सोलर हैंडपंपों से दूर होगी पानी की किल्लत

Swati ShuklaSwati Shukla   22 Jun 2016 5:30 AM GMT

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सोलर हैंडपंपों से दूर होगी पानी की किल्लतgaonconnection

बाराबंकी। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में लोगों को पीने के लिए साफ पानी नहीं मिल पा रहा है। जल्द ही ऐसे गाँवों में सोलर पैनल से चलने वाले हैंडपंप लगाए जाएंगे। सोलर पैनल के जरिए हैंडपंप लगाने के लिए गाँवों को चिन्हित किया जा रहा है। जिले में बहुत से ऐसे गाँव हैं, जहां आज भी बिजली नहीं है। यह हैंडपंप ऐसे गाँवों में ही स्थापित होंगे।

उत्तर प्रदेश के 21 जिलों में इस योजना की शुरुआत की जा रही है। एक सोलर हैंडपंप की लागत पांच लाख रुपये है। भारत सरकार पेयजल मंत्रालय योजना के तहत सोलर पैनल से इंडिया मार्का नल लगेंगे। इसमें बैट्री, पानी की मोटर, सोलर पैनल और सात टोटियां होंगी। यह हैंडपंप उन गाँवों में स्थापित किए जाएंगे, जहां पानी की अव्यवस्था रहती है और अब तक बिजली नहीं पहुंच पायी है। हैंडपंप लगवाने की कवायद शुरू कर दी गई है। कुछ इलाकों में हैंडपंप एक होने से पानी लेने के लिए लड़ाई-झगड़े के मामले भी सामने आए हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। क्योंकि सोलर हैंडपंप में सात टोटियां लगाई जाएंगी। जिससे लोगों को पानी भरने में आसानी होगी।

ऐसे करेगा काम

सोलर पैनल से लगने वाले हैंडपंप में एक बड़ी टंकी स्थापित रहेगी। उस टंकी को भरने के लिए सोलर पैनल से चलने वाला पंप लगाया जाएगा।  यह पंप पूरी तरह से ऑटोमेटिक रहेगा। लोगों को पानी चलाने की जरूरत नहीं होगी। टंकी जैसे ही फुल हो जाएगी, पानी अपने आप बंद हो जाएगा। टंकी का एक इंच पानी कम होते ही सोलर पैनल का सिस्टम शुरू हो जाएगा और पानी से टंकी भर जाएगी।

एक ब्लॉक में तीन हैंडपंप

एक ब्लाक क्षेत्र में तीन हैंडपंप लागाये जाएंगे। जिले में 15 विकास खंड हैं, जिसमें तीन-तीन सोलर हैंडपंप लगेंगे। हैंडपंपों को लगाने के लिए गाँवों को चिन्हित किया जा रहा है। जल निगम ने 28 गाँवों की लिस्ट तैयार कर ली है, जिनमें ये हैंडपंप लागाए जाएंगे। 

 

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