इस अकेली बुज़ुर्ग महिला ने 94 गरीब परिवारों को दबंगों से वापस दिलवाई उनकी ज़मीन

Neetu SinghNeetu Singh   23 April 2017 3:14 AM GMT

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इस अकेली बुज़ुर्ग महिला ने 94 गरीब परिवारों को दबंगों से वापस दिलवाई उनकी ज़मीनगाँव की महिलाओं को जानकारी देती मुन्नीदेवी।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

जसरा (इलाहाबाद)। एक बुजुर्ग महिला की मजबूत इच्छाशक्ति और महिला समाख्या की मदद से 94 गरीब परिवारों को दबंगों द्वारा हड़पी गई उनकी 350 बीघा जमीन वापस मिल गई। मुन्नी देवी (67 वर्ष) द्वारा कुछ वर्षों पहले ये प्रयास किया गया था। जिसका नतीजा अब ये है कि इनके गाँव में कोई भी दबंग व्यक्ति इनकी जमीन पर नजर नहीं डालता। महिलाओं के संगठन को देखकर अब इन्हें कोई परेशान नहीं करता, अपने हक के लिए ये महिलाएं अब खुद आवाज़ उठाने लगी हैं।

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इलाहाबाद जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर जसरा ब्लॉक में असरवई गाँव है। इस गाँव में रहने वाली मुन्नी देवी बताती हैं, “हमारे गाँव के हरिजन लोगों के पास अपनी खुद की जमीन नहीं थी। सरकार की तरफ से जो पट्टे हुए उसे जानकारी के अभाव में गाँव के कुछ दबंग लोगों ने हड़प लिया। वर्षों से उनका इस जमीन पर कब्ज़ा रहा।” वो आगे बताती हैं, “सरकारी जमीन का पट्टा होते हुए भी हम लोगों को खेत जोतने को नहीं मिल रहा था। जब इस समस्या के बारे में मैंने समूह में चर्चा की तो कई और महिलाएं हमारे साथ खड़ी हो गईं। इसके बाद कई जगह जमीन की नकल दी मैंने। कोर्ट और अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर लगाने के बाद आखिरकार जमीन वापस मिल ही गई।”

जमीन छुड़ाने के समय ही अच्छी जान–पहचान बन गई। बालात्कार के मामले में लोगों को सजा दिलाना, मजदूरों को उनका हक़ दिलाना, ऐसे कई काम किये हैं। जबसे समूह से जुड़े तबसे गाँव के लोग हम गरीब मजदूरों को तंग नहीं करते हैं। संगठित होकर हम मजदूर महिलाएं अब कई काम अपने खुद ही करा लेते हैं।
मुन्नी देवी

जब मुन्नी देवी ने जमीन वापस देनी की ठानी तो पूरा गाँव मजाक बनाने लगा। मुन्नी देवी बताती हैं, “पहले लोग हमें महिला नहीं बहिला कहते थे। जब सबकी जमीन मिल गई तो अब सब मुझे बहुत सम्मान देते हैं। गाँव के दबंग लोग अब किसी की भी जमीन हड़पने के बारे में सोच भी नहीं सकते हैं।”

अब ग्रामीण महिलाएं महिला समाख्या से जुड़कर न सिर्फ गाँव के समूह में पैसे जमा रही हैं, बल्कि कई मुद्दों पर जानकारी मिलने पर संगठित होकर आवाज़ उठा रही हैं। मुन्नी देवी भी समूह की एक अगुवा महिला हैं जो निरक्षर मजदूर हैं। महिला समाख्या की ब्लॉक को-ऑर्डिनेटर मंजू बताती हैं, “जब महिलाएं मीटिंग में आती हैं तो सिर्फ पैसे ही जमा नहीं करतीं, उनकी जो समस्या होती हैं उसकी भी चर्चा करती हैं। जब मुन्नी देवी ने समूह में जमीन हड़पने वाली बात बतायी तो उन्हें पूरी जानकारी दी गई कि कैसे वो अपनी जमीन वापस ले सकती हैं।”

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