अफीम फैक्ट्री में अब होगी सिर्फ मार्फीन की मात्रा की जांच

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अफीम फैक्ट्री में अब होगी सिर्फ मार्फीन की मात्रा की जांचअफीम की खेती। फोटो: गांव कनेक्शन

राधाकांत, स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

बरेली। अफीम किसानों पर अब राख या अन्य पदार्थों के मिश्रण के नाम पर अफीम घटिया होने की तोहमत नहीं चस्पा होगी। अब अफीम में केवल मार्फीन की मात्रा की जांच की जाएगी। अन्य किसी मिलावट के नाम पर उनके पट्टे घटिया की श्रेणी में शामिल नहीं होंगे। केंद्र सरकार ने इस संबंध में गजट भी जारी कर अफीम किसानों को यह राहत दी है।

वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग ने 15 मई 2017 को इस बाबत एक गजट नोटिफिकेशन जारी किया है। इसमें निर्धारित किया गया है कि स्वापक औषधि एवं मनः प्रभावी पदार्थ नियमावली 1985 के नियम 8 के अनुपालन में वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग की अधिसूचना संख्या 2/2016 के दिनांक 20 अक्टूबर 2016 में पैराग्राफ 5 (4) में निम्नलिखित को प्रतिस्थापित किया जाएगा।

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फसल वर्ष 2016-17 की अफीम को सरकारी अफीम एवं क्षारोद कारखाना नीमच या गाजीपुर ने अपमिश्रित या घटिया किस्म का पाया है, वे अगली फसल वर्ष अर्थात 2017-18 में लाइसेंस के लिए पात्र नहीं होंगे। साथ ही इसमें यह भी कहा गया है कि सरकारी अफीम एवं क्षारोद कारखाना नीमच या गाजीपुर किसी भी अफीम को घटिया किस्म की घोषित कर देंगे, यदि उसमें मार्फीन का अंश शुष्क आधार पर 9 प्रतिशत या उससे कम पाया जाता है।

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जारी नोटिफिकेशन से स्पष्ट है कि अब अफीम की शुद्धता के लिए केवल मार्फीन का प्रतिशत ही देखा जाएगा। 9 प्रतिशत से कम मार्फीन वाली अफीम घटिया मानी जाएगी। पूर्व के वर्षों में अफीम की शुद्धता के लिए राख की मात्रा, मिल्क पाउडर, बोर्नविटा, गोंद आदि कारकों को भी देखा जाता था। यह कई बार किसानों के असंतोष का कारण बनते थे। किसानों की मांग पर सांसद श्री सुधीर गुप्ता ने इस बात को वित्त मंत्रालय में मजबूती से रखते हुए हवाला दिया था कि विभाग को केवल अफीम में मार्फीन चाहिए होती है, इसलिए मानक भी उसी का तय होना चाहिए। इसके परिणाम इस संशोधन के रूप में सामने आया है। अब मार्फीन के प्रतिशत अच्छा देने वाले किसानों को और किसी डर का सामना नहीं करना होगा।

एफटीएनआईआर मशीन से होगी जांच

किसानों के लिए अच्छी खबर यह भी है कि अब अफीम की जांच पुरानी पद्धति से नहीं होगी। एफटीएनआईआर मशीन उनकी अफीम की क्वालिटी जांची जाएगी। इस मशीन के इस्तेमाल से जांच रिपोर्ट तीन से चार घंटे में आ जाएगी।

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यानि किसानों को अफीम जांच के लिए लंबा इंतजार भी नहीं करना पड़ेगा। इस तरह एक साथ दो बड़ी राहत अफीम किसानों को केन्द्र सरकार से मिली हैं।

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