गर्मी के मौसम में डायरिया से रहें सतर्क
Shrinkhala Pandey | May 07, 2017, 13:52 IST
श्रृंखला पाण्डेय
लखनऊ। गर्मी में बीमारियों का ख़तरा बढ़ जाता है। दूषित पानी और पाचन संबधी कई परेशानियां इस मौसम में डायरिया जैसी बीमारी दे सकती हैं।
डायरिया के बारे में लखनऊ के जनरल फीजिशियन डॉ एमए खान बताते हैं, “डायरिया में उल्टी-दस्त के मामले तेजी से बढ़ जाते हैं। एक ओर गर्मी से शरीर में पानी की कमी होने लगती है तो दूसरी ओर दूषित पानी और खान पान का संक्रमण तेजी से होने लगता है।”
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वो आगे बताते हैं, “इसमें आंतों के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। संक्रमण से दस्त और उल्टी होने लगती हैं, इसे कोलाइटिस भी कहते हैं। दस्त और उल्टी को तुरंत न रोका जाए तो शरीर में पानी की भारी कमी हो जाती है और डायरिया हो जाता है।”
गर्मी में खाने में बैक्टीरिया और फंगस का खतरा करीब दोगुना हो जाता है। इसलिए खाना पकाने के दौरान स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। खासकर पके हुए खाने को मक्खियों से बचाना जरूरी है। अगर खाना दूषित हो तो फूड प्वाजनिंग हो सकती है।
डायरिया का सबसे प्रमुख लक्षण है दस्त का आना। आमतौर पर मरीज को चौबीस घंटे में चार से पांच पतले दस्त होते हैं। इसके साथ पेट के निचले हिस्से में बहुत तेज दर्द होता है। यह दर्द हल्के या तेज मरोड़ के रूप में हो सकता है। बुखार और कमजोरी से शरीर बेजान लगने लगता है। कुछ रोगियों को दस्त के साथ उल्टियां भी हो सकती हैं। कमजोरी के कारण चक्कर आते हैं और आंखों के आगे अंधेरा भी छा जाता है।
बचपन में संक्रमण के बार-बार होने से बच्चे में आगे चलकर उन रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है, जबकि सच यह है कि डायरिया जैसी बीमारियां बार-बार होने से बच्चों के विकास पर बुरा असर पड़ता है। आंत में बार-बार होने वाले संक्रमण पोषण में कमी लाते हैं तथा शरीर की विटामिन बी-12, विटामिन डी और वसा ग्रहण करने की क्षमता घट जाती है। डायरिया के उपचार और रोकथाम के लिए टीकाकरण, रोटावायरस वैक्सीन को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है।
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डॉ खान बताते हैं कि डायरिया में बेहतर होगा कि ठोस आहार जैसे रोटी, दाल, चावल खाने की बजाय तरल चीजों का सेवन ज्यादा किया जाए। कम तेल—मसाले वाली सब्जियां खाई जाएं। एक साथ पेट भरकर खाना खाने की जगह थोड़ा—थोड़ा करके कई बार खाएं। दही-छाछ भुना हुआ जीरा—हींग और काला नमक डाल कर उसका सेवन करें। इससे पाचन क्षमता सही रहेगी। आम का पना और नींबू पानी भी रोज पीना चाहिए। इसमें मौजूद विटामिन-सी आंतों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। रात में भारी खाना कतई नहीं खाएं। हो सके तो सूप और जूस पिएं। कटे हुए फलों में संक्रमण का खतरा रहता है। ताजे फल—सब्जी को धोकर ही खाएं।
डायरिया होने पर गर्म दूध न पिएं। गर्म दूध पीने से एसिडिटी बढ़ जाती है। गर्मी में दूध को हजम करने में भी दिक्कत होती है। हालांकि ठंडा दूध पीने से एसिडिटी में राहत मिलती है। गर्मी में पनीर खाने से बचना चाहिए, क्योंकि पनीर को हजम करने में काफी समय लगता है।
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लखनऊ। गर्मी में बीमारियों का ख़तरा बढ़ जाता है। दूषित पानी और पाचन संबधी कई परेशानियां इस मौसम में डायरिया जैसी बीमारी दे सकती हैं।
डायरिया के बारे में लखनऊ के जनरल फीजिशियन डॉ एमए खान बताते हैं, “डायरिया में उल्टी-दस्त के मामले तेजी से बढ़ जाते हैं। एक ओर गर्मी से शरीर में पानी की कमी होने लगती है तो दूसरी ओर दूषित पानी और खान पान का संक्रमण तेजी से होने लगता है।”
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वो आगे बताते हैं, “इसमें आंतों के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। संक्रमण से दस्त और उल्टी होने लगती हैं, इसे कोलाइटिस भी कहते हैं। दस्त और उल्टी को तुरंत न रोका जाए तो शरीर में पानी की भारी कमी हो जाती है और डायरिया हो जाता है।”
गर्मी में खाने में बैक्टीरिया और फंगस का खतरा करीब दोगुना हो जाता है। इसलिए खाना पकाने के दौरान स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। खासकर पके हुए खाने को मक्खियों से बचाना जरूरी है। अगर खाना दूषित हो तो फूड प्वाजनिंग हो सकती है।
लक्षण
बच्चों पर अधिक असर
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बचाव के तरीके
- कड़ी धूप में बाहर निकलने से बचें।
- सुबह-शाम ही घूमें।
- दोपहर में निकलें तो सिर और कान को कपड़े से ढक लें।
- धूप में छाते-टोपी का इस्तेमाल करें।
- सफर में खूब पानी पिएं, ध्यान रहे पानी प्रदूषित न हो।
- नमक—चीनी का घोल साथ रखें और बीच-बीच में सेवन करें।
- यात्रा में खाने-पीने का समय सही रखें। तरल पेय व फल अधिक लें।
पानी का अधिक इस्तेमाल
गर्म दूध न पिएं
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