पीएम नरेंद्र मोदी की रैली से पहले पकड़े जा रहे छुट्टा पशु, अखिलेश की रैली में मच चुका है उत्‍पात

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पीएम नरेंद्र मोदी की रैली से पहले पकड़े जा रहे छुट्टा पशु, अखिलेश की रैली में मच चुका है उत्‍पात

सीतापुर/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कन्नौज, हरदोई, सीतापुर में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली है। चुनावी रैली से पहले इन इलाकों में पुलिस प्रशासन छुट्टा पशुओं को पकड़ने में जुटा रहा है। यहां पर साड़ और छुट्टा गायों को पकड़कर गोशालाओं और दूसरी जगहों पर रखा जा रहा है।

पीएम मोदी यूपी के तीन जिलों में एक ही दिन में चुनावी रैलियां करेंगे। जिसके चलते प्रशासन के हाथ पैर फूले हुए हैं, क्योंकि ये वही इलाका है जहां छुट्टा पशुओं का आतंक सबसे ज्यादा है।

पीएम मोदी की रैली से दो दिन पहले कन्नौज में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती की रैली सांड ने आतंक मचाया था। यहां एक सांड़ पर काबू पाने के चक्कर में एक पुलिसकर्मी और एक दमकलकर्मी घायल हुआ था। इससे पहले हरदोई में बुधवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रैली में भी सांड के चलते सुरक्षा में चूक हुई थी। यहां पर हैलीपैड पर सांड आ जाने से सुरक्षा कर्मियों में हड़कंप मच गया था। पश्चिमी यूपी में कई रैलियों में छुट्टा पशु हड़कंप मचा चुके हैं।

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कन्नौज में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की रैली में सांड ने मचाया था उत्‍पात।

सीतापुर के सिटी मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश उपाध्याय ने बताया, "पीएम की रैली में कोई चूकन न हो इसलिए छुट्टा पशुओं को पकड़ा जा रा रहा है। बृहस्पतिवार को 15 पशुओं को बंद किया गया था, आज (शुक्रवार) को भी नगर पालिका के कर्मचारियों को लगाया गया है।"

सीतापुर, बाराबंकी, कन्नौज, हरदोई और लखीमपुर समेत लगभग सभी जिले छुट्टा गोवंश से प्रभावित है। ये पशु देखते ही देखते किसानों की फसलें चट कर जाते हैं। गांवों के साथ ही शहरों में भी इनकी संख्या काफी बढ़ गई, जिसके चलते लगातार हादसे हो रहे हैं।

उत्तर प्रदेश पशुपालन विभाग के अनुसार प्रदेश में करीब 11 लाख छुट्टा गोवंश हैं। लेकिन ग्रामीणों की मानें 59 हजार से ज्यादा ग्राम पंचायतों वाले इस प्रदेश में हर ग्राम पंचायत में 100 के करीब ऐसे जानवर होंगे। सर्दियों के सीजन में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ और हाथरस में इन छुट्टा पशुओं से परेशान किसानों ने इन जानवरों को हांककर सरकारी स्कूलों और अस्पतालों में बंद कर दिया।


किसानों के हंगामे के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्राम पंचायत स्तर गोशालाएं खोलने का प्रावधान किया। किसानों को आवारा पशुओं की समस्या से निजात दिलाने के लिए योगी सरकार ने तीसरे बजट में 612.6 करोड़ रुपए का बजट में प्रावधान किया था। पशुपालन विभाग द्वारा किए गए सर्वे के मुताबिक 31 जनवरी वर्ष 2019 तक पूरे प्रदेश में निराश्रित पशुओं की संख्या सात लाख 33 हज़ार 606 है। बहुत सारे पशुओं को पकड़कर इन गोशालाओं में पहुंचाया गया है लेकिन लाखों पशु अभी खुले में घूम रहे हैं।


निराश्रित पशुओं के कल्याण के लिए उत्तर प्रदेश में जीव जंतु कल्याण बोर्ड का पुनर्गठन किए जाने की कवायद चल रही है। पशुपालन विभाग के प्रशासन एंव विकास के निदेशक डॉ चौधरी चरण सिंह ने पिछले दिनों एक बैठक मे कहा था कि कहा, "पहले 40 पशु प्रेमियों का चयन किया जाएगा। चयन के बाद 13 से 15 जून को जीव जंतु कल्याण बोर्ड की तरफ उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण में पशुओं के होने वाली घटनाओं को रोका जा सकेगा और इससे लोग जागरूक भी होंगे।"

छुट्टा पशुओं को लेकर योगी आदित्यनाथ की सरकार विपक्षियों के निशाने पर रही है। कई जिलों किसान भी सरकार ने नाराज हैं। कन्नौज की घटना के बाद यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट किया। '''विकास' पूछ रहा है: आजकल आप देख रहे हैं कि नहीं कि किस तरह अनाथ साँड़ों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है? कल रैली में एक साँड़ अपना ज्ञापन देने घुस आया और भाजपा सरकार का गुस्सा बेचारे सिपाही पर निकाल डाला, जब उसे बताया कि ये उनको बेघर करने वालों की रैली नहीं है, तब जाकर वो शांत हुआ।'' इनपुट- मोहित शुक्‍ला

गांव कनेक्शन छुट्टा पशुओं का मुद्दा लगातार उठाया रहता है। जनवरी महीने में गांव कनेक्शन ने एक रात किसानों के साथ बिताकर उनकी समस्या पर वीडियो बनाया था, देखिए



  

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