जल्द ही आप झूठे और सच्चे मैसेज को पहचान सकेंगे
अफवाहों से बचने और सोशल मीडिया प्लेटफार्म व्हाट्सऐप पर नकली खबरों पहचानने के लिए, एक संस्थान के विशेषज्ञों की एक टीम एक मोबाइल अप्लिकेशन पर काम कर रही है जो आपको यह बताने में सक्षम होगी कि संदेश नकली है या नहीं।
Deepanshu Mishra 30 July 2018 9:57 AM GMT
अफवाहों से बचने और सोशल मीडिया प्लेटफार्म व्हाट्सऐप पर नकली खबरों को पहचानने के लिए दिल्ली के एक संस्थान के विशेषज्ञों की टीम एक मोबाइल अप्लिकेशन पर काम कर रही है जो आपको यह बताने में सक्षम होगी कि संदेश नकली है या नहीं।
इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी, दिल्ली में कंप्यूटर साइंस के सहयोगी प्रोफेसर पोन्नुरंगम कुमारगुरु, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नकली खबरों की पहचान करने के लिए उस टीम का नेतृत्व कर रहे हैं जो प्रामाणिकता निर्धारित करने के लिए ऐप विकसित कर रही है।
व्हाट्सऐप पर अफवाहों ने भीड़ के गुस्से से जुड़ी घटनाओं को उछाल दिया है, जिसमें महाराष्ट्र के रेनपाडा गांव में बच्चे उठाने वाले होने के संदेह पर पांच पुरुष शामिल थे। हाल ही में कर्नाटक के बिदर के पास बच्चों को उठाने वाले के संदेह पर एक व्यक्ति को मार डाला गया और तीन को घायल कर दिया गया था।
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प्रोफेसर का मानना है ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जिनमें हिंसा में लोग मारे गए थे, यह हिंसा व्हाट्सऐप पर फैली अफवाहों के आधार पर भड़की थी।
प्रोफेसर के अनुसार, हम बड़ी संख्या में डेटा एकत्र कर रहे हैं और हमने लोगों से 9354325700 इस नम्बर पर मैसेज भेजने को कहा है। इसके बाद हम ऐसे संदेशों पर एक रैपर लगाने के लिए एक मॉडल विकसित करेंगे।
उदाहरण के लिए, यदि कोई संदेश प्राप्त होता है, तो रंग कोड के द्वारा मैसेज की प्रमाणिकता को दर्शाया जायेगा। मैसेज पर हरा संकेत ये दर्शायेगा कि यह एक वैध सामग्री है, पीला रंग यह दर्शायेगा कि सिस्टम इसे डीकोड करने में सक्षम नहीं है, जबकि लाल संकेत दे सकता है कि यह निश्चित रूप से नकली सामग्री है। उन्होंने ने कहा कि यह ऐप कुछ महीनों में तैयार हो जायेगा।
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