उत्तर प्रदेश : कोरोना वैक्सीन के कोल्ड स्टोरेज चेन के लिए कितना तैयार है देश का सबसे बड़ा राज्य ?

करीब 23 करोड़ की आबादी वाले देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में कोरोना वैक्सीन स्टोर करने के लिए कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था करना अपने आप में एक बड़ी चुनौती है। कोरोना वैक्सीन आने पर कोल्ड स्टोरेज को लेकर उत्तर प्रदेश में क्या तैयारियां हैं, पढ़िए रिपोर्ट ...

Kushal MishraKushal Mishra   2 Dec 2020 7:17 AM GMT

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उत्तर प्रदेश : कोरोना वैक्सीन के कोल्ड स्टोरेज चेन के लिए कितना तैयार है देश का सबसे बड़ा राज्य ?उत्तर प्रदेश में कोरोना वैक्सीन को स्टोर करने के लिए तैयार की जा रही है कोल्ड स्टोरेज चेन। फोटो : पीटीआई

"कोरोना की वैक्सीन कब आएगी और इसकी क्या कीमत होगी, यह भले ही अभी तय नहीं है मगर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोविड-19 वैक्सीन के लिए कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं पर काम शुरू कर देना चाहिए," 24 नवंबर को कोरोना संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित देश के आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह बात कही।

किसी भी वैक्सीन को रखने के लिए एक निश्चित तापमान में कोल्ड स्टोरेज चेन की जरूरत होती है ताकि वैक्सीन के तैयार होने के बाद उसे निर्धारित तापमान में जरूरतमंद लोगों तक पहुँचाया जा सके। करीब 23 करोड़ की आबादी वाले देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में जहाँ हर दिन कोरोना संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं वहां कोरोना वैक्सीन के आने पर कोल्ड स्टोरेज की क्या तैयारियां हैं, यह भी एक बड़ा सवाल है।

अब तक देश के सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के तहत बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए टीकाकरण की व्यवस्था है, मगर इस वायरस के सामने आने के बाद बड़े स्तर पर कोरोना संक्रमित मरीजों का टीकाकरण किया जा सकता है। ऐसे में उत्तर प्रदेश में भी कोरोना वैक्सीन के कोल्ड स्टोरेज चेन की व्यापक रूप से प्रबंध किये जाने की जरूरत होगी।

एस्ट्रेजनेका फार्मा कंपनी की कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल भारत में जारी है। फोटो : राउटर

अच्छी खबर यह है कि कोरोना वैक्सीन को स्टोर करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने कोल्ड स्टोरेज को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। प्रधानमंत्री मोदी के साथ समीक्षा बैठक के बाद इसी दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों के साथ बैठक में कोरोना वैक्सीन के वितरण को लेकर सभी जिलों में कोल्ड स्टोरेज की व्यापक व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।

एक प्रतिष्ठित अंग्रेजी अखबार की एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश में नियमित रूप से चलने वाले टीकाकरण कार्यक्रम के तहत वैक्सीन स्टोर करने के लिए 87,801 लीटर का स्थान है। इसमें 80,733 लीटर की जगह बनाई जा चुकी है। इसके अलावा प्रदेश सरकार सभी 75 जिलों में 1,23,205 लीटर की अतिरिक्त कोल्ड स्टोरेज चेन बनाने पर काम कर रही है। ऐसे में राज्य सरकार उत्तर प्रदेश में कुल 2,03,938 लीटर की कोल्ड चेन स्टोरेज क्षमता बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही है जहाँ माइनस दो से माइनस आठ डिग्री सेल्सियस तापमान में कोरोना वैक्सीन स्टोर की जा सकेगी।

इस बारे में उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह 'गाँव कनेक्शन' से बताते हैं, "हमारा लक्ष्य सभी 75 जिलों में मौजूदा कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था को और मजबूत करना है, इसके लिए सभी जिलों को बजट आवंटित भी किया जा चुका है और 15 दिसम्बर तक हम प्रदेश में व्यापक रूप से कोल्ड स्टोरेज चेन की व्यवस्था कर सकेंगे। फिलहाल सबसे पहले फ्रंटलाइन वर्कर्स और स्वास्थ्य कर्मचारियों को वैक्सीन का वितरण किया जाना है, प्रदेश में ऐसे करीब साढ़े सात लाख कर्मचारी हैं।"

