भारत में वायु प्रदूषण के कारण 10 लाख लोगों की मौत, प्रति एक लाख में 135 लोग हो रहे शिकार

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भारत में वायु प्रदूषण के कारण 10 लाख लोगों की मौत, प्रति एक लाख में 135 लोग हो रहे शिकारदिल्ली में वायु प्रदूषण का एक दृश्य।

नई दिल्ली। भारत और चीन दुनिया की सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्थाएं हैं लेकिन दुनिया भर में एयर पॉल्यूशन के कारण होने वाली असमय मौतों में से आधी मौतें इन दोनों देशों में होती हैं। एक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। ‘स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2017’ की रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि पॉल्यूशन के कारण होने वाली मौतों के मामले में भारत लगभग चीन के करीब पहुंच चुका है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत समेत दस सबसे अधिक जनसंख्या वाले देशों, यूरोपीय संघ और बांग्लादेश में पीएम 2.5 का स्तर सर्वाधिक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर में ओजोन के कारण होने वाली मौतों में करीब 60 प्रतिशत का इजाफा हुआ है, लेकिन भारत में यह आंकड़ा 67 फीसदी तक पहुंच गया है। ‘स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2017’ इस मुद्दे से जुड़ी इस साल की पहली वाषिर्क रिपोर्ट है।

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वाशिंगटन विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैलुएशन (आईएचएमई) और ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय के सहयोग से हेल्थ एफेक्ट इंस्टीट्यूट ने यह रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘2015 में पीएम 2.5 के कारण 42 लाख लोगों की मौत हुई और इसके कारण हुई मौतों में से करीब 52 फीसदी मौतें भारत और चीन में हुई।’’ रिपोर्ट के अनुसार भारत में प्रति एक लाख लोगों में से 135 लोगों की मौत वायु प्रदूषण के कारण हो रही है।

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2015 में वायु प्रदूषण से दिल्ली में 48,651 मौतें

इसके इतर एक रिपोर्ट एन्वायरमेंटल साइंस एंड पॉल्यूशन रिसर्च जरनल (ईएसपीआर) की भी है। इसके अनुसार दिल्ली में वायु प्रदूषण के स्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। रिपोर्ट के अनुसार साल 2015 में वायु प्रदूषण से दिल्ली में 48 हजार 651 लोगों की मौत हुई है। साढ़े सात लाख लोगों को वायु प्रदूषण की वजह से विभिन्न रोगों के शिकार होना पड़ा है। एक लाख 2 हजार लोग वायु प्रदूषण को लेकर दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में अपना इलाज करवा रहे हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि वायु प्रदूषण की वजह से शारीरिक विकृति में भी काफी तेजी आई है. तेजी से फैलने वाले शारीरिक विकृति में भारत का नंबर विश्व में तीसरा हो गया है।

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भारत से ऊपर सिर्फ बांग्लादेश और पाकिस्तान है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ( डबल्यूएचओ) की सूची में दिल्ली का नाम दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में सबसे ऊपर है। रिपोर्ट में बताया गया है कि वायु प्रदूषण से स्वास्थ्य पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। मृत्यु दर में भी तेजी आई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 1995 से 2015 के दौरान वायु प्रदूषण से समय पूर्व हो रही मौत में 2.5 गुना की वृद्धि हुई है। 1995 में ऐसी मौत का आंकड़ा था 19 हजार 716 जो 2015 में बढ़कर 48 हजार 651 हो गई। दिल्ली शहर के वायु प्रदूषण की चिंता का विषय पीएम 2.5 है। पीएम 2.5 से फेफड़ों के कैंसर, दमा, अस्थमा, मधुमेह, आंखो में जलन, चर्म रोग और फेफड़ों से संबंधित बीमारी हो रही है।

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