औरैया: सरकारी योजनाओं का नहीं मिल रहा लाभ, छप्पर में रहने को मजबूर
Ishtyak Khan 8 July 2017 12:09 PM GMT
इश्त्याक खान/विमल यादव
स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट
अछल्दा/औरैया। नगरिया में एक परिवार है जो भुखमरी की कगार पर है लेकिन सरकारी तंत्र ने अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया है। जिला मुख्यालय से 36 किलोमीटर दूर विकास खंड अछल्दा के गांव नगरिया निवासी श्याम सिंह भदौरिया पुत्र प्रहलाद सिंह (70) को किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है।
श्याम सिंह अपने परिवार के 10 सदस्यों के साथ घास के छप्पर और कच्ची कोठरी में रहने को मजबूर हैं। उनके साथ पत्नी, दो पुत्र, दो पुत्रों की पत्नियां, बड़े पुत्र की विधवा बहू, चार बच्चे, जिसमें तीन लड़कियाँ और एक लड़का है। इनके पास डेढ़ बीघा जमीन है, अपना पालन-पोषण मजदूरी करके कर रहे हैं।
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पूरा परिवार छप्पर में पूरा गुजर बसर कर रहा है। गांव के प्रधान ने न तो आवास दिया, न ही पेंशन और न ही राशन कार्ड बनने दिया। बीपीएल राशन कार्ड बना था वो भी प्रधान ने कटवा दिया। जहां भी वह किसी आस को लेकर जाता है तो उससे पैसे मांगे जाते है पैसा न दे पाने की वजह से उसे किसी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
गांव के प्रधान सलीम खान का कहना है, “सूची में नाम भिजवाऐंगे और बजट आने पर आवास दिलाऐंगे, गरीब परिवार का राशन कार्ड कोटा डीलर द्वारा कटवाया गया है।” जिलाधिकारी जय प्रकाश सगर से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा, ‘अगर गरीब को किसी भी प्रकार की योजना से मदद नहीं मिल रही है तो उसे लाभ दिलाने का हर संभव प्रयास किया जाएगा।”
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