सामाजिक बुराइयों से लड़ने के लिए महिलाओं को सशक्त बनाना जरूरी : मोदी

प्रधानमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी एक करोड़ से अधिक महिलाओं के साथ बातचीत करते हुए कहा, "सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि महिलाओं को उनके सामर्थ्य और प्रतिभा को जानने दें और उन्हें अवसरों का फायदा उठाने दें।"

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सामाजिक बुराइयों से लड़ने के लिए महिलाओं को सशक्त बनाना जरूरी : मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सामाजिक बुराइयों से लड़ाई के लिए महिलाओं को सशक्त बनाने पर बल दिया। मोदी ने कहा कि वित्तीय स्वतंत्रता एक महिला को मजबूत और समर्थ बनाती है। उन्होंने कहा, "आर्थिक रूप से सशक्त महिलाएं सामाजिक बुराइयों के खिलाफ एक ढाल की तरह हैं।" प्रधानमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी एक करोड़ से अधिक महिलाओं के साथ बातचीत करते हुए कहा, "सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि महिलाओं को उनके सामर्थ्य और प्रतिभा को जानने दें और उन्हें अवसरों का फायदा उठाने दें।"

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उन्होंने कहा, "अगर महिलाओं को प्रगति का अवसर दिया जाता है तो वे सभी बाधाओं को पीछे छोड़ देती हैं।" उन्होंने कहा, "वे उद्यमी हैं। उन्हें सिखाने की जरूरत नहीं है। उन्हें केवल प्रदर्शन का अवसर दिए जाने की जरूरत है।" मोदी ने कहा, "आज आप कोई भी क्षेत्र देख लें, आप पाएंगे कि बड़ी संख्या में महिलाएं काम कर रही हैं। देश में कृषि और डेयरी क्षेत्र की महिलाओं के योगदान के बिना कल्पना नहीं जा सकती।" उन्होंने यह भी कहा कि लगभग पांच करोड़ महिलाएं 45 लाख स्वयं सहायता समूहों का लाभ उठा रही हैं। उन्होंने कहा, "सरकार ने 2014 में प्राथमिकता पर 20 लाख स्वयं सहायता समूहों का गठन किया और इसके दायरे में 2.25 करोड़ से ज्यादा परिवारों लाया गया है।"

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प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों का नेटवर्क पूरे देश में फैल गया है और विभिन्न प्रकार के व्यवसायों से जुड़ा हुआ है। सरकार उन्हें प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और अवसर प्रदान कर रही है। पटना की अमृता देवी के साथ बातचीत करने के बाद मोदी ने कहा, "हमने सुना कि स्वयं सहायता समूहों से जुड़ने के बाद उनका जीवन कैसे बदल गया। मैं बिहार से कुछ और उदाहरण साझा कर रहा हूं।" उन्होंने कहा, "बिहार में 2.5 लाख से अधिक लोग स्वयं सहायता समूहों से जुड़े हुए हैं और उचित प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद बेहतर धान की खेती कर रहे हैं। इसी तरह दो लाख से ज्यादा लोग सब्जी की खेती में नई तकनीक का प्रयोग कर रहे हैं।" प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ के 22 जिलों में, 122 बिहान बाजार आउटलेट बनाए गए हैं, जहां स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए 200 से अधिक प्रकार के उत्पादों को बेचा जा रहा है।

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