आईनॉक्स से विशेष बातचीत: पुष्पा सेल्स और अस्पताल प्रशासन ने पैदा किया आॅक्सीजन का संकट
Manish Mishra 19 Aug 2017 6:21 PM GMT
लखनऊ। बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में जो आॅक्सीजन का संकट हुआ उसके लिए मेडिकल कॉलेज का प्रशासन और पुष्पा सेल्स सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं। पुष्पा सेल्स को आॅक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी आईनॉक्स ने गाँव कनेक्शन को बताया कि उसने कभी बकाया न मिलने पर लिक्विड आॅक्सीजन की सप्लाई रोकने की बात नहीं कही।
पुष्पा सेल्स प्रा. लि. के प्रतिनिधि ने विभागाध्यक्ष, डीएम और डीजी मेडिकल शिक्षा को पत्र भेज कर कहा था कि अगर भुगतान नहीं हुआ, तो आईनॉक्स कंपनी ने भी भविष्य में आपूर्ति करने में असमर्थता जताई है। यह पत्र 1 अगस्त, 2017 को भेजा गया था।
इस बारे में जब गाँव कनेक्शन ने देश भर के बड़े-बडे अस्पतालों में आक्सीजन आपूर्ति करने वाली कंपनी आईनॉक्स के नार्थ इंडिया हेड सौरभ जैन से बात की तो उन्होंने बताया कि ऐसी कोई धमकी पुष्पा सेल्स प्रा. लि. को नहीं दी गई थी।
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"हमने ऑक्सीजन सप्लाई रोकने की बात कभी पुष्पा सेल्स से कही ही नहीं। उनका एक रोस्टर था, जिस हिसाब से हम सप्लाई कर देते थे।" सौरभ जैन ने गाँव कनेक्शन को बताया, "हम जानते हैँ कि पेमेंट में लेटलतीफी होती रहती है, लेकिन ऐसा कभी नहीं करते कि ज़िंदगी देने वाली आक्सीजन की सप्लाई ही रोकी जाए।"
आईनॉक्स कंपनी नई दिल्ली स्थित एम्स तक के अस्पतालों में सीधे आक्सीजन गैस सप्लाई करती है। यहां तक की लखनऊ का संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) और किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज (केजीएमसी) तक सीधे आईनॉक्स और लिंडा जैसी कंपनियों से लिक्विड आक्सीजन खरीदते हैं, लेकिन गोरखपुर का बीआरडी अस्पताल वर्षों से बीच में पुष्पा सेल्स की मध्यस्थता से गैस की खरीददारी करता आ रहा है। एसजीपीजीआई और केजीएमसी के विशेषज्ञों के अनुसार आइनॉक्स और लिंडे जैसी कंपनियों से सीधे आक्सीजन की खरीददारी करने से रिश्वतखोरी की गुंजाइश नहीं रहती है।
"जितनी आक्सीजन सप्लाई की डिमांड पुष्पा सेल्स से मिलती थी, उतनी आक्सीजन राजस्थान यूनिट से बीआरडी अस्पताल में सीधे पहुंचा दी जाती थी। पुष्पा सेल्स के पास लिक्विड आक्सीजन को स्टोर करने की सुविधा नहीं थी," सौरभ जैन ने बताया, "हम देशभर में ज्यादातर अस्पतालों से सीधे टेंडरिंग करके आपूर्ति करते हैं, लेकिन यहां पुष्पा सेल्स हमारी कस्टमर थी।" इस तरह से पुष्पा सेल्स प्रा. लि. सिर्फ एक बिचौलिए का काम कर के मुनाफा कमा रही थी।
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