घरों से निकलने वाले बेकार पानी से भर रहे तालाब

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घरों से निकलने वाले बेकार पानी से भर रहे तालाबशहर से 10 किमी दूर भराला गाँव के लोगों शुरू किया अनूठा काम

साक्षी- स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

दौराला, मेरठ। पानी बचाने की मुहीम को लेकर मेरठ के लोगों ने मिसाल कायम की है। ग्राउंड वाटर के गिरते स्तर की समस्या के चलते भराला गाँव के लोगों ने घरों से निकलने वाले पानी को गड्ढे बनाकर जमा करना शुरू किया है, इसके लिए उन्होंने गाँव में सूखे पड़े तालाब का उपयोग किया है।

गड्ढे बनाकर खराब पानी को इस्तेमाल करने की प्रक्रिया के बारे में भराला गाँव के निवासी अनुज भराला बताते हैं, “यहां पर लोग घरों से निकलने वाले खराब पानी से वे अपने पशुओं नहलाते हैं, साथ ही पानी बचने पर खेतों की सिंचाई भी करते हैं।’’ ग्रामीणों के अनुसार पहले खेतों की सिंचाई के लिए करीब 40 ट्यूबवेल से पानी निकाला जाता था। पानी के गिरते स्तर को देखते हुए गाँव वालों ने पानी को बचाने का फैसला किया।

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पानी की चिंताजनक स्थिती को देखते हुए ही गाँव के सभी लोगों ने पानी बचाने की पहल की है ताकि दूसरे राज्यें की तरह पानी की किल्लत का सामना ना करना पड़े। पहले घरों में इस्तेमाल के बाद बचने वाला पानी, जो नालियों में फैला रहता था उसे बचाया जा रहा है।

भराला गाँव के प्रधान उपेंद्र सिंह ने बताया कि 80 के दशक में गाँव में लोग महज 10 फीट खुदाई कर ही हैंडपंप से पानी निकाल लेते थे। धीर-धीरे भूमिगत जल के गिरते स्तर से ये समस्या इतनी बढ़ी है।

रोजाना एक बीघा खेत की होती है सिंचाई -

गाँव वालों की पानी बचाने की इस मुहिम का नतीजा यह निकला कि अब इस गड्ढे में जमा होने वाले पानी से रोजाना एक बीघा खेत की सिंचाई की जाती है। न ही इस पानी में किसी तरह का कैमिकल है और न ही यह दूषित है, इसलिए यह सिंचाई के लिए भी बेहद फायदेमंद है। पानी बचाने के इस काम में एक एनजीओ रिसर्च एंड रिलीफ सोसाइटी ने भी गाँव वालों की मदद की है। इतना ही नहीं गाँव वालों ने शपथ भी ली है कि वे हर घर में पानी स्टोर करने के लिए टैंक का निर्माण भी कराएंगे।

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