सिंधु बॉर्डर पर हंगामे के वो 30 मिनट, युवा किसानों का हंगामा, आंसू गैस, लाठीचार्ज और पानी की बौछार
कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब और हरियाणा के सैकड़ों किसान जब दिल्ली के सिंधु बॉर्डर पहुंचे तो कुछ देर के लिए यह जंग का मैदान बन गया। सुरक्षा बलों ने जहाँ किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे तो दूसरी तरफ किसान 'वाहे गुरु जी का खालसा, वाहे गुरु की फतह' के नारे के साथ बैरिकैडिंग तोड़ कर आगे बढ़ गए।
Arvind Shukla 27 Nov 2020 12:53 PM GMT
सिंधु बॉर्डर (नई दिल्ली)। पंजाब और हरियाणा से चलकर हजारों किसान दिल्ली बॉर्डर पर पहुंचे तो कुछ देर के लिए सिंधु बॉर्डर जंग का मैदान बन गया। दोपहर करीब पौने दो बजे बैरिकेडिंग तोड़ने के बाद हंगामा शुरू हो गया, जो आंसू गैस के गोले, लाठीचार्ज और पानी की बौछार के बाद शांत हुआ।
तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली की दहलीज तक पहुंचे किसानों ने पुलिसकर्मियों के रोके जाने के बावजूद दोपहर करीब 1:50 बजे 'वाहे गुरु जी का खालसा, वाहे गुरु की फतह' के नारों के बीच किसानों ने सुरक्षा व्यवस्था में सबसे आगे लगे बैरिकेड्स को तोड़ दिया।
जिस साइड किसानों ने बैरिकेड्स तोड़े उसके थोड़ा आगे हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह बिधुनी गाड़ी पर खड़े होकर किसानों को संबोधित कर रहे थे। किसानों ने ब्लेड वाले तार हटाए और दिल्ली पुलिस के बैरिकेड्स हटाकर किनारे कर दिए।
इसी बीच हरियाणा बॉर्डर साइड में ट्रैक्टर-ट्रालियों पर सवार हजारों किसान भी पैदल उतर का दिल्ली में घुसने की कोशिश करने लगे। करीब पांच मिनट में ही पुलिस का पहला सुरक्षा घेरा टूट गया था, जिसके बाद हालात को काबू करने के पुलिस ने सबसे पहले आंसू गैस के गोले छोड़े।
दिल्ली पुलिस ने लोहे की बैरिकेडिंग के पीछे, सीमेंट के डिवाइडर भी रखे थे, जिसके पीछे मिट्टी से भरी डंपर खड़े थे। हालात तनावपूर्ण होते जा रहे थे, इसी बीच एक किसान ने डंपर को स्टार्ट कर उससे बैरिकेडिंग हटाने लगा, जिसकी चपेट में आने से दिल्ली पुलिस का एक सिपाही भी घायल हो गया।
डंपर से बने रास्ते के बीच सैकड़ों किसान दिल्ली पुलिस और सुरक्षाकर्मियों का घेरा तोड़ने लगे। हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने एक के बाद एक कई राउंड आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। वहीं सड़क की दूसरी साइड से वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया।
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— GaonConnection (@GaonConnection) November 27, 2020
आंसू गैस की चपेट में किसानों के साथ कई पुलिसकर्मी और मीडियाकर्मी भी आए और अचानक से भगदड़ मच गई। ये हंगामा करीब 30 से 35 मिनट चला।
कुछ देर शान्ति के बाद किसानों ने फिर नारेबाजी शुरू की। तब तक संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसान नेता योगेंद्र यादव, अखिल भारतीय किसान समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक सरदार वीएम सिंह, हरिनाम सिंह बिधूनी समेत कई नेता मौके पर पहुंचे और बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ।
मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने किसानों को बताया कि उन्हें दिल्ली में प्रवेश की अनुमति मिल गई है, लेकिन दिल्ली पुलिस ने सिर्फ किसानों को जाने की अनुमति दी थी, उनके वाहनों को नहीं। मगर किसानों का एक धड़ा बुराड़ी के संत निरंकारी मैदान में जाने को राजी नहीं हुआ और संधू बॉर्डर पर ही डेरा डाल दिया।
हरियाणा और पंजाब दोनों ही राज्यों के कई किसानों के अनुसार, वो दिल्ली जाम करने यहां आएं और चारों तरफ से दिल्ली को जाम करके ही रहेंगे।
किसान संयुक्त मोर्चा में से पंजाब के एक किसान संगठन के गुरवचन सिंह 'गाँव कनेक्शन' से बताते हैं, "हम पंजाब के किसान बुराड़ी मैदान नहीं जायेंगे, अन्ना हजारे ने भी दिल्ली में कितने दिनों तक बैठकर अनशन किया, उसका कोई फैसला नहीं हुआ, इसलिए हम किसान इसी जगह बैठेंगे।"
वहीं पंजाब के एक और किसान करताल सिंह बताते हैं, "हम दिल्ली घेराबंदी करने आए हैं, हमें दिल्ली बंद करनी थी, ताकि सरकार किसानों के लिए फैसले लेने के लिए मजबूर हो।"
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