हमारा लक्ष्य सभी 75 जिलों में मौजूदा कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था को और मजबूत करना है, इसके लिए सभी जिलों को बजट आवंटित भी किया जा चुका है और 15 दिसम्बर तक हम प्रदेश में व्यापक रूप से कोल्ड स्टोरेज चेन की व्यवस्था कर सकेंगे। फिलहाल सबसे पहले फ्रंटलाइन वर्कर्स और स्वास्थ्य कर्मचारियों को वैक्सीन का वितरण किया जाना है, प्रदेश में ऐसे करीब साढ़े सात लाख कर्मचारी हैं।

जय प्रताप सिंह, स्वास्थ्य मंत्री, उत्तर प्रदेश

भारत में कोरोना वैक्सीन आने पर राष्ट्रीय विशेषज्ञों के समूह ने वैक्सीन के वितरण को लेकर रणनीति तैयार की है। इसके तहत सबसे पहले कोरोना वैक्सीन का वितरण उन्हें किया जाना है जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। इनमें कोरोना संक्रमित मरीजों के साथ काम कर रहे हेल्थ वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स शामिल हैं। इसके लिए प्रत्येक राज्य को इन कर्मचारियों की सूची तैयार करने के भी निर्देश दिए गए हैं। उत्तर प्रदेश में ऐसे साढ़े सात लाख कर्मचारी हैं जिन्हें पहले कोरोना के टीके दिए जा सकते हैं।

कोरोना वैक्सीन भारत में आने पर वैक्सीन के वितरण को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर विशेषज्ञों के समूह ने तैयार की है रणनीति। फोटो : राउटर

प्रदेश में कोल्ड स्टोरेज की तैयारियों को लेकर उत्तर प्रदेश के परिवार कल्याण निदेशालय के संयुक्त निदेशक वीरेन्द्र सिंह 'गाँव कनेक्शन' से बताते हैं, "फिलहाल हमारे कई जिलों में वैक्सीन को स्टोर करने के लिए कोल्ड चैन की पर्याप्त व्यवस्था है। इसके बावजूद प्रदेश के 22 जिलों में जगह चिन्हित कर और वैक्सीन स्टोर करने के लिए वैक्सीन डिपो का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा अन्य जिलों में कोल्ड स्टोरेज चेन की मरम्मत आदि को लेकर भी काम चल रहा है। इसे हमें तय समय सीमा 15 दिसम्बर तक पूरा करने के निर्देश मिले हैं।"

वैक्सीन डिपो एक ऐसा स्थान होता है जहाँ डीप फ्रीजर के जरिये वैक्सीन को स्टोर किया जाता है। प्रदेश में इन वैक्सीन डिपो के निर्माण और कोल्ड स्टोरेज चेन के मूल्यांकन के लिए राज्य सरकार ने यूनिसेफ से भी सहयोग लिया है।

उत्तर प्रदेश में कोल्ड स्टोरेज मूल्यांकन को लेकर जिम्मा संभाल रहे यूनिसेफ यूपी के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रफ्फुल भारद्वाज 'गाँव कनेक्शन' से बताते हैं, "असल में टीकाकरण कार्यक्रम में कोल्ड चेन ही सबसे अहम होता है और इस पूरी कवायद के पीछे तर्क यही है कि कोरोना वैक्सीन को सुरक्षित तरह से तय लाभार्थियों तक पहुँचाया जा सके।"

"प्रदेश की आबादी के अनुसार हर स्तर तक एक निश्चित तापमान में वैक्सीन पहुँचाना एक बड़ी चुनौती से कम नहीं है। फिलहाल 22 जिलों में वैक्सीन डिपो के निर्माण के लिए हमें बजट मिला है और उन जिलों में निर्माण कार्य जारी है। कोल्ड चेन को लेकर हम ऐसी तैयारी कर रहे हैं कि एक भी वैक्सीन ख़राब न हो।"

