घर से बाहर निकलना चाहती हैं उत्तर प्रदेश की ग्रामीण महिलाएं, देख रहीं समाचार और जाती हैं ब्यूटी पार्लर

Ankita TiwariAnkita Tiwari   20 Aug 2017 1:48 PM GMT

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घर से बाहर निकलना चाहती हैं  उत्तर प्रदेश की ग्रामीण महिलाएं, देख रहीं समाचार और जाती हैं ब्यूटी पार्लरउत्तर प्रदेश ग्रामीण महिलाओं पर सबसे बड़ा सर्वे।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में ग्रामीण महिलाएं अब बड़े सपने देख रही हैं। सर्वे से पता चलता है कि 56 प्रतिशत महिलाएं कामकाजी बनना चाहती हैं, 67 प्रतिशत आगे और पढ़ना चाहती हैं, कम से कम 5 प्रतिशत ब्यूटी पार्लर जाती हैं। यही नहीं, 10 प्रतिशत टीवी पर समाचार भी देखती हैं।

गाँव कनेक्शन ने 25 जिलों में 5000 ग्रामीण महिलाओं से बात कर उनके मन की बात जानी। इस ग्रामीण सर्वे में गलती की संभावना 1.39 प्रतिशत है। इस सर्वे से यह भी पता चलता है कि जहां अपनी ज़िंदगी को बेहतर बनाने के लिए महिलाओं और लड़कियों के सपने और आकांक्षाएं बड़ी हो रही हैं, वहीं कठिनाइयां भी हैं।

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सर्वे के दौरान 67 प्रतिशत महिलाओं और लड़कियों ने माना कि उन्हें घर से बाहर निकलने के लिए पति या पिता से इजाजत लेनी पड़ती है, जबकि 15 प्रतिशत ने बताया कि वह घर से बाहर किसी के साथ ही जा सकती हैं। वहीं, अगर आप सोचते हैं कि समाज में दहेज पर लगाम लगी है तो गलत है, 81 प्रतिशत लड़कियों ने कहा कि वह जानती हैं कि उनकी शादी के समय उनके माता-पिता को दहेज देना पड़ेगा।

"सर्वे के लिए उत्तर प्रदेश के कुल 820 ब्लॉक में से 350 ब्लॉक में ग्रामीण महिलाओं और लड़कियों से सवालों के जवाब 25 दिन तक लिए गए।" सर्वे करने वाली गाँव कनेक्शन इनसाइट टीम की सदस्य अंकिता तिवारी बताती हैं, "इस दौरान 15 से 45 साल की लड़कियों और महिलाओं से बात की गई।"

घर से निकलने की पाबंदी के बावजूद करीब 50 प्रतिशत महिलाएं साइकिल चलाना जानती हैं। छह फीसदी ने कहा वह साइकिल चलाना सीखना चाहती हैं या सीख रही हैं।

इस सर्वे में बदलाव की बात जो पता चली कि 47 प्रतिशत ने बताया कि वो जीवन में कम से कम एक बार ब्यूटी पॉर्लर जरूर गईं, वहीं 5 प्रतिशत ने बताया कि वो ब्यूटी पॉर्लर हमेशा जाती हैं। गाँवों में ब्यूटी पॉर्लर बड़ी तेजी से खुल रहे हैं, जो महिलाओं को सुंदर दिखने की चाहत पैदा तो कर ही रहे हैं, साथ ही संकुचित समाज से आजादी की भावना भी पैदा कर रहे हैं।

"सर्वे का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण उत्तर प्रदेश की महिलाओं के सपने, आजादी और करियर को लेकर जागरुकता, स्वच्छता और टीवी देखने की आदतों को जानना था," अंकिता तिवारी ने बताया ग्रामीण उत्तर प्रदेश में 73 प्रतिशत महिलाएं टीवी देखती हैं, उनमें से 39 प्रतिशत शाम को खाना खाते या अपनी सुविधानुसार टीवी देखती हैं, इसमें से 40 प्रतिशत से अधिक सीरियल देखती हैं। लेकिन महत्वपूर्ण यह भी है कि 10 प्रतिशत महिलाएं टीवी पर न्यूज भी देखती हैं।

कम से कम 80 प्रतिशत ग्रामीण महिलाएं अपने घर के आर्थिक संकट को लेकर चिंतित रहती हैं। जब यह पूछा गया कि इन चार चीजों-आर्थिक स्थिति, सामाजिक स्थिति, स्वास्थ्य और परिवार- में से किससे सबसे अधिक संतुष्ट हैं? तो 42 प्रतिशत ने कहा कि वह पारिवारिक जीवन से संतुष्ट हैं।

शादीशुदा महिलाओं से जब बात की गई तो 80 प्रतिशत ने माना कि उनके माता-पिता ने शादी के समय दहेज दिया था, जबकि 81 प्रतिशत लड़कियों ने कहा कि वह जानती हैं कि उनकी शादी के समय उनके माता-पिता को दहेज देना पड़ेगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महत्वपूर्ण अभियान स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्य को पूरा करने में पीछे रहने वाले राज्यों में यूपी भी एक है। लेकिन गाँव कनेक्शन के सर्वे से पता चलता है कि लोगों में साफ-सफाई को लेकर जागरुकता बढ़ी है। करीब 79 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि शौच के बाद वह साबुन से हाथ धोती हैं।

करीब 53 प्रतिशत ने बताया कि खाना खाने से पहले वह अपने हाथ साबुन से धोती हैं। 41 प्रतिशत ने कहा कि वह केवल पानी से हाथ धोती हैं। "इससे यह पता चलता है कि ग्रामीण महिलाएं साबुन से हाथ धोने के महत्व को समझने लगी हैं," गाँव कनेक्शन इनसाइट टीम की सदस्य अंकिता तिवारी ने कहा।

          

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