सार्वजनिक स्थानों पर लगे लाउडस्पीकर के बारे में दिशा निर्देश जारी

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
सार्वजनिक स्थानों पर लगे लाउडस्पीकर के बारे में दिशा निर्देश जारीफोटो साभार: इंटरनेट

लखनऊ (भाषा)। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ की कड़ी फटकार के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सार्वजनिक स्थानों पर लगे स्थाई लाउउस्पीकरों के बारे में रविवार को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

प्रमुख सचिव गृह ने कहा

प्रमुख सचिव (गृह) अरविंद कुमार ने रविवार को बताया, “ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) के प्राविधानों का कड़ाई से पालन करने के संबंध में हाई कोर्ट के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने इस संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये हैं।“

हाई कोर्ट ने यह था पूछा

हाई कोर्ट ने बीते 20 दिसंबर को राज्य में ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण में नाकामी को लेकर कड़ी नाराजगी जताई थी और राज्य सरकार से पूछा था कि क्या प्रदेश के सभी धार्मिक स्थलों, मस्जिदों, मंदिरों, गुरुद्वारों या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लगे लाउडस्पीकर संबंधित अधिकारियों से इजाजत लेने के बाद लगाए गये हैं? अदालत की लखनऊ खंडपीठ ने प्रदेश के धार्मिक स्थलों और अन्य सरकारी स्थानों पर बिना सरकारी अनुमति के लाउडस्पीकर बजाने पर सख्त ऐतराज जताया था।

यह भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश का विकास मोदी को नहीं दिखा पाएंगे योगी

तैयार किया 10 पेज का प्रोफार्मा

सरकार ने 10 पृष्ठ का लाउडस्पीकर के सर्वेक्षण का प्रोफार्मा जारी किया है। इसमें स्थायी रूप से लाउडस्पीकर लगाने की इजाजत लेने का फॉर्म और जिन लोगों ने लाउडस्पीकर लगाने की इजाजत नहीं ली है, उनके खिलाफ की गई कार्रवाई की विस्तृत जानकारी देने को कहा गया है।

हाई कोर्ट ने अधिकारियों को दी थी चेतावनी

अदालत ने प्रमुख सचिव गृह एवं उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन को यह सारी सूचना अपने व्यक्तिगत हलफनामे के जरिये एक फरवरी तक पेश करने का आदेश दिया था। अदालत ने दोनों अधिकारियों को चेतावनी दी थी कि ऐसा नहीं करने की स्थिति में दोनों अधिकारी अगली सुनवाई के समय व्यक्तिगत रूप से हाजिर रहेंगे। स्थानीय वकील मोतीलाल यादव की ओर से दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन की खंडपीठ ने 20 दिसंबर को यह आदेश जारी किया था।

यह भी पढ़ें: नुमाइश नहीं ले गए पिता तो बेटा पहुंचा थाने , इटावा पुलिस ने पूरी की इच्छा

राज्य सरकार को यह है छूट

ध्वनि प्रदूषण नियमन एवं नियंत्रण नियम, 2000 में यह प्रावधान है कि ऑडिटोरियम, कांफ्रेंस रूम, कम्यूनिटी हॉल जैसे बंद स्थानों को छोड़कर रात 10 बजे से प्रात: छह बजे तक लाउडस्पीकरों का प्रयोग नहीं किया जाएगा। हांलाकि राज्य सरकार को यह छूट है कि वह एक कैलेन्डर वर्ष में अधिकतम 15 दिनों के लिए सांस्कृतिक या धार्मिक अवसरों पर रात 10 बजे से रात 12 बजे के बीच ध्वनि प्रदूषण कम करने की शर्तों के साथ लाउडस्पीकर बजाने की छूट दे सकती है।

यह भी पढ़ें: राजनीति में हर रंग कुछ कहता है…

राजस्थान: स्वाइन फ्लू से हफ्तेभर में 10 की मौत, भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें

क्यों हिंसक हो जाते हैं अपने ख़ास, जानिए कारण

   

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.