‘कुपोषित बच्चों को पहले से तैयार पौष्टिक आहार दे सकते हैं राज्य’

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‘कुपोषित बच्चों को पहले से तैयार पौष्टिक आहार दे सकते हैं राज्य’फोटो: इंटरनेट

नई दिल्ली (भाषा)। पोषाहार नीति में बड़ा बदलाव करते हुए केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि राज्य गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों को पहले से तैयार पौष्टिक आहार प्रदान करने को लेकर कदम उठाने के लिए स्वतंत्र हैं।

पहले उठ रहे थे सवाल

केंद्र की अब तक यह राय रही है कि पहले से तैयार पौष्टिक आहार (रेडी टू यूज थेराप्युटिक फूड) स्वीकार्य नीति नहीं है और इस बात के पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध नहीं हैं कि यह गंभीर कुपोषण से पीड़ित बच्चों के उपचार में मददगार होगा।

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बंबई हाई कोर्ट ने लगा दी थी रोक

इस कदम के बाद अब महाराष्ट्र सरकार पहले से तैयार पौष्टिक आहार की खरीद बहाल कर सकेगी। बंबई हाई कोर्ट में एक याचिका दायर होने के बाद उसने खरीद रोक दी थी। राज्य सरकार ने इस साल सितंबर में उच्च न्यायालय में कहा कि उसने केंद्र की मंजूरी मिलने तक खरीद रोक दी है।

राज्यों के विवेक पर छोड़ा जाना चाहिए

बीते चार नवंबर को प्रधानमंत्री कार्यालय में हुई बैठक के ब्यौरे के अनुसार गंभीर कुपोषण का सामना कर रहे बच्चों के लिए पहले से तैयार पौष्टिक आहार प्रदान करने का फैसला राज्यों के विवेक पर छोड़ा जाना चाहिए।

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देश में 93 लाख बच्चे गंभीर कुपोषण से पीड़ित

बैठक में प्रधानमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी, नीति आयोग के सीईओ और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय तथा स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव शामिल हुए। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के अनुसार, देश में 93 लाख से अधिक बच्चे गंभीर कुपोषण से पीड़ित हैं।

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