प्रधानमंत्री के गोद लिए गाँव में बंद पड़ा नंदघर 

Vinod SharmaVinod Sharma   19 Sep 2017 3:35 PM GMT

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प्रधानमंत्री के गोद लिए गाँव में बंद पड़ा नंदघर नंदघर में लटका ताला। 

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर 22 व 23 सितम्बर को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मौजूद रहेंगे। दो दिवसीय प्रवास के दौरान वे कई योजनाओं का लोकापर्ण और शिलान्यास करेंगे। साथ ही जयापुर गाँव से महज तीन किमी दूर शहंशाहपुर में एक बड़ी जनसभा को भी संबोधित करेंगे, लेकिन खुद के गोद लिए गाँव में उनके जाने का कोई कार्यक्रम नहीं है।

इसी अनदेखी के चलते जयापुर गाँव का विकास अब दुश्वारियों में तब्दील हो चुका है। बच्चों के लिए बना नंदघर लगभग बंद हो गया है। हालांकि एसडीएम राजातालाब ईशा दुहन कहती हैं, “जयापुर के लोगों द्वारा यह शिकायत कभी नहीं आई है। फिलहाल इसकी जांच कराई जाएगी। यदि ऐसा पाया जाता है तो संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”

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क्या है नंदघर योजना

सामुदायिक सहयोग के ज़रिये आंगनवाड़ी केन्द्रों को आधुनिक बनाने के लिए ‘नंद घर योजना’ बनायी गयी थी। इस योजना के तहत दानदाता सामाजिक ट्रस्ट, गैरसरकारी संस्था व कॉर्पोरेट घराने एक या अधिक आंगनवाड़ी केन्द्रों को गोद ले सकेंगे। इसके लिए विभाग व संस्था के मध्य एमओयू साइन किया जायेगा। जिसके तहत वे पांच वर्षों तक इनके संचालन के लिए फंडिंग करेंगे। इन केन्द्रों में वे सभी गतिविधियाँ वैसी ही चलेंगी जो महिला एवं बाल विकास द्वारा निर्धारित की गयी है। यदि कोई किसी प्रकार का नवीन परिवर्तन लाना चाहे तो बाल विकास परियोजना अधिकारी से विचार विमर्श कर सकता है।

आए दिन जयापुर के लोग आते हैं, लेकिन किसी ने कोई भी समस्या नहीं बताई। नंदघर की जांच कराई जाएगी। यदि ऐसा पाया जाता है तो संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई जरूर होगी।
ईशा दुहन, एसडीएम राजातालाब

पीएम बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने आदर्श गाँव योजना के तहत आराजीलाइन ब्लाक के जयापुर गाँव को गोद लिया था। इसके बाद इस गाँव में काफी विकास हुआ। कई सांसद, एनजीओ और अधिकारियों द्वारा तमाम कार्य कराए गए, लेकिन अब वहां कोई झांकने तक नहीं आता। विकास के नाम पर बनाया गया नंदघर लगभग बंद हो चुका है। महीनों से बंद पड़े नंदघर की खिड़कियों के शीशे टूट चुके हैं, वहीं बच्चों के खेलने का सामान और कुर्सी मेज धूल फांक रहे हैं। लाखों रुपए खर्च कर जिस मकसद से नंदघर का निर्माण किया गया था। वह पूरी तरह से विफल हो चुका है।

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