आयकर विभाग की जांच के दायरे में 7 सांसदों और 98 विधायकों की संपत्ति

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आयकर विभाग की जांच के दायरे में 7 सांसदों और 98 विधायकों की संपत्तिमंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में इन लोकसभा सांसदों और विधायकों के नाम को एक सीलबंद लिफाफे में पेश करेगी सीबीडीटी

नई दिल्ली। आय से अधिक संपत्ति के शक में लोकसभा के सात सांसदों और राज्यों के करीब 98 विधायकों की जांच की जा रही है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया कि दो चुनावों के बीच इन सांसदों और विधायकों की संपत्ति में 'बेतहाशा बढ़ोतरी' हुई है।

लखनऊ के एक गैर सरकारी संस्था ने दायर की थी याचिका

लखनऊ के एक एनजीओ 'लोक प्रहरी' ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि 26 लोकसभा सांसदों, 11 राज्यसभा सांसद और 257 विधायकों के चुनावी हलफनामे को देखने पर दो चुनावों के बीच उनकी संपत्तियों में बेतहाशा बढ़ोतरी का पता चलता है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीडीटी से जवाब मांगा था।

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चल रही जांच

ऐसे में सीबीडीटी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में बताया कि इन आरोपों पर आयकर विभाग ने जांच की, जिसमें में पता चला कि 26 लोकसभा सांसदों में से सात तथा 98 विधायकों की संपत्ति में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। इस बाबत आगे जांच चल रही है। इस मामले की सुनवाई मंगलवार को भी रहेगी जारी और उम्मीद है कि सीबीडीटी अकूत संपत्ति अर्जित करने वाले इन नेताओं के नाम एक सीलबंद रिपोर्ट में सुप्रीम कोर्ट में दायर करेगा।

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सुप्रीम कोर्ट ने पूंछा- सरकार ने कोई कार्रवाई की?

न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर की अध्यक्षता वाली पीठ ने पूछा था कि क्या सरकार ने ऐसे सांसदों या विधायकों के खिलाफ कोई कार्रवाई की, जिन्होंने चुनाव आयोग को दिए गए अपने हलफनामे में गलत जानकारी दी है। वहीं इनकम टैक्स रिटर्न भरते वक्त संपत्ति का ब्यौरा कुछ और दिया गया है, जो हलफनामे से बिल्कुल अलग है। शीर्ष अदालत ने सरकार से ये भी पूछा था कि आखिर वो जांच से बच क्यों रही है? इन बात की जानकारी अधिकारियों को दी जानी चाहिए कि नेताओं की सोर्स ऑफ इनकम क्या है?

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