मुसहर समुदाय के 108 बच्चों को ट्युशन दे चुकी ‘छोटी’ को बड़े स्तर पर मिली पहचान
गाँव कनेक्शन 25 Oct 2017 3:40 PM GMT
पटना (भाषा)। समाज के अंतिम पायदान पर माने जाने वाले दलित वर्ग के मुसहर समुदाय के लोगों की मदद करने वाली भोजपुर जिले की छोटी कुमारी सिंह (20) को स्विट्जरलैंड स्थित विमेंस वल्ड सम्मिट फाउंडेशन ने ग्रामीण परिवेश में महिलाओं द्वारा किये जाने वाले रचनात्मक कार्यों की श्रेणी में सम्मानित किया है।
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उच्च जाति राजपूत परिवार की सदस्य छोटी ने वर्ष 2014 में अपने गांव रतनपुर में मुसहर समुदाय के लोगों को शिक्षा देना और सामाजिक स्तर पर उनकी सहायता करनी शुरु की थी। उन्हें इसकी प्रेरणा आध्यात्मिक और मानवतावादी माता अमृतानंदमयी देवी (अम्मा) के प्रतिष्ठित अमृतानंदमयी मठ द्वारा संचालित एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद मिली थी।
मठ की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश भर के 101 गांवों को अपनाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। छोटी वर्ष 1994 में शुरु हुआ यह पुरस्कार पाने वाली सबसे कम उम्र की व्यक्ति हैं। पुरस्कार के रुप में 1000 डॉलर (65,000 रपया) की रकम दी जाती है।
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अभी तक मुसहर समुदाय के 108 बच्चों को ट्युशन देने में कामयाब रही छोटी का कहना है कि ज्यादातर भूमिहीन श्रमिकों के रुप में काम करने वाले उसके गांव के मुसहर समुदाय के लोग बेहद गरीब हैं। उन्हें बच्चों की शिक्षा का महत्व समझाने और इसके लिए प्रेरित करने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पडी, क्योंकि समुदाय के ज्यादातर लोग अपने बच्चों को शिक्षा में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाते। छोटी ने कहा, मैं घर-घर जाकर उनसे मुलाकात करती। बच्चों के मातापिता को समझाने की कोशिश करती थी। छोटी ने एक स्वयं सहायता समूह भी शुरु किया जिसमें इस समुदाय की हर महिला एक महीने में 20 रपये बचाकर घर-आधारित गतिविधियों को शुरु करने के लिए बैंक खाता में जमा करती है।
माता अमृतानंदमयी मठ ने बिहार के पांच गांवों को अपनाया है जिनमें दो रतनपुर और हदियाबाद गांव में उक्त कार्यक्रम शुरु किया गया है।
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