अब 20 राज्यों में एक जून से कहीं से भी राशन ले सकेंगे राशन कार्ड धारक
केंद्र सरकार एक जून से अपनी महत्वाकांक्षी योजना ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ 20 राज्यों में अमल में लाने जा रही है।
Kushal Mishra 11 May 2020 2:10 PM GMT
केंद्र सरकार एक जून से अपनी महत्वाकांक्षी योजना 'एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड' 20 राज्यों में अमल में लाने जा रही है। इसके बाद 20 राज्यों के राशन कार्ड धारक किसी भी प्रदेश के सरकारी राशन केन्द्रों से राशन ले सकेंगे। इस योजना से बड़ी संख्या में गरीब वर्ग के लोगों को फायदा मिल सकेगा।
केन्द्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने ट्विटर पर लिखा, "केंद्र सरकार 20 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में एक जून से राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी के शुभारंभ के लिए तैयार है।" अभी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत 81 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को रियायती दामों पर अनाज मिल रहा है।
इससे पहले केंद्र सरकार ने एक जनवरी से 12 राज्यों को इस योजना के तहत जोड़ा था। मगर लॉकडाउन के समय प्रवासी और गरीब वर्ग के लोगों को राशन पहुँचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस योजना पर और गौर करने पर जोर दिया। इसके बाद केंद्र सरकार ने एक मई को बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और दमन और दीव को भी एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड योजना से जोड़ा।
एक राष्ट्र - एक राशन कार्ड की ओर अग्रसर भारत
— BJP (@BJP4India) May 9, 2020
लाभार्थी एक ही राशन कार्ड का उपयोग करके देश में कहीं भी किसी भी उचित मूल्य की दुकान से खाद्यान्न ले सकेंगे।
कुल 20 राज्य / केन्द्र शासित प्रदेश 1 जून से राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी के शुभारंभ के लिए तैयार। pic.twitter.com/VjPXCqSw0y
इससे पहले गुजरात, तेलंगाना, आन्ध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, हरियाणा, केरल, कर्नाटक, गोवा, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा और झारखण्ड राज्यों में राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी लागू किया गया। अब इसमें ओडिशा, नागालैंड और मिजोरम भी जुड़ गए हैं जहाँ राशन कार्ड धारक एक जून से किसी भी सरकारी राशन केंद्र से उचित मूल्य में राशन प्राप्त कर सकेगा।
केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के बाद सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत देश के 80 करोड़ लोगों को हर महीने के नियमित राशन के साथ प्रति व्यक्ति पांच किलो अतिरिक्त गेहूं या चावल नि:शुल्क देने की बात कही थी। मगर मुफ्त राशन की सुविधा का लाभ उन्हें नहीं मिल पा रहा था जो दूसरे शहरों या राज्यों में रहते थे। ऐसे में सरकार के इस कदम से गरीब वर्ग के कई लोगों को राहत पहुँच सकेगी।
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