लखनऊ नहीं घूमे तो क्या , नीलेश मिसरा की कविता में कीजिए हजरतगंज की सैर ...

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नवाबों का शहर, नज़ाकत नफासत का शहर... छोटा इमामबाड़ा और भूलभुलैया वाला शहर। और इस की जान हजरतगंज जहां की गंजिंग दूर-दूर कर प्रसिद्ध है।

अगर आप लखनऊ आए हैं या फिर प्लान बना रहे हैं तो हजरतगंज घूमे बिना आपका सफर अधूरा रहेगा। अगर आप लखनऊ के रहने वाले हैं तो हजरतगंज में कहीं न कहीं आपका फेवरेट हैंगआउट प्लेस न हो तो ऐसा नामुमकिन है। सुनिए हजरतंगज पर नीलेश मिसरा की कविता 'ये हजरतगंज है यारों...'।

ये हजरतगंज है यारों बड़ा कमाल है

जवां है चाहे उम्र इसकी दो सौ साल है

ये हजरतगंज है यारों

बिताएं लड़कपन में यहां लम्हें कितने जाने

यहां आने को पापा से किए जाने कितने बहाने.....

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