धान की कटाई में 10 मजदूरों का काम अकेले करती है ये हंसिया, देखिए वीडियो
छोटे किसानों की परेशानी दूर करेगी ये हंसिया, इसकी मदद से चार घंटे में एक बीघा फसल अकेले काट सकता है किसान...
Divendra Singh 8 Oct 2018 6:59 AM GMT
लखनऊ। बड़ी जोत के किसान तो कम्बाइन से आसानी से अपनी फसल कटवा देते हैं। लेकिन समस्या छोटी जोत के किसानों को आती है। उनको अपनी फसल को कटवाले के लिए न सिर्फ मजदूरों को मजदूरी अधिक देनी पड़ती है, बल्कि समय भी काफी लगता है। लेकिन अब उन किसानों को भी चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि कानपुर के एक किसान ने एक ऐसी हंसिया बनाई है जिससे कोई भी चार घंटे में एक बीघे की फसल काट सकेगा।
अगर कंबाइन मशीन से फसल कटवाते हैं तो भूसे कि दिक्कत हो जाती है। ऐसी ही समस्या से कानपुर के किसान विवेक चुतर्वेदी भी जूझ रहे थे, फिर उन्होंने इंजीनियर सुल्तान आलम के साथ मिलकर 'अजेय' हंसिया विकसित किया।
वो आगे बताते हैं, ''कुछ दिनों बाद एलेक्सजेंडर हमारे यहां आए तो उनसे पूरी जानकारी ली तब कहीं जाकर 'अजेय' हंसिया को पूरी तरह विकसित किया जा सका। इस हंसिया में डंडा लगा है, जिससे आसानी से कम समय में फसल कटी जा सकती है। अभी एक बीघा गेंहू काटने में आठ से दस आदमियों की ज़रूरत पड़ती है, लेकिन अजेय हंसिया से एक ही आदमी तीन-चार घंटे में एक बीघा फसल काट सकता है।''
मशीन की रफ्तार से फसलों की कटाई करने वाला ये हंसिया कई साल तक खराब नहीं होता है। इसमें ठोस स्टील का ब्लेड लगा हुआ है जो बहुत हल्का है। इसके साथ ही इसमें हैंडिल और पांचा (पचागुंर) भी लगा है। हैंडिल को पकड़कर आसानी से कटायी की जा सकती है। बरसीम, धान, गेंहू, चरी जैसी सभी फसलें इससे आसानी से कुछ ही समय में कट जाती हैं।
कनाडा से खास मंगवाई गई ब्लेड से विकसित अजेय हंसिया को बनाने में कानपुर के ही इंजीनियर सुल्तान आलम ने मदद की थी। सुल्तान आलम बताते हैं, ''अजेय हंसिया बनाने में हमें दो साल लग गए थे। यू-ट्यूब में देखने के बाद विवेक मेरे पास आए कि इस को कैसे बना सकते हैं। यूरोप के देशों में ये कई सौ साल पुरानी तकनीक है, लेकिन वहां पर भी लोग अब हार्वेस्टर का प्रयोग कटाई में करने लगे हैं।'' हंसिया के दाम के बारे में सुल्तान बताते हैं, ''अभी शुरुआत में एक हंसिया का दाम पांच हजार है क्योंकि अभी इसमें लगने वाली ब्लेड भी कनाडा से मंगानी होती है। अगर देश में ही इसका विकल्प मिल जाएगा तो इसको कम दाम में किसानों को उपलब्ध करा सकेंगे।''
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