राजस्थान में स्वाइन फ्लू से मरने वालों की संख्या पहुंची 54, डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की छुट्टियां रद्द

करीब 3 सप्ताह के अंदर है पूरे प्रदेश में स्वाइन फ्लू के 1335 पॉजिटिव मामले आ चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग ने राज्य भर में स्वाइन फ्लू की स्क्रीनिंग का सघन जांच अभियान चला रखा है

Chandrakant MishraChandrakant Mishra   24 Jan 2019 6:13 AM GMT

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राजस्थान में स्वाइन फ्लू से मरने वालों की संख्या पहुंची 54, डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की छुट्टियां रद्द

लखनऊ। राजस्थान में स्वाइन फ्लू का कहर बढ़ता जा रहा है। अब तक स्वाइन फ्लू से 54 लोगों की मौत हो चुकी है। रोजना पॉजिटिव मरीजों और मृतकों की संख्या बढ़ रही है। करीब 3 सप्ताह के अंदर है पूरे प्रदेश में स्वाइन फ्लू के 1335 पॉजिटिव मामले आ चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग ने राज्य भर में स्वाइन फ्लू की स्क्रीनिंग का सघन जांच अभियान चला रखा है।

जयपुर में सर्वाधिक 47 नए पॉजिटिव केस एक ही दिन में मिले हैं, जबकि बाड़मेर में 9, बीकानेर में 8, गंगानगर में 7, चूरू और उदयपुर में 5-5, जोधपुर में 4, सीकर में 3, अजमेर, दौसा, कोटा और अलवर में 2-2 और डूंगरपुर, प्रतापगढ़, नागौर, हनुमानगढ़, राजसमन्द और जैसलमेर में 1-1 पॉजिटिव मरीज मिले हैं. बता दें कि जोधपुर में अब तक सर्वाधिक 20 मौतें स्वाइन फ्लू से हो चुकी हैं, तो वहीं जयपुर में अब तक सर्वाधिक 517 स्वाइन फ्लू पॉजिटिव केसेज सामने आ चुके हैं।

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राजस्थान सरकार के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा का कहना है," हर साल इस मौसम में राजस्थान में स्वाइन फ्लू का असर सबसे ज्यादा देखने को मिलता है। ठंड के मौसम में इस बीमारी का ज्यादा प्रकोप होता है। इस बीमारी पर काबू पाने की कोशिश कर रही है। सभी डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं।"

स्वाइन फ्लू को जानिए

उत्तर प्रदेश में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के श्वसन विभाग के अध्यक्ष और आईएमए (लखनऊ) अध्यक्ष डॉ सूर्यकान्त ने बताया, " बदलते मौसम के साथ ही पिछले कुछ समय से स्वाइन फ्लू वायरस संक्रमण की लहर पुनः चल निकली है। आम बोलचाल में स्वाइन फ्लू के नाम से जाना जाने वाला इन्फ्लुएन्जा एक विशेष प्रकार के वायरस (विषाणु) इन्फ्लुएन्जा ए एच1 एन1 के कारण फैल रहा है। यह विषाणु सुअर में पाये जाने वाले कई प्रकार के विषाणुओं में से एक है।"


स्वाइन फ्लू के लक्षण

- स्वाइन फ्लू उन्हीं व्याक्तियों में होता है जिनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है।

- ज्यादातर ये पहले से बीमार चल रहे मरीज, गर्भवती महिलाएं आदि हो सकती हैं।

- लगातार हल्का बुखार आना।

- थूकने में दर्द होना।

- कभी-कभी लाल चकत्ते भी पड़ सकते हैं।

- खांसी का लगातार आना।

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साभार: इंटरनेट

इन तरीकों से खुद को और अपने परिवार को स्वाइन फ्लू से बचाएं स्वाइन फ्लू से

-ज्यादा से ज्यादा पानी पीना इस बीमारी के होने से शरीर में पानी की कमी नहीं होनी देनी चाहिये।

- अगर कोई स्वाइन फ्लू की चपेट में आ गया हो तो उसे डॉक्टर की सलाह पर दवा खा लेनी चाहिये।

- शुरुआत में बुखार आने पर पैरासिटामॉल 650mg दी जाती है।

- किसी व्यक्ति में स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखें तो उससे कम से कम 3 फीट की दूरी बनाए रखें।

- स्वाइन फ्लू का मरीज जिस चीज का इस्तेमाल करे, उसे भी नहीं छूना चाहिए।

- बहुत जरूरत पड़ने पर मास्क का प्रयोग करके ही मरीज के पास जाना चाहिए।

- अगर किसी में स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखें तो उससे हाथ मिलाने और गले मिलने से बचना चाहिए।

डॉक्टर सूर्यकांत का कहना है, " फ्लू वैक्सीन, फ्लू से बचाव के लिए सर्वश्रेष्ठ उपाय है। स्वाइन फ्लू का टीका अब बाजार मे आसानी से उपलब्ध है। अब नियमित फ्लू टीके में भी स्वाइन फ्लू से प्रतिरक्षा शामिल है। यह टीका गर्भवती महिलाओं तथा बच्चों के लिए भी सुरक्षित है। जोखिम मे शामिल सभी लोगो के लिए टीकाकरण अत्यधिक आवश्यक है।"

इनपुट एजेंसी

    

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