गाँव में ही निपटेंगे राजस्व मामले

Swati ShuklaSwati Shukla   8 July 2016 5:30 AM GMT

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गाँव में ही निपटेंगे राजस्व मामलेgaonconnection

लखनऊ। सरोजिनी नगर ब्लॉक के किशनपुर कौड़िया की रहने वाली नन्हा देवी (66 वर्ष) अपनी जमीन पाने के लिए तीन महीने से परेशान है। तहसील दिवस में जाकर उसने शिकायत भी लेकिन मामले का निस्तारण नहीं हुआ।

नन्हा देवी जैसे सैकड़ों लोग राजस्व मामलों को निपटाने के लिए वर्षों तक अधिकारियों और कोर्ट के चक्कर काटते रहते हैं लेकिन अब इन समस्याओं का निस्तारण ग्राम पंचायत स्तर पर हो सकेगा। राज्य सरकार ने इन मामलों के लिए ग्राम राजस्व समिति का गठन किया है जो हर छह महीने में एक बार बैठक कर ऐसे मामलों की सुनवाई कर सुलह कराएगी।

हाल ही में राजस्व विभाग के एक साल पूरे होने पर आयोजित राजस्व दिवस में राजस्व मंत्री शिवपाल यादव ने बताया था कि प्रदेश में छह लाख राजस्व मामले लंबित हैं। नन्हा देवी बताती है, ‘‘पांच बीघा ज़मीन है मेरे पास, उसी से घर की रोटी चलती है। परिवार की सारी जि़म्मेदारी मेरे ऊपर है। मेरे खेत पर लेखपाल ने खसरा संख्या गलत लिख दी जिससे मेरा खेत बंजर भूमि में चला गया।”

उन्होंने बताया, “इसके लिए तहसील दिवस में शिकायत भी कर चुके हैं लेकिन अभी तक जमीन सही नहीं हो पाई है। ”गाँव स्तर पर राजस्व मामले की बढ़ती संख्या को देखते हुए राज्य सरकार ने ग्राम पंचायत स्तर पर राजस्व समिति का गठन किया है। प्रमुख सचिव राजस्व सुरेश चन्द्रा ने बताया, “गाँवों में सबसे ज्यादा समस्या जमीनों को लेकर होती है और ये मामले लम्बे समय तक चलते हैं और कुछ मामलों का निस्तारण भी जल्दी नहीं हो पाता। इस कारण हर ग्राम पंचायत में राजस्व समिति की बैठक होगी और इसमें राजस्व से जुड़े मामले निपटाएं जाएंगे। इसके लिए हर छह महीने में ग्राम पंचायत स्तर पर बैठक होगी। समिति में प्रधान और कानूनगो और लेखपाल भी शामिल होंगे। जरूरत पड़ने पर पुलिस बल को भी बैठक में बुलाया जाएगा।

समिति में होंगे पांच सदस्य

ग्राम राजस्व समिति के गठन की अधिसूचना जारी किये जाने के बाद गांव की भूमि प्रबंधक समिति का अध्यक्ष (प्रधान) होगा। ग्राम राजस्व समिति में अध्यक्ष सहित पांच से ज्यादा सदस्य नहीं होंगे। ग्राम राजस्व समिति का अध्यक्ष प्रधान होगा। ग्राम प्रधान पद के चुनाव में दूसरा स्थान प्राप्त करने वाला व्यक्ति समिति का उपाध्यक्ष होगा। अधिकारियों के अलावा इस समिति में ग्राम पंचायत से ही कम से कम एक महिला सदस्य, जनजाति और अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग का एक सदस्य होना चाहिए। 

क्या करेगी समिति

समिति गाँव स्तर के छोटे-मोटे विवादों, आपसी सुलह-समझौते निपटाने के लिए गठित की गई है। राजस्व की समस्या के निवारण के साथ ही समिति राजस्व प्रशासन से जुड़े कार्यों में जानकारी व परामर्श देने का भी काम करेगी। ग्राम राजस्व समिति गाँवों के संपत्तियों की सीमा, उत्तराधिकार और वरासत से जुड़े विवादों को आपसी सुलह-समझौते के आधार पर सुलझाएगी। समिति सहखातेदारी (मिले-जुले) नंबर के विभाजन, खाते के अंदर काश्तकारों के अंश निर्धारण और आबादी के सर्वेक्षण की प्रकि्रयाओं में सलाहकार की भूमिका निभाएगी। विवादों के निपटारे में जरूरत पड़ने पर समिति लेखपाल और राजस्व निरीक्षक की मदद लेगी।

 

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