खुले में शौच मुक्त का लक्ष्य अभी कोसों दूर

vineet bajpaivineet bajpai   20 Nov 2017 12:27 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
खुले में शौच मुक्त का लक्ष्य अभी कोसों दूरविश्व शौचालय दिवस

लखनऊ। भारत को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए भारत सरकार 2 अक्टूबर 2014 से स्वच्छ भारत अभियान चला रही है। पिछले तीन वर्षों में इसको लेकर काफी काम किया जा रहा है, लेकिन अभी भी भारत खुले में शौच के मामले में विश्व में नंबर एक पर है। विश्व शौचालय दिवस के मौके पर जारी एक रिपोर्ट के अनुसार भारत के शहरों में सुरक्षित, निजी शौचालय से वंचित और खुले में शौच करने वाले लोगों की संख्या विश्व में सबसे ज्यादा है। यह रिपोर्ट ब्रिटेन के एक एनजीओ, वाटर एड ने जारी की है।

वाटर एड की रिपोर्ट में यह भी लिखा हुआ है कि इसमे कोई संशय नहीं है कि स्वच्छ भारत अभियान लागू होने के बाद भारत में शौचालयों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। 2014 से 2017 नवंबर तक देश में 5.2 करोड़ घरों में शौचालय (भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार) बनाए गए हैं। इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत उन 10 देशों में शामिल है जहां खुले मे शौच जाने की आदतों में तेजी से कमी आ रही है। बावजूद इसके भारत को अभी लंबा सफर तय करना है।

ये भी पढ़ें- वीडियो : 80 साल की बहू ने 110 साल की सास के लिए बकरियां बेचकर बनवाया शौचालय

यूपी के लखनऊ से करीब 40 किलोमीटर दूर बीकेटी ब्लॉक के मुन्नू पुरवा गाँव में करीब 60 घर हैं। इसमे से सिर्फ 20 घरों में ही शौचालय हैं। ग्रामीण राजेश यादव (42 वर्ष) बताते हैं, ''मैने कई बार प्रधान से शौचालय के बारे में कहा, लेकिन वो हमेशा कहते हैं कि अगली बार शौचालय आएंगे तो दे दिया जाएगा, लेकिन अभी तक हमें शौचालय नहीं मिला।''

उसी गाँव के विश्णुपाल पाल (60 वर्ष) के बेटे अंगद पाल (25 वर्ष) बताते हैं, ''हमारे यहां ज्यादा लोग शौच के लिए बाहर ही जाते हैं। गाँव में सिर्फ कुछ ही घरों में शौचालय बने हैं।''

वर्ष 2014 में जब स्वच्छ भारत मिशन शुरू हुआ था उस समय देश में सबसे ज्यादा खुले में शौच जाने वालों की संख्या उड़ीसा में थी। यहां सिर्फ 12 प्रतिशत लोग ही शौचालय का प्रयोग करते थे। लेकन वर्ष 2017 में सबसे ज्यादा खुले में शौच करने वालों की संख्या बिहार में है।

ये भी पढ़ें- पूरे देश में ओडीएफ का शोर है, जानिए कैसे गांव को बनाया जाता है खुले में शौच से मुक्त

भारत में 73 करोड़ से ज्यादा लोग शौच के लिए खुले में जाते हैं। ये देश की आबादी का आधे से ज्यादा है। नतीजन बीमारियां उत्पन्न होने के साथ-साथ पर्यावरण दूषित होता है, इसलिए सरकार इस समस्या से उबरने के लिए स्वच्छ भारत अभियान चला रही है। लेकिन एक सर्वे के अनुसार खुले में शौच जाना एक तरह की मानसिकता दर्शाता है। इसके मुताबिक सार्वजनिक शौचालयों में नियमित रूप से जाने वाले तकरीबन आधे लोगों और खुले में शौच जाने वाले इतने ही लोगों का कहना है कि यह सुविधाजनक उपाय है। ऐसे में स्वच्छ भारत के लिए सोच में बदलाव की जरुरत दिखती है। वहीं दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश चीन खुले में शौच जाने के मामले में दूसरे नंबर पर है। यहां 34 करोड़ से ज्यादा लोग खुले में शौच जाते हैं।

शौचालय बनवाने के मामले में भारत में यूपी नंबर वन

उत्तर प्रदेश के पंचायती राज विभाग, स्वच्छ भारत मिशन के निदेशक विजय किरण आनंद बताते हैं, ''वित्तीय वर्ष 2017-18 में प्रदेश में अब तक 16 लाख शौचालय बन चुके हैं और छह जिलों (शामली, मुज्जफरनगर, बिजनौर, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, मेरठ) को पूर्णरूप से ओडीएफ घोषित किया गया है।'' सरकारी आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2017-18 में उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा शौचालय बने हैं। प्रतिदिन शौचालय बनवाने के मामले में दूसरे नम्बर पर मध्य प्रदेश और तीसरे नम्बर पर राजस्थान है।

ये भी पढ़ें-

इस गाँव में शौचालय होने के बावजूद खुले में हवा लेने के लिए जाते है बाहर शौच

‘उत्तर प्रदेश 2018 तक पूरी तरह खुले में शौच से होगा मुक्त’

खुले में शौच करने पर पांच सौ रुपए जुर्माना, जानिए नगर निगम के और फरमान..

ये भी देखें -

          

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.