ग्रामीणों के प्रयास से दो वर्षों बाद आया नहर में पानी

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ग्रामीणों के प्रयास से दो वर्षों बाद आया नहर में पानी

प्रतापगढ़। पुरानी कहावत है कि एक-एक लकड़ी को कोई भी तोड़ सकता है लेकिन जब वही एक-एक लकड़ी मिल जाती है तो उसे तोड़ पाना मुश्किल होता है। ऐसा ही एक मिसाल प्रतापगढ़ के कई गांवों के किसानों ने आपस में मिलजुल कर दो साल से बंद पड़ी नहर की सफाई कर पेश की।

प्रतापगढ़ जिला मुख्यालय से दक्षिण-पश्चिम दिशा में लगभग 25 किमी दूर मान्धाता ब्लॉक के भगवानपुर गाँव में शारदा सहायक नहर से कलानी माइनर निकली हुई है। कलानी माइनर के भरोसे ही कलानी, भगवानपुर, खरवई सरायराजा के साथ अन्य दर्जनों गाँव के किसान खेती करते हैं। पिछले दो वर्षों से कलानी माइनर की सफाई ही नहीं हुई और मुख्य नहर में कम पानी आने की वजह से लोगों के खेतों तक पानी नहीं पहुँच रहा था। इससे इन गाँवों के किसानों की फसल सूख गयी, जिससे किसानों को बहुत परेशानी हुई निराश ग्रामीणों ने खुद से ही नहर की सफाई करने का फैसला किया।

मल्हुपुर गाँव के प्रदीप मिश्रा (40 वर्ष) बताते है, ''जिनके पास अपना पम्पिंग सेट था उनका तो ठीक था, लेकिन जो किसान नहर के भरोसे ही खेती करते हैं उनकी फसल सूख गयी। बकुलाही पुनरोद्धार अभियान के संयोजक समाज शेखर के प्रयासों से ग्रामीणों ने खुद से ही नहर की सफाई कर दी है। एक हफ़्ते पहले तक नहर में पानी न आने से जहां आस-पास की फसल सूख गयी थी वहीं अब पानी पाकर किसान अगली फसल की तैयारी में लग गए हैं।"

कलानी गाँव के किसान रामचन्द्र (55) अपने खेत में पानी लगाते हुए कहते है, ''दो बार की फसल तो नहीं बच पायी लेकिन पानी आने से फायदा हो जाएगा।"

बकुलाही पुनरोद्धार अभियान के संयोजक समाज शेखर कहते है, ''एक कार्यक्रम में खरवई गाँव में आया था तब ग्रामीणों से नहर के बारे में पता चला। गाँव वालों मिलकर नहर की सफाई की बात की लोग तैयार हो गए अब पानी आने लगा है, लेकिन चुनाव के बाद पूरी नहर की सफाई करने का लक्ष्य है।"

इलाहाबाद खंड के सिचाई विभाग के अभियंता अरुण कुमार बताते है, ''सूखे की वजह से मुख्य नहर में कम पानी आ रहा है, इसलिए माइनर तक पानी नहीं पहुँच पा रहा था, दो किमी तक पानी पहुंच रहा है जल्द ही पूरे माइनर की सफाई की जाएगी।"

नहर में पानी न आने से लोगों के घरों पर लगे मोटर और हैण्डपंप पर भी प्रभाव पड़ा था। कलानी गाँव के डॉ. अमृत लाल यादव (50)  बताते है, ''कुछ दिनों से गाँव के हैण्डपंप में पानी आना कम हो गया था अगर किसी के खेत में पम्पिंग सेट चलता है तो घर में लगे टुल्लू में भी पानी नहीं आता, लेकिन दो दिन ही नहर में पानी आया और वाटर लेवल कुछ हद तक ठीक हो गया है।"

 

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