उत्तर प्रदेश: प्रवासी हैं और अपने घर जा रहे हैं तो ये गाइडलाइन जरूर पढ़ें

उत्तर प्रदेश सरकार ने दूसरे राज्य से उत्तर प्रदेश आने वाले लोगों के लिए जारी किए दिशा-निर्देश, इनका पालन नहीं करने पर होगी कार्यवाही

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उत्तर प्रदेश: प्रवासी हैं और अपने घर जा रहे हैं तो ये गाइडलाइन जरूर पढ़ें

एक बार फिर लोग वापस लौटने लगे हैं। फोटो: दिवेंद्र सिंह

देश भर में कोरोना के संक्रमण बढ़ने और कई राज्यों में लॉकडाउन लगने से एक बार फिर लोग अपने गाँवों के लिए वापस लौटने लगे हैं। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए यूपी सरकार ने प्रवासियों के लिए कुछ नियम बनाए हैं, बाहर से आए लोगों को जिनका पालन कर होगा।

प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने सभी मंडलायुक्त और जिलाधिकारियों के लिए निर्देश जारी किए हैं, किस तरह से कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जाए।

प्रवासियों के आने के बाद जिला प्रशासन द्वारा उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी। स्क्रीनिंग में किसी भी तरह के लक्षण पाए जाने पर उन्हें क्वारंटाइन में रखा जाएगा और जांच के बाद अगर संक्रमित पाया जाता है तो कोविड अस्पताल या फिर घर पर आइसोलेट किया जाएगा। लक्षण वाले ऐसे व्यक्ति जो संक्रमित नहीं पाए जाएंगे उन्हें 14 दिनों के लिए होम क्वारंटाइन पर भेज दिया जाएगा। जिनमें कोई भी लक्षण नहीं होगा। उन्हें सात दिनों के होम क्वारंटाइन में रहना होगा।

जिले में पहुंचने के बाद जिला प्रशासन द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा कि हर प्रवासी की स्क्रीनिंग के साथ ही पता और मोबाइल नंबर के साथ लिस्ट तैयार की जाए।

जिले में पहुंचने के बाद प्रवासी व्यक्तियों के जिले में बने क्वारंटाइन सेंटर पर आने के बाद प्रभारी सभी व्यक्तियों के नाम, पते और मोबाइल नंबर को पूरा विवरण एक रजिस्टर में दर्ज करेंगे। इस रजिस्टर में आश्रय स्थल से अपने घर भेजे जाने वाले सभी व्यक्तियों का पूरा विवरण दर्ज किया जाए। साथ ही हस्ताक्षर भी कराए जाएं। पूरी जानकारी भरे बिना किसी को जाने न दिया जाए।

प्रदेश से बाहर से आने वाले लोग, जिनके घरों में होम क्वारंटाइन की सुविधा न हो उन्हें इंस्टीट्यूशन क्वारंटाइन में ही रखा जाए।


ग्रामीण स्तर पर क्वारंटाइन सेंटर की व्यवस्था न होने पर इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन के लिए प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालय या फिर दूसरे किसी स्कूल की बिल्डिंग को क्वारंटाइन सेंटर बनाया जाए और राजस्व विभाग और ग्राम्य विकास विभाग इसे सुनिश्चित करें।

सामुदायिक सर्विलांस और सहयोग के लिए जिला प्रशासन द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम निगरानी समिति और शहरी क्षेत्रों में मोहल्ला निगरानी समिति का प्रयोग किया जाए।

क्वारंटाइन सेंटर पर रहने वाले लोगों को रखना होगा इन बातों का ध्यान

क्वारंटाइन किया गया परिवार इस बात को सुनिश्चित करेगा कि जहां तक संभव हो प्रवासी अपने घर में अलग कमरे में रहेगा।

क्वारंटाइन प्रवासी को मास्क/गमछा/दुपट्टा/ से अपने मुंह और नाक को ढके रहना होगा।

हाथों को साबुन और पानी से धोते रहना होगा।

क्वारंटाइन हुए व्यक्ति के घर में किसी बाहरी के आने जाने की अनुमति नहीं होगी।

क्वारंटाइन किए गए प्रवासी के घर के किसी एक सदस्य को जरूरी सामान को खरीदने के लिए बाहर जाने की अनुमति होगी। उस सदस्य को घर से बाहर निकलने और घर से निकलने के बाद हाथों को सैनिटाइजर या साबुन से हाथ धोना होगा और मास्क जरूर लगाना होगा। निगरानी समिति द्वारा इस काम के लिए एक घंटे का समय निश्चित किया जाएगा।

आशा द्वारा इस परिवार में 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग से पीड़ित व्यक्तियों को क्वारंटाइन किए गए व्यक्ति से अलग रहने की सलाह दी जाएगी।

परिवार के किसी भी सदस्य या क्वारंटाइन किए प्रवासी में कोविड-19 के लक्षण दिखते ही इसकी सूचना आशा कार्यकर्ता को तुरंत दी जाएगी।

आशा कार्यकर्ता सभी क्वारंटाइन किए गए घरों में तीन दिन में एक बार जरूर जाकर परिवार के लोगों में खांसी, बुखार या फिर सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षणों के दिखने पर इस संबंध में जानकारी ली जाएगी। भ्रमण के समय आशा कार्यकर्ता को भी सोशल डिस्टेंसिंग और साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखना होगा।

अगर किसी प्रवासी या फिर उसके परिवार के सदस्य को बुखार या खांसी के लक्षण आते हैं तो आशा इसकी सूचना प्रभारी चिकित्साधिकारी को देंगी और पेरासिटामोल की गोली देकर तीन दिनों के लिए व्यक्ति को घर में ही क्वारंटाइन रहने की सलाह देंगी। अगर लक्षण बढ़ते हैं और सांस लेने में तकलीफ होती है तो निगरानी समिति के सदस्य या फिर आशा इसकी सूचना तुरंत प्रभारी चिकित्साधिकारी को देंगी।

यदि परिवार द्वारा नियमों का उल्लंघन किया जाता है तो पड़ोसियों अथवा निगरानी समिति के द्वारा जिला प्रशासन को कार्यवाही के लिए सूचित किया जाएगा।

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