यूपी : बाढ़ से 69 लोगों की मौत, दो लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद

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यूपी : बाढ़ से 69 लोगों की मौत, दो लाख हेक्टेयर फसल बर्बादउत्तर प्रदेश में बाढ़ का कहर।

लखनऊ (भाषा)। उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में बाढ़ के कारण अब तक 69 लोगों की मौत हो चुकी है और दो लाख हेक्टेयर से अधिक के क्षेत्र में लगी फसल बर्बाद हो गयी है। गोरखपुर और अन्य कई पूर्वी इलाकों में बाढ़ की स्थिति भयावह बनी हुई है, वहीं राज्य के 24 जिलों की करीब 20 लाख की आबादी सैलाब से प्रभावित है।

राहत आयुक्त कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश के 24 जिलों में 19 लाख 76 हजार 125 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। बाढ़ के कारण अब तक 69 लोगों की मौत हो चुकी है और दो लाख हेक्टेयर से अधिक के क्षेत्र में लगी फसल बर्बाद हो गयी है। करीब ढाई हजार गाँव बाढ़ से प्रभावित हैं। बाढ़ से करीब छह हजार कच्चे-पक्के मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं।

बाढ़ का सबसे अधिक असर पूर्वी जिलों में देखा जा रहा है। प्रभावित इलाकों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 20 वाहिनियां, बाढ़ पीएसी की 29 कम्पनियां तैनात हैं तथा वायुसेना के दो हेलीकाप्टरों की मदद ली जा रही है, साथ ही 679 बाढ़ चौकियां स्थापित की गयी हैं और 227 राहत शिविर लगाये गये हैं। अब तक करीब 90 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

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इस बीच, बहराइच से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार जिले में आई बाढ़ तथा कटान से आज तीन बच्चों सहित चार और लोगों की मौत की सूचना के बाद जनपद में मृतकों की संख्या बढ़कर 15 हो गयी है। गोरखपुर से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार पूर्वी उत्तर प्रदेश के बस्ती-गोरखपुर मण्डल के जिलों में बाढ़ की स्थिति बरकरार है। रोडवेज और रेल प्रशासन ने कुछ बाढ़ प्रभावित मार्ग पर यातायात बंद कर दिया है।

तहसीलदार विनोद कुमार ने बताया कि गोरखपुर के 93 गाँव बाढ़ के पानी में घिरे हुए हैं। मानीराम, गायघाट, जंगल बेलवार, कौडयिा आदि गाँवों बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित हैं। पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी संजय यादव ने बताया कि असम, बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली तक जाने वाली 25 प्रमुख रेलगाड़ियों का संचालन 27 अगस्त तक निरस्त अथवा स्थगित कर दिया गया है। बिहार से आने वाली प्रमुख रेलगाड़ियों को बिहार की बाढ़ के कारण निरस्त किया गया है।

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इस बीच, केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार राप्ती नदी बलरामपुर, बांसी (सिद्धार्थनगर) बर्डघाट (गोरखपुर) और रिगौली (गोरखपुर) में जबकि बूढ़ी राप्ती नदी ककरही (सिद्धार्थनगर) तथा उस्काबाजार (सिद्धार्थनगर) में खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही है। घाघरा नदी एल्गिनब्रिज, अयोध्या और तुर्तीपार में अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। रोहिणी नदी मोहानीघाट में, क्वानो नदी चंद्रदीपघाट में तथा शारदा नदी पलियाकलां में खतरे के निशान से उपर बह रही हैं।

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