कहां गया महिलाओं का हक़, बसों का हाल देखिए जनाब

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
कहां गया महिलाओं का हक़, बसों का हाल देखिए जनाबमहिलाओं के लिए अरक्षित सीट पर कब्जा जामये युवक।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। वैसे तो सरकार महिला सशक्तिकरण और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों को लेकर गंभीर है, लेकिन अगर बात परिवहन निगम की बसों की हो तो यह बात एक दम उल्टी साबित होती है। बसों में ‘केवल महिलाएं’ तो लिखा रहता है लेकिन उस पर महिलाओं की जगह पुरुषों का कब्जा रहता है।

सुनीता कुमारी (30 वर्ष) रोज लखनऊ से बाराबंकी रोडवेज से सफर करती हैं। रोजमर्रा की आने वाली दिक्कतों के बारे में सुनीता बताती हैं, “हम रोज पॉलीटेक्निक से बस पकड़ते हैं पर कुछ ही ऐसे दिन होंगे, जिसमें महिला सीट खाली मिले। जो पुरुष बैठे रहते हैं वो देखकर भी नहीं उठते। मजबूरी में पीछे बैठना पड़ता है या भीड़ होने पर खड़ा रहना पड़ता है।”

ये भी पढ़ें- आतंकियों की धमकी का नहीं असर, पुलिस में भर्ती होने के लिए हजारों कश्मीरियों ने किए आवेदन

यह समस्या सिर्फ बाराबंकी रूट की महिलाओं को ही नहीं झेलनी पड़ती है बल्कि कई रूटों पर महिलाओं को इस समस्या का सामना करना पड़ता है। हालांकि परिवहन विभाग की ओर से परिचालकों को यह निर्देश दिया जाता है कि वे महिलाओं को ये सीट दिलाएं पर परिचालकों को इससे कोई मतलब नहीं रहता है।

लखनऊ से कानपुर यात्रा कर रही गायत्री सिंह (30 वर्ष) का कहना है, “मैं अपने चार साल के बेटे को लेकर अपनी ससुराल कानपुर जा रही थी, पूरी बस भरी थी महिला सीट पर दो लड़के बैठे थे। मैंने उनको दो से तीन बार खड़े होने को होने को कहा, पर वो खड़े नहीं हुए।” वो आगे बताती हैं, “जब दूसरी सीट उन्नाव में खाली हुई तब हमें बैठने को मिला, पूरी रास्ता खड़े होकर जाना पड़ा।”

बाराबंकी, रायबरेली और लखनऊ रूट की बसों के लिए तैनात एआएम एके सिंह ने बताया, “वैसे तो परिचालक इस बात का ध्यान रखते हैं लेकिन लोग अपनी सुविधाओं पर ध्यान देते हैं। अगर महिलाओं को ऐसी कोई दिक्कत आती है तो उस रूट के एआरएम को फोन करके शिकायत कर सकती हैं।”

ये भी पढ़ें- पेट्रोल पंपों ने स्थगित किया प्रस्तावित रविवार का अवकाश

कैसरबाग डिपो को मिली नई इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीन

पिछले साल से ही इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीन (ईटीएम) की कमी झेल रहे कैसरबाग डिपो को अब जाकर राहत मिली है। हाल ही में डिपो को नई ईटीएम उपलब्ध करा दी गई है। कैसरबाग डिपो को ईटीएम की कमी के चलते रोजाना होने वाला दो लाख रुपए का घाटा अब पाटा जा सकेगा। दरअसल, ईटीएम की कमी के कारण परिचालक सड़क पर बिना ईटीएम लिए बस ले जाने से ही मना कर देते थे, जब तक उन्हें ईटीएम नहीं मिल जाती थी तब तक वे बस का चक्का तक नहीं हिलाते थे।

परिषद के शाखा अध्यक्ष रजनीश मिश्रा ने बताया कि अब कंडक्टर सही समय से बस रूट पर ले जाएंगे इससे यात्री समय से अपने गंतव्य स्थल पहुंच सकेंगे। इसके साथ ही हर महीने अब रोडवेज को कम से कम 50 से 60 लाख रुपए का फायदा होगा।

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

              

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.