परमाणु हथियारों के खिलाफ अभियान चलाने वाले ICAN को मिला शांति का नोबेल

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परमाणु हथियारों के खिलाफ अभियान चलाने वाले ICAN को मिला शांति का नोबेलनोबेल।

लखनऊ। पूरी दुनिया से परमाणु हथियारों को खत्म करने के लिए अभियान चलाने वाले संगठन आईसीएएन को इस बार शांति के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया है। समूह को 2007 में साथ शुरू किया गया था और इस समय दुनिया के 101 देशों में इसकी 468 सहयोगी काम कर रहे हैं। सिविल सोसायिटी के लोग पूरी दुनिया में परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध लगाने वाली संधि पर काम कर रही है।

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नोबेल पुरस्कार देने वाली समिति में शामिल बीआर एंडसरसन इस संस्था को शांति का नोबेल पुरस्कार देने पर कहा है कि हम लोग इस समय ऐसी दुनिया में जिसके ऊपर परमाणु युद्ध का खतरा है।' जुलाई 2012 में 122 देशों ने संयुक्त राष्ट्र की संधि पर सहमति जताई थी जिसमें परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध की बात कही गई थी, लेकिन इस संधि से अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन, फांस ने खुद को अलग कर लिया था। इसके अलावा कई और परमाणु हथियार संपन्न देशों ने भी इस पर रुचि नहीं दिखाई थी।

क्या है ICAN

  • दुनिया में परमाणु हथियारो का विरोध करना और इन्हें खत्म करने लिए ICAN अभियान की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया में हुई थी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मंच पर इसकी स्थापना ऑस्ट्रिया में 2007 में हुई।
  • यूएन ने 2017 में परमाणु हथियारों के उत्पादन, परीक्षण और उसके उपयोग पर रोक लगाने के लिए संधि पर हस्ताक्षर किए थे। इस संधि पर कई देशों के हस्ताक्षर के बाद ICAN ने परमाणु हथियारों को खत्म करने और अन्य देशों को साथ लाने लिए अपना प्रमुख उद्देश्य बना लिया।
  • इस समझौते को लागू करने के लिए कम से कम 50 देशों का हस्ताक्षर जरूरी है, लेकिन ज्यादातर देशों ने इस हस्ताक्षर नहीं किए हैं।
  • इस संधि पर अभी तक इजराइल, नॉर्थ कोरिया, पाकिस्तान, चीन, फ्रांस, यूके, रूस और यूएस ने हस्ताक्षर नहीं किए हैं।
  • ICAN दुनियाभर के 100 से ज्यादा लोगों के साथ मिलकर काम करता है, जिसमें पूर्व यूएन सेक्रेटरी जनरल बान की मून, मार्टिन शीन और दलाई लामा जैसी शख्सियत शामिल है।
  • ICAN दुनियाभर में अभियान चलाता है और लोगों को परमाणु हथियारों से हेल्थ, समाज और पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव के बार में जागरुक करता है।

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