प्रदेश की आबादी के अनुसार हर स्तर तक एक निश्चित तापमान में वैक्सीन पहुँचाना एक बड़ी चुनौती से कम नहीं है। फिलहाल 22 जिलों में वैक्सीन डिपो के निर्माण के लिए हमें बजट मिला है और उन जिलों में निर्माण कार्य जारी है। कोल्ड चेन को लेकर हम ऐसी तैयारी कर रहे हैं कि एक भी वैक्सीन ख़राब न हो।

डॉ. प्रफ्फुल भारद्वाज, स्वास्थ्य अधिकारी, यूनिसेफ उत्तर प्रदेश

जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश में वैक्सीन के भंडारण के लिए सबसे पहले प्रादेशिक स्तर पर व्यवस्था की जाती है। इसके बाद मंडल स्तर, जिला स्तर और ब्लॉक स्तर पर कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था होती है। अंत में ग्रामीण स्तर तक वैक्सीन की पहुँच के लिए सीएचसी-पीएचसी में कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था होती है।

फोटो : सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया

यूनिसेफ यूपी के डॉ. प्रफ्फुल भारद्वाज बताते हैं, "प्रदेश में कोरोना वैक्सीन की फिलहाल चार करोड़ की पहली खेप आने की संभावना है। अगर वैक्सीन अगले साल तक आती है तो गर्मी का मौसम होगा, इसलिए इसे भी ध्यान में रखते हुए प्रदेश में कोल्ड स्टोरेज को लेकर पूरी तैयारियां चल रही हैं।"

उत्तर प्रदेश की 23 करोड़ जनसंख्या के लिए प्रदेश सरकार की तैयारियों को लेकर 'गाँव कनेक्शन' ने पिछले करीब 50 वर्षों से भारत सरकार के सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम से जुड़े रहे और भारत में कई वैक्सीन पर काम कर चुके पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट के. सुरेश किशनराव से बात की।

आबादी के अनुपात में देखें तो यह 1000 में 500 तक वैक्सीन की पहुँच जरूरी होगी। इसलिए टीकाकरण के लिए ग्रामीण स्तर पर यह सिर्फ आशा वर्कर्स और एएनएम के जरिए पूरा नहीं हो सकता, हमें इसके लिए अन्य युवाओं को भी टीकाकरण कार्यक्रम के लिए प्रशिक्षित करने की जरूरत होगी।

के. सुरेश किशनराव, पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट, सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम

के. सुरेश किशनराव 'गाँव कनेक्शन' से बताते हैं, "उत्तर प्रदेश सरकार का कदम सराहनीय है, मगर जरूरी यह है कि वैक्सीन के लिए कोल्ड स्टोरेज चेन की ग्रामीण स्तर तक पहुँच को मजबूत किया जाए। हालांकि हेल्थ वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स के बाद भी आम लोगों तक वैक्सीन पहुँचने में समय लग सकता है क्योंकि पहली बार ऐसा होगा कि यह वैक्सीन सिर्फ बच्चों या महिलाओं के लिए नहीं है, बल्कि कोरोना संक्रमित युवाओं और बुजुर्गों के लिए भी है।"

"ऐसे में आबादी के अनुपात में देखें तो यह 1000 में 500 तक वैक्सीन की पहुँच जरूरी होगी। इसलिए टीकाकरण के लिए ग्रामीण स्तर पर यह सिर्फ आशा वर्कर्स और एएनएम के जरिए पूरा नहीं हो सकता, हमें इसके लिए अन्य युवाओं को भी टीकाकरण कार्यक्रम के लिए प्रशिक्षित करने की जरूरत होगी," के. सुरेश राव कहते हैं।

दूसरी ओर कोरोना वैक्सीन को लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने एक दिसम्बर को एक प्रेस कांफ्रेंस में स्पष्ट किया और कहा, "मैं यह साफ करना चाहता हूं कि सरकार ने कभी पूरे देश को वैक्सीन लगाने की बात नहीं कही है। यह जरूरी है कि ऐसे वैज्ञानिक चीजों के बारे में तथ्यों के आधार पर बात की जाए।"

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