अब यूपी पुलिस के सामने मतगणना और बारावफात बड़ी चुनौती

Abhishek PandeyAbhishek Pandey   30 Nov 2017 5:10 PM GMT

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अब यूपी पुलिस के सामने मतगणना और बारावफात  बड़ी चुनौतीफोटो साभार: इंटरनेट

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मुहर्रम, चेहल्लुम, निकाय चुनाव ड्यूटी के बाद अब पुलिस के सामने बड़ी चुनौती मतगणना और बारावफात को शांतिपूर्वक निपटाने का है। एक दिसंबर को मतगणना और दो दिसंबर को पैगम्बर-ए-हजरत मुहम्मद साहब की यौम-ए-पैदाइश के मौके पर जुलूस को लेकर पुलिस ने संवेदनशीलता बढ़ा दी है। प्रत्याशियों की जीत-हार के परिणामों के बीच शरारती तत्वों पर अंकुश लगाने के लिए डीजीपी सुलखान सिंह ने सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया है।

पूरे उत्तर प्रदेश में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त

दूसरी ओर मतगणना के अगले दिन बारावफात के मौके पर उत्तर प्रदेश में निकलने वाले जुलूस के दौरान शरारती तत्व किसी तरह का खलल पैदा न कर दें, इन पर भी लगाम कसना पुलिस के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं। एडीजी एलओ आनंद कुमार बताते हैं, “इस दौरान पूरे सूबे में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए जाएंगे। अर्धसैनिक बलों और पीएसी के जवान मतगणना स्थल पर मुस्तैद रहेंगे।“

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फोटो साभार: इंटरनेट

धर्मगुरुओं के साथ प्रशासन की बैठक

जुलूस-ए-मदहे सहाबा और मतगणना के दौरान आपसी रंजिशों में मारपीट व खूनी संघर्ष की वारदातों को लेकर उत्तर प्रदेश हमेशा से ही संवेदनशील रहा है। पहले दिन मतगणना और दूसरे दिन बारावफात का जुलूस को लेकर सुरक्षा के मद्देनजर लखनऊ के डीएम कौशल राज और एसएसपी दीपक कुमार सुन्नी धर्मगुरु मौलाना अब्दुल अलीम और शिया धर्म गुरु कल्बे जवाद समेत कई गणमान्य लोगों के साथ लगातार बैठक कर इस पर्व को शांतिपूर्ण ढंग से निपटाने के लिए अपील कर रहे हैं। हालांकि शिया धर्मगुरु और सुन्नी धर्मगुरुओं ने डीएम और एसएसपी को भरोसा दिलाया है कि बेफिक्र रहें, इस दौरान कोई किसी तरह का उन्माद नहीं होगा और ये पर्व मिलकर मनाया जाएगा।

संवेदनशील मतगणना स्थलों पर रखी जाएगी खास नजर

डीजीपी मुख्यालय की ओर से संवेदनशील-अतिसंवेदनशील मतगणना स्थलों को चिन्हित कर वहां पर खास नजर रखी जाएगी। जिलों के पुलिस अधिकारी नए सिरे से सुरक्षा की रणनीति बनाने में जुट गए हैं। निकाय चुनाव के मद्देनजर पुलिस ने भारी संख्या में निरोधात्मक कार्रवाई की है। असलहे भी जमा कराए गए हैं, यह असलहे मतगणना के बाद ही वापस किए जाएंगे। वहीं निरोधात्मक कार्रवाई छह माह तक के लिए प्रभावी होती है, लेकिन चुनाव के नतीजे और बारावफात की संवेदनशीलता से इन्कार नहीं किया जा सकता। ऐसे मौके पर लोग प्रतिशोध की भावना से अचानक कदम उठा लेते हैं।

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रासूका जैसी कठोर कार्रवाई करने से भी नहीं हटेंगे पीछे

दूसरी तरफ लखनऊ के एसएसपी दीपक कुमार ने बताया, “भले ही पुलिस के सामने चुनौती हो, लेकिन शरारती तत्वों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और इस दौरान किसी ने कानून को अपने हाथ में लेने का प्रयास किया तो उस पर रासूका जैसी कठोर कार्रवाई करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।“

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