किसानों-आढ़तियों का राहत: सरकार कम कर सकती है मंडी लाइसेंस शुल्क

Devanshu Mani TiwariDevanshu Mani Tiwari   4 Feb 2017 10:34 PM GMT

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किसानों-आढ़तियों का राहत: सरकार कम कर सकती है मंडी लाइसेंस शुल्कमंडी परिषद ने सरकार से सिक्योरिटी शुल्क कम करने का आग्रह किया।

लखनऊ। छोटे किसानों को प्रदेश की किसी भी मंडी में अपना उत्पाद बेचने के लिए मंडी परिषद सस्ता मंडी लाइसेंस उपलब्ध करा रही है। किसान मंडी परिषद अब प्रदेश के अनाज, सब्जी व्यापारियों व किसानों को कम शुल्क पर एकल मंडी लाइसेंस देने की योजना बना रही है।

इससे पहले मंडी परिषद ने पिछले वर्ष शुरू की गई अपनी एकल लाइसेंस योजना में प्रदेश के व्यापारियों को किसी भी मंडी में बगैर रोकटोक उपज बेचने की इजाज़त दी थी। इसके लिए सरकार उनसे प्रत्येक लाइसेंस पर एक लाख का सिक्योरिटी शुल्क लेती थी, जिसे अब मंडी परिषद ने सरकार से कम करने का आग्रह किया है।

‘’प्रदेश में अनाज व सब्जियों के थोक व्यापारियों के अलावा अधिक से अधिक किसानों को एकल मंडी लाइसेंस का लाभ मिल सके, इसके लिए हमने एक लाख रुपए लाइसेंस सिक्योरिटी शुल्क को कम करके 20,000 रुपए करने के लिए शासन को पत्र भेजा है।’’ एकल लाइसेंस योजना को किसानों के लिए अहम बताते हुए रण विजय यादव अपर निदेशक, मंडी परिषद उत्तर प्रदेश ने कहा। उन्होंने आगे बताया कि लाइसेंस का शुल्क कम होने से छोटे गल्ला व्यापारी भी प्रदेश भर में अपना माल बेच पाएंगे।

किसान मंडी परिषद से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश में कुल 230 मंडियां हैं। इनमें पहले चरण में एकल मंडी लाइसेंस योजना के तहत 66 मंडियों को जोड़ा गया था, जिसमें प्रदेश का कोई भी व्यापारी अपनी जगह से इन सभी मंडियों में अपना उत्पाद बेच सकता है।पिछले एक वर्ष से मात्र 130 व्यापारी ही इस योजना में पंजीकृत हो पाए हैं।

‘’व्यवस्था अच्छी होने के बावजूद प्रदेश में इसका प्रचार-प्रसार कम हुआ है। इसके अलावा सरकार ने योजना में लाइसेंस सिक्योरिटी शुल्क भी बहुत ज़्यादा रखा था, इसलिए इसका लाभ सिर्फ बड़े व्यापारियों तक ही सीमित था। सिक्योरिटी कम होने से योजना का दायरा भी बढ़ेगा।’’ रण विजय यादव ने आगे बताया।

अभी तक व्यापारियों को अपनी स्थानीय मंडी में अपनी उपज बेचने के लिए मंडी लाइसेंस बनवाना ज़रूरी होता है। लाइसेंस के आधार पर मंडियों में व्यापारियों को अपना माल बेचने के लिए जगह मिलती है। एकल मंडी लाइसेंस की मदद से किसान प्रदेश की सभी मंडियों में अपना सामान बिना रुकावट बेच सकेंगे। लखनऊ जिले के बीकेटी ब्लॉक में अटेसुआ गाँव में छह एकड़ क्षेत्र में आलू की खेती कर रहे फखरुद्दीन (42 वर्ष) बताते हैं, “अगर सरकार सस्ता मंडी लाइसेंस बनवाती है, जिससे सभी मंडियों में अपना आलू बेचा जा सके तो किसानों का आलू कोल्ड स्टोरेज में बर्बाद नहीं होगा। किसान अपने जिले की सभी मंडियों में कुछ-कुछ करके अपनी सारी उपज बेच सकेंगे।

इस फैसले से रायबरेली जिले की लालगंज गल्ला मंडी जैसी कई मंडियों को फायदा मिलेगा, जहां दुकानें (सामान बेचने के लिए खाली जगह) कम हैं और व्यापारियों को लाइसेंस बहुत बांट दिए गए हैं। इस योजना को व्यापारियों के लिए लाभकारी मानते हुए बाबूलाल मौर्या (45 वर्ष) गल्ला व्यापारी लालगंज मंडी, रायबरेली ने बताया, “मंडी में सामान बेचने के लिए हर उत्पाद पर मंडी समिति अपना शुल्क लेती है। अगर एक ही लाइसेंस से सभी मंडियों में हम माल बेच पाएंगे, तो हर जगह मंडियों में रसीद कटवाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।” रायबरेली जिले की लालगंज मंडी 154 लाइसेंसी दुकानें हैं पर लाइसेंस 300 से ज्यादा व्यापारियों को मिला है। ऐसे में व्यापारियों को अपने माल को सीधे बेचने के लिए कोई भी जगह नहीं मिलती है।

  

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