फाइलों में घूम रही यूपी की निर्यात नीति

Ashwani NigamAshwani Nigam   29 Jun 2017 11:48 AM GMT

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फाइलों में घूम रही यूपी की निर्यात नीतिप्रतीकात्मक तस्वीर

लखनऊ। हरी सब्जियों और फलों के उत्पादन में उत्तर प्रदेश पश्चिम बंगाल के बाद दूसरे स्थान पर आता है, मगर निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बनने वाली नीति फाइलों में ही घूम रही है। यूपी में हर साल लगभग 40 से 45 लाख मीट्रिक टन आम पैदा होता है, जो देश के कुल आम उत्पादन का 83 प्रतिशत है। यहां का दशहरी, लंगड़ा और चौसा आम अपने स्वाद के लिए बहुत प्रसिद्ध है, लेकिन देश के कई शहरों के अलावा विदेशों में इस आम के बारे में लोग नहीं जानते हैं।

विदेशों में कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए बनाई गए कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण के मुख्य सलाहकार विनोद कुमार कौल बताते हैं, “उत्तर प्रदेश ने अपने प्रदेश के आलू, हरी सब्जियों और अनाज की विदेशों में प्रचार-प्रसार के लिए काम नहीं किया, जबकि महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण भारतीय राज्यों ने अपने उत्पाद के लिए विदेशों में बाजार खोजा, जिसका उन राज्यों को फायदा मिल रहा है।“

उत्तर प्रदेश में आम और सब्जियों के बड़े निर्यातक शहनाज एक्सपोर्ट के निदेशक नदीम सिद्दीकी बताते हैं, “उत्तर प्रदेश में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए न तो कोई नीति बनी और न ही सरकार की तरफ से निर्यातकों को सुविधा देने का काम। अपने दम पर निर्यातक विदेशों तक उत्तर प्रदेश में पैदा होने वाले फल और सब्जियों को किसी तरह पहुंचा रहे हैं।

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“भारतीय पैकेजिंग संस्थान नई दिल्ली के उपनिदेशक सुबोध जयकर कहते हैं, “उत्तर प्रदेश को अपने कृषि उत्पाद को अगर देश-विदेश के बाजारों तक पहुंचाना है तो उसके पैकेजिंग पर ध्यान देना होगा। विदेशी बाजारों में पहुंचाने के लिए सबसे पहले उत्पाद के बारे में लोगों को जागरूक करना होता है, लेकिन इस मामले में यूपी को ओर भी काम करने की जरुरत है।

“ चेन्नई स्थित वेस्ट एक्सपोर्ट फल और सब्जी निर्यातक कंपनी के मालिक एम. नागराज ने बताया, “उत्तर प्रदेश के फल और सब्जियों को वह अपने प्रदेश में ले जाकर बेचना चाह रहे हैं, इसके लिए पिछले कई सालों से यहां पर आ रहे हैं, लेकिन सरकार के स्तर पर उनको जो सहयोग मिलना चाहिए, नहीं मिल पाता है।“

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के सोनार बांगला नामक फल और सब्जी के बड़े निर्यातक बिजोय चक्रवर्ती ने बताया, “उत्तर प्रदेश के कृषि उत्पाद की बंगाल में बड़ी डिमांड है, लेकिन हम चाहकर भी इसको पूरा नहीं कर पाते हैं क्योंकि इस प्रदेश की कोई स्पष्ट निर्यात नीति नहीं है।“ उत्तर प्रदेश में फल और सब्जी के निर्यात को बढ़ावा देने लिए पिछले दो साल से एक निर्यातक नीति बनाने की तैयारी प्रदेश सरकार कर रही है, लेकिन यह नीति अभी फाइलों में ही घूम रही है।

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यूपी में नहीं होती बायर सेलर मीट

अपने प्रदेश में पैदा होने वाले उत्पाद के लिए बड़ा बाजार खोजने के लिए देश के कई बड़े राज्य एपीडा के सहयोग से यूएस, एके, यूरोपियन देशों और खाड़ी देशों में बायर-सेलर मीट का आयेाजन करते हैं। वहां पर अपने कृषि उत्पाद की जानकारी देने के लिए ब्राडिंग की जाती है, लेकिन उत्तर प्रदेश इसमे पीछे है। उत्तर प्रदेश में एक हजार से ज्यादा किस्मों के आम पैदा होते हैं, लेकिन इसको लेकर जागरुकता कार्यक्रम नहीं होने से लोगों को इसके बारे में पता ही नहीं है।

बागवानी मंत्री दारा सिंह चौहान, उत्पादन और निर्यात में होने वाली समस्याओं का समाधान किया जाएगा। संबंधित विभागों के साथ मिलकर इस पर वह काम कर रहे हैं।

        

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