तीन तलाक विधेयक में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जोड़ा नया प्रावधान

देश में तीन तलाक गैरकानूनी बना रहेगा और दोषी पति को तीन वर्ष की जेल की सजा हो सकती है। लेकिन मजिस्ट्रेट चाहे तो जमानत दे सकेगा...

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तीन तलाक विधेयक में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जोड़ा नया प्रावधानतीन तलाक से संबंधित विधेयक को राज्यसभा में मंजूरी मिलने का है इंतजार। फोटो- प्रतीकात्मक

नई दिल्ली। तीन तलाक और हलाला के गर्माए मुद्दे के बीच केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक बार में तीन तलाक (तलाक-ए-बद्दित) के दोषी व्यक्ति को जमानत देने के प्रावधान को विधेयक में जोड़ने की मंजूरी दे दी।

सरकारी सूत्रों के मुताबिक देश में तीन तलाक गैरकानूनी बना रहेगा और दोषी पति को तीन वर्ष की जेल की सजा हो सकती है। मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक को लोकसभा ने मंजूरी दे दी थी, यह राज्यसभा में लंबित है जहां सरकार के पास संख्याबल कम है।

विपक्षी दलों की मांगों में से एक इस विधेयक में जमानत का प्रावधान जोड़ना भी शामिल था। सूत्रों के मुताबिक बृहस्पतिवार को जिन प्रावधानों को मंजूरी दी गई है उनके अंतर्गत अब मजिस्ट्रेट जमानत दे सकेंगे। प्रस्तावित कानून केवल तलाक ए बद्दित पर ही लागू होगा। इसके तहत पीड़ित महिला अपने और अपने नाबालिग बच्चों के लिए गुजारे भत्ते की मांग को लेकर मजस्ट्रिेट के पास जा सकती है। पीड़ित महिला मजस्ट्रिेट से बच्चों को अपने संरक्षण में रखने की मांग कर सकती है। इस मुद्दे पर अंतिम फैसला मजिस्ट्रेट लेगा।


देश के कई राज्यों से ससुर, देवर और ननदोई जैसे करीबी लोगों से हलाला कराए जाने के मामलों में मुस्लिम महिलाओं ने मोर्चा खोल रखा है। बरेली, मुज्फरनगर और बुलंदशहर से कई महिलाओं ने इस संबंद में शिकायतें दर्ज कराई हैं। बरेली की निदा खान इन दिनों सुर्खियों में हैं।

बुधवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष तनवीर हैदर उस्मानी को संभल समेत कई दिलों की महिलाएं ने अपनी आपबीती सुनाई थी, जिसमें पड़ोसी, मौलवी से लेकर ससुर तक से हलाला कराने की बात कही गई। (भाषा इनपुट के साथ)

क्या होता है हलाला

हलाला का जन्म हलाल शब्द से होता है। अरबी में हलाल का मतलब होता है न्याय संगत या वैध। निकाह के संबंध में जब किसी तलाकशुदा (हराम हुई) महिला हलाला से गुजरती है तो वो वैध हो जाती है। सामाजिक कार्यकर्ता और खुद तीन तलाक की शिकार हुई अजरा खातून बताती हैं।

अगर एक बार पति गुस्से या किसी कारणवश एक तलाक तलाक तलाक बोल दिया तो वो महिला के लिए अगले पल से ही उस घर (ससुराल) और पति को देखना हराम होता है। यही पति के लिए लागू होता है। वो महिला हराम न हो इसलिए हलाला कराया जाता है। जिसके तहत महिला का किसी नजदीकी रिस्तेदार से निकाह होता है और एक बार के शारीरिक संबंध के बाद वो उसे तलाक दे देता है। जिसके बाद महिला नए सिरे ने अपने पहले पति के साथ निकाह कर रह सकती है।

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