नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पुलिस-जवानों ने दिखाई दरियादिली, जंगल में महिला का कराया सुरक्षित प्रसव
नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में पुलिस और आईटीबीपी के जवानों ने जंगल में एक गर्भवती महिला का सुरक्षित प्रसव करवाने में सहयोग देकर ग्रामीणों का दिल जीत लिया है।
Tameshwar Sinha 29 Nov 2019 12:59 PM GMT
नारायणपुर (छत्तीसगढ़) । नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में जहां पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ और ग्रामीणों पर अत्याचार के आरोप लगते रहे हैं, वहीं पुलिस और आईटीबीपी के जवानों ने जंगल में एक गर्भवती महिला का सुरक्षित प्रसव करवाने में सहयोग देकर ग्रामीणों का दिल जीत लिया है।
यह घटना छत्तीसगढ़ की राजधानी से 300 किमी दूर नारायणपुर जिले के ग्राम सोनपुर ऐहनार की है। अति संवेदनशील नक्सल प्रभावित इस क्षेत्र में ग्रामीण सोनारु नुरेटी के परिवार में उनके छोटे भाई की पत्नी सुकनी बाई को 28 नवंबर की शाम प्रसव पीड़ा से कराह उठीं।
सोनपुर कैम्प से इस गांव की दूरी सात किलोमीटर दूर है और पहाड़ियों और घने जंगल में स्थित है। किसी तरह सोनारु ने सोनपुर कैम्प आकर पुलिस को ऐसी स्थिति की सूचना दी और जल्द एंबुलेंस मंगवाने की दरख्वास्त की। मगर खराब रास्तों की वजह से चारपहिया वाहन गांव तक पहुंचना नामुमकिन था।
एंबुलेंस को दी तुरंत सूचना
ऐसी स्थिति में आरआई दीवक साव ने 102 एंबुलेस सेवा को फोन कर सोनपुर कैम्प तक एंबुलेंस भेजने की सूचना दी और सोनारु को गाँव वापस जाकर गर्भवती महिला को कैम्प तक लाने के लिए बोला।
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इस बीच कैम्प तक गर्भवती महिला को लाने में एक घंटे से ज्यादा समय लग गया। ऐसे में कैंप पर पहुंची एंबुलेंस थोड़ी देर ही रुकी और महिला के ना पहुंचने पर वापस नारायणपुर चली गई।
दीवक साव 'गाँव कनेक्शन' को बताते हैं, "आधा घंटे बाद ही सोनारु सोनपुर कैम्प पहुंचा और बताया कि गर्भवती महिला को कुछ दूर पहले ही अन्य महिलाओं के साथ रोक लिया है क्योंकि उसकी हालत बेहद नाजुक है। वे महिलाएं जंगल में ही महिला का प्रसव करा रही हैं।"
कैंप तक लाने के लिए दौड़े अधिकारी
वहीं सोनपुर कैम्प प्रभारी हरिनाथ रावत बताते हैं, "जंगल में प्रसव कराने की बात सुनते ही आईटीबीपी के इंस्पेक्टर प्रमोद तिवारी गर्भवती महिला को कैंप तक लाने के लिए कैम्प के मेडिकल स्टाफ और पर्याप्त सुरक्षा बल के साथ रवाना हुए। वहीं हमने रामकृष्ण मिशन आश्रम, कुंदला स्वास्थ्य केन्द्र से मेडिकल सुविधाएं भेजने और वहां तक जल्द पहुंचने की बात कही।"
एसआई रावत ने बताया, "वहां का दृश्य किसी को भी झकझोर कर देने वाला था, नाला किनारे झाड़ियों में दो ग्रामीण महिलायें गर्भवती महिला को प्रसव कराने का प्रयास कर रही थीं, उनके पास न तो बिछाने के लिये कपड़े थे और न ही प्रसव कराने में लगने वाले अन्य जरूरत का कोई सामान।"
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"तुरंत रामकृष्ण मिशन आश्रम की महिला चिकित्सा कर्मी, आईटीबीपी के मेडिकल स्टाफ के सहयोग से जवानों के ग्राउंड शीट, कंबल और सीमित सामानों के साथ महिला का विपरित और कठिन परिस्थिति में भी सुरक्षित व सफल प्रसव कराया गया। महिला ने एक स्वस्थ बालक को जन्म दिया है और जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।"
जवानों ने किया सहयोग
इस दौरान कपड़े की जरूरत पड़ने पर जवानों अपने शर्ट और गमछा देकर सफल प्रसव कराने में सहयोग किया। सुरक्षित प्रसव बाद देर रात महिला चिकित्सा कर्मियों के साथ जच्च-बच्चा रामकृष्ण मिशन आश्रम कुंदला के लिए रवाना कर वहां भर्ती कराया गया।
वहीं नारायणपुर के सीएमएचओ एआर गोटा ने 'गाँव कनेक्शन' से बताया, "गर्भवती महिला को लेने के लिए जिला मुख्यालय से सोनपुर गई एंबुलेंस महिला को लिए बगैर लौट आई। इसकी शिकायत मिलने पर संबंधित महतारी एंबुलेंस कर्मियों पर कार्रवाई करने के लिए पत्राचार किया जा रहा है। इस प्रकार की घटना बहुत ही दुखद है।"
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