नक्सलियों को समर्थन का आरोप, पांच मानवाधिकार कार्यकर्ता गिरफ्तार
इस साल एक जनवरी को हुए कोरेगांव-भीमा दंगा मामले में नक्सल समर्थकों की भागीदारी की जारी जांच के सिलसिले में मानवाधिकार कार्यकर्ता क्रांति, स्टेन स्वामी और आनंद तेलतुंबडे समेत कई अन्य के खिलाफ भी छापे मारे गए।
गाँव कनेक्शन 29 Aug 2018 5:42 AM GMT
पुणे/हैदराबाद। पुलिस ने महाराष्ट्र के कोरेगांव-भीमा दंगों के संबंध में मंगलवार को देश के अलग-अलग शहरों में छापे मारे और पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं व कथित नक्सल समर्थकों को गिरफ्तार किया। इनमें वामपंथी विचारक वरवर राव भी शामिल हैं। मुंबई, पुणे, गोवा, दिल्ली, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और हरियाणा में 10 जगहों पर छापे मारे गए। पुणे के संयुक्त पुलिस आयुक्त शिवाजीराव बोडखे ने कहा, "हमने वरवर राव, वेर्नोन गोंजाल्वेज, अरुण परेरा, सुधा भारद्वाज और गौतम नौलखा को गिरफ्तार किया है।"
इस साल एक जनवरी को हुए कोरेगांव-भीमा दंगा मामले में नक्सल समर्थकों की भागीदारी की जारी जांच के सिलसिले में मानवाधिकार कार्यकर्ता क्रांति, स्टेन स्वामी और आनंद तेलतुंबडे समेत कई अन्य के खिलाफ भी छापे मारे गए। इस बीच, दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को महाराष्ट्र पुलिस को निर्देश दिया कि वह गौतम नौलखा को बुधवार तक दिल्ली से बाहर न ले जाए और अगले आदेश तक उन्हें उनके घर में नजरबंद रखे।
भारिप बहुजन महासंघ के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने कहा, " हाल में हिंदू दक्षिणपंथी संगठन सनातन संस्था पर हुई कार्रवाई के बाद यह सरकार द्वारा जनता को चुप करने का प्रयास है। लेकिन, गैर सरकारी संस्थाएं अब लोकतंत्र को बचाने के लिए भाजपा सरकार के खिलाफ और जोरशोर से संघर्ष करेंगी।"
पत्थलगड़ी: विद्रोह की सुगबुगाहट के पीछे की कहानी
अगले दिन एक जनवरी को कोरेगांव-भीमा में जातीय दंगे भड़क गए थे, जिसमें एक शख्स की मौत हो गई थी। इसके बाद प्रकाश आंबेडकर की अध्यक्षता वाले भारिप-बहुजन महासंघ द्वारा तीन जनवरी को महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया गया था। करीब पांच महीने बाद मंगलवार को पुणे पुलिस की टीमों ने करीब आधा दर्जन राज्यों में कई लोगों के घरों और कार्यालयों पर छापेमारी की। इन लोगों पर यलगार परिषद के साथ संबंध रखने और नक्सल समर्थक होने का संदेह है। पुलिस ने इनके पास से कंप्यूटर, लैपटॉप, सीडी, दस्तावेज और किताबें जब्त की हैं और दावा किया है कि ये सभी नक्सलियों के लिए शहरी थिंकटैंक के रूप में कार्य कर रहे थे। माओवादी विचारक वरवर राव को महाराष्ट्र पुलिस ने हैदराबाद में गिरफ्तार किया। पुणे पुलिस की टीम ने क्रांतिकारी लेखक राव के घर की आठ घंटे तलाशी ली। उन्हें अदालत में पेश किया गया, जिसने पुलिस को उन्हें बुधवार शाम पांच बजे तक पुणे की अदालत में पेश करने को कहा। पुलिस ने राव के घर पर छापा मारने के साथ-साथ उनकी दो बेटियों, कुछ रिश्तेदारों और दो पत्रकारों समेत कुछ दोस्तों के घरों पर भी छापे मारे।
सुप्रीम कोर्ट ने दी ममता सरकार को राहत, नहीं होंगे दोबारा पंचायत चुनाव
मोदी की हत्या की साजिश के उल्लेख वाला एक पत्र बरामद
पुणे पुलिस ने जून में कथित तौर पर पांच लोगों में से एक व्यक्ति के घर से मोदी की हत्या की साजिश के उल्लेख वाला एक पत्र बरामद किया था। इन पांचों लोगों को भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया गया था। बरामद पत्र में कथित तौर पर प्रधानमंत्री मोदी की हत्या पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तर्ज पर करने की बात कही गई थी। इस पत्र को लिखने वाले व्यक्ति की पहचान सिर्फ 'आर' के रूप में की गई। इसमें साजिश को अंजाम देने के लिए एक एम-4 राइफल व चार लाख चक्र कारतूस खरीदने के लिए आठ करोड़ रुपये की जरूरत का जिक्र किया गया था। कहा जा रहा है कि इस पत्र में वरवर राव का नाम धन का इंतजाम करने वाले के रूप में शामिल है। यह पत्र नक्सल नेता प्रकाश को संबोधित था और इसे मानवाधिकार कार्यकर्ता रोना जैकब विल्सन के पास से बरामद किया गया था, जब उन्हें दिल्ली में गिरफ्तार किया गया था।
There is only place for one NGO in India and it's called the RSS. Shut down all other NGOs. Jail all activists and shoot those that complain.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 28, 2018
Welcome to the new India. #BhimaKoregaon
शिकायत करने वाले को गोली मार दो, ये है नया भारत: राहुल गांधी
मंगलवार को देशभर में वामपंथी विचारकों के ठिकानों पर छापेमारी की। पुलिस ने वामपंथी विचारधारा के समर्थक माने जाने वाले पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इस गिरफ्तारी के बाद लेफ्ट दलों समेत कई विपक्षी पार्टियों ने सरकार के खिलाफ अपना विरोध जताया है। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर तंज कसते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है, 'शिकायत करे उसे गोली मार दो। यही है न्यू इंडिया।'
गौतम नवलखा की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई आज
दिल्ली हाईकोर्ट ने माओवादियों से कथित संबंधों के आरोप में महाराष्ट्र पुलिस की ओर से गिरफ्तार किए गए नागरिक अधिकारी कार्यकर्ता गौतम नवलखा को सुबह तक दिल्ली से बाहर ले जाने पर रोक लगा दी है। पीठ ने कहा कि जब तक इस मामले की सुनवाई नहीं होती, उन्हें उनके घर में सुरक्षा के तहत रखा जाए। हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर और न्यायमूर्ति विनोद गोयल की पीठ ने कहा कि गौतम नवलखा मामले की सुनवाई होने तक सिर्फ अपने वकील से मिल सकते हैं। इस बीच पीठ गौतम नवलखा की वकील वारिशा फरासत द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
साभार: एजेंसी
More Stories