाया लोहा

सेंट पैट्रिक विद्या भवन में कक्षा 5 की स्टूडेंट मनस्वी पढ़ाई में बेहद तेज है। 9 जून, 2008 को जन्मीं यह बच्ची 2015 में ‛चैनल-24' द्वारा आयोजित ‛नाच-9' प्रतियोगिता में फर्स्ट रनर अप रही। ‛तारे ज़मीं पर' सीजन-2 में विजेता रही, जिसके जज अभिनेता जिम्मी शेरगिल थे। 2016 में ‛सुपर डांस' सीजन-1 में जयपुर में तीनों राउंड जीतने के बात दिल्ली के लिए सेलेक्ट हुई। 2017 में राज्यस्तरीय ‛वाइब्रेशन' में भाग लिया, जिसके जज रेमो डिसूजा थे।

इस प्रतियोगिता में वह फर्स्ट रनर अप रही। इस वर्ष 2018 में ‛डांस इंडिया डांस' (लिटिल मास्टर) में भी सहभागिता की, तीनों राउंड जीतकर मुम्बई के ज़ीटीवी स्टूडियो तक पहुंची और पूरे देश की टॉप-90 में जगह बनाई। निर्देशक सिद्धार्थ आनंद, कोरियोग्राफर मरजिसर, अभिनेत्री चित्रांगदा सिंह ने सिल्वर विंग से सम्मानित किया।

(लेखक कृषि-पर्यावरण पत्रकार हैं)

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