बंद हो सकती है ‘ सार्वजनिक वितरण प्रणाली ’ कोटे पर नहीं मिलेगा अनाज, खाते में पहुंचेगा पैसा 

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
बंद हो सकती है ‘ सार्वजनिक वितरण प्रणाली ’ कोटे पर नहीं मिलेगा अनाज, खाते में पहुंचेगा पैसा पीडीएस को बंदकर लाभार्थियों के खातों में सीधे पैसा भेज सकती है सरकार।

नई दिल्ली। सस्तीदरों पर कोटे पर राशन मिलने की व्यवस्था यानि सार्वजिनक वितरण प्रणाली हो सकता है आने वाले दिनों में बंद हो जाए। सरकार गरीबों की सुविधाओं का ध्यान रखेगी लेकिन डिजिटल इंडिया में कोटे पर राशन नहीं बल्कि उसके लिए पैसा सीधे उपभोक्ता के खाते में पहुंचेगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि सरकार सार्वजनिक वितरण योजना (PDS) प्रणाली को बंद कर सकती है और लाभार्थियों के खातों में सीधे रुपए ट्रांसफर कर सकती है। हरियाणा और पुंडुचेरी में पहले से यही प्रक्रिया लागू है, जहां से उत्साहजनक परिणाम मिले हैं।

ये भी पढ़ें : पौधे खुद बताते हैं कि उनको कब क्या चाहिए, जानिए कैसे ?

Deccan Herald की ख़बर के मुताबिक मोदी ने सोमवार को दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ के भाजपा सांसदों के साथ सोमवार की अनौपचारिक चर्चा के दौरान यह बात कही। सांसदों के साथ बातचीत के परिणाम पर जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, मोदी ने कहा कि हरियाणा के बाद गरीबों को सीधे अपने खातों में पैसा मिल रहा है और पुंडुचेरी ने अपना पीडीएस सिस्टम बंद कर दिया है। यह मॉडल दूसरे राज्यों में भी लागू किया जा सकता है।

उन्होंने सदस्यों को बताया कि हरियाणा और चंडीगढ़ ने केरोसीन मुक्त होने के बाद भ्रष्टाचार की जांच करने में कामयाबी हासिल की है। पीडीएस के अंतर्गत, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से गेहूं, चावल और चीनी और केरोसिन सहित अनाज बेचता है।

कोटेदारों पर अक्सर लगते हैं आरोप

गांवों में कोटेदारों यानि लाइसेंस धारक दुकानदारों के जरिए सरकार उपभोक्तताओं को अनाज, गेहूं, चावल, चीनी और केरोसिन ऑयल देती है। सार्वजिनक वितरण प्रणाली की निगरानी आपूर्ति विभाग करता है। लेकिन इस व्यवस्था में कोटेदार पर लगातार धांधली के आरोप लगते हैं। लोगों का आरोप रहता है कि कोटेदार राशन ब्लैक करते हैं या फिर उपभोक्ताओं को राशन कार्ड पर तय दर से कम अनाज देते हैं। कई बार ये अनाज निजी दुकानों पर भी बिकता हुआ पाया गया है।

यूपी के औरैया में पिछले दिनों एक कोटेदार पर लोगों के फर्जी साइन कर राशन हड़़पने का आरोप लगा था।

ये भी पढ़ें : सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले लड़के को गूगल देगा हर साल 12 लाख रुपए सैलरी

       

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.