खुदकुशी करने जा रहे युवक को यूपी पुलिस के दरोगा ने दौड़कर बचाया 

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खुदकुशी करने जा रहे युवक को यूपी पुलिस के दरोगा ने दौड़कर बचाया पुलिस द्वारा ख़ुदकुशी करने से बचाया गया युवक 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज इलाके स्थित एक कंपनी में काम करने वाले युवक को वरिष्ठ कर्मचारियों ने इतना प्रताड़ित कर दिया कि सोमवार को वह गोमती नदी में खुदकुशी करने निकल पड़ा। गांधी सेतू से वह गोमती में छलांग लगाने ही वाला था कि एक दरोगा की नजर पड़ गई। दरोगा ने दौड़कर उसे पकड़ा और थाने ले गए।

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सीओ हजरतगंज अभय मिश्रा ने बताया कि, फैजाबाद निवासी पीड़ित हिमांशु त्रिपाठी बीए की पढ़ाई कर रहा था। लेकिन पिता की मौत के बाद तीन छोटे भाई बहनों की देखभाल और उनकी पढ़ाई का जिम्मा मां के सिर आ गया। आमदनी का कोई जरिया नहीं था, जिसकी वजह से दो वक्त की रोटी मिलना भी मुश्किल हो गया। हालात को देखते हुए पढ़ाई छोड़कर नौकरी करने आ गया।

यहां भी पांच हजार रुपए सैलरी तय हुई तो दो महीने से नहीं मिली। इसपर भी सीनियर्स रात दिन काम करवाने लगे और इंकार करने पर मारते-पीटते हैं। रविवार रात भी उसे मारा-पीटा गया। इतना ही नहीं सुबह काम पर गया तो कमरे में बंद करके पीटा गया। हिमांशु ने बताया कि, परिवार की ऐसी स्थित है कि बेरोजगार होकर जाने पर मां और छोटे भाई बहन सदमें में आ जाएंगे। इसकी वजह से उसने जान देने का फैसला कर लिया।

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इंस्पेक्टर गौतमपल्ली अंबर सिंह ने बताया कि, सुबह करीब सात बजे 1090 के पास सड़क हादसे की सूचना पर उनकी टीम गई थी। इसी दौरान दरोगा प्रेमशंकर पाण्डेय ने हिमांशु को नदी में कूदने का प्रयास करते देखा। वह दोनों पैर रेलिंग से नीचे लटका चुका था। सूझबूझ से काम लेते हुए बिना आवाज लगाए दरोगा ने पीछे से उसकी कमर पकड़कर सड़क की ओर खींच लिया। इंस्पेक्टर ने बताया कि, हिमांशु की आर्थिक मदद करके उसके कमरे पर पहुंचा दिया गया है। उसके साथ होने वाली प्रताड़ना की जांच के लिए हजरतगंज पुलिस को बोला गया है। वहीं इस मामले के बाद आम जनता के बीच पुलिस के एक दूसरा मानवीय चेहरा देखने को मिला, जो बहुत कमी सामने देखने को आता है।